जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कोरोना का कहर कम होते ही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जिसे भी इस कानून के तहत भारत की नागरिकता चाहिए उन्हें एक साल के अंदर इसकी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। एक साल के बाद यह कानून लागू नहीं रहेगी।
इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता दे दी जाएगी। पिछले साल दिसंबर में ही संसद से सीएए बिल पास हो चुका है, लेकिन पहले विरोध प्रदर्शनों और फिर कोरोना के कारण इसे अभी लागू नहीं किया जा सका है।
असम के लिए विशेष प्रावधान
सूत्रों के अनुसार सीएए कानून के लिए बने नियम के तहत इसकी पूरी प्रक्रिया एक साल के भीतर पूरी कर ली जाएगी। आवेदन के साथ दिये दस्तावेजों का सत्यापन का काम होगा।
एक बार दस्तावेजों का सत्यापन हो जाने और यह सुनिश्चित हो जाने के बाद कि पड़ोसी देश से धार्मिक उत्पीड़न के कारण आवेदनकर्ता 31 दिसंबर 2014 के पहले भारत आ चुका है। 31 दिसंबर 2014 के पहले आने का सबूत देने के लिए कई विकल्प दिये जाएंगे, जिनमें समुदाय या स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा जारी प्रमाण पत्र भी शामिल हैं।
एक साल बाद आये आवेदनों पर इस कानून के तहत विचार नहीं किया जाएगा। वैसे नागरिकता प्राप्त करने के दूसरे कानूनी प्रावधानों के तहत जरूरतमंद शरणार्थियों को नागरिकता पहले की तरह दी जाती रहेगी।
उनके अनुसार, असम के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। जिसमें सीएए के तहत नागरिकता देने का काम छह महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। असम सरकार ने सीएए के तहत नागरिकता के लिए केवल तीन महीने की मोहलत देने का अनुरोध किया था।
विरोध प्रदर्शन को लेकर केंद्र सरकार ने तैयार
सीएए के लागू होने के बाद इसके खिलाफ नए सिरे से विरोध प्रदर्शनों की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन उसका मानना है कि ये विरोध-प्रदर्शन पिछली बार की तरह तीव्र और हिंसक नहीं होगा।
पिछली बार सीएए विरोध प्रदर्शनों की परिणति उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे के रूप में हुई थी, लेकिन कोरोना के बाद धरने और विरोध-प्रदर्शन बंद हो गए थे।
ध्यान देने वाली बात है कि शाहीन बाग के धरने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले प्रमुख लोगों ने सीएए पर अपनी गलती स्वीकार करते हुए पिछले दिनों भाजपा का दामन थाम लिया है। वहीं, कई लोग दंगे की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद हैं।