- वॉकिंग प्लाजा को लेकर पहले भी हो चुका है टकराव
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: छावनी क्षेत्र में कब कौन-सा तुगली फरमान जारी हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। मेरठ की आन-बान समझी जाने वाली माल रोड चकाचक रहती थी। टूटी सड़कें, नयी सड़क बनाने के लिए भले ही कैंट बोर्ड के पास पैसे नहीं हो, लेकिन अवरोध पैदा करने के लिए खूब बजट हैं।
रोड निर्माण के लिए कैंट बोर्ड के पास पैसा नहीं हैं, लेकिन जगह-जगह सड़कों पर अवरोध खड़ा करने के लिए खूब बजट खर्च किया जा रहा है। कुछ साल पहले सैन्य प्रशासन व जिला प्रशासन में वाकिंग प्लाजा खोले जाने पर आपसी टकराव हुआ था। उस दौरान तत्कालीन डीएम रणदीप रिणवा व सैन्य प्रशासन में रस्साकशी व तनातनी चरम पर पहुंच गई थी, मगर एक बार फिर से वॉकिंग प्लाजा दुबारा से बंद कर दिया गया। जगह-जगह बोर्ड लगा दिये गए।
बाई आॅर्डर, हालांकि किसके आॅर्डर से ये बंद हुआ? यह कुछ भी स्पष्ट नहीं हैं। बोर्ड के ऊपर ऐसा कुछ भी स्पष्ट नहीं है कि किसने यह बंद कराया। सीईओ का आवास माल रोड पर ही हैं। कुछ समय से ट्रैफिक का दबाव माल रोड पर बना था। ऐसे में सीईओ की आराम तलबी में कोई विघन पैदा नहीं हो, इसलिए भी वाकिंग प्लाजा को बंद किया गया माना जा रहा है। ऐसी चर्चा भी चल रही है। रैपिड रेल के कारण अधिकत्तर सड़कों को रोका हुआ है। माल रोड शहर की लाइफ लाइन हैं, जिसमें अवरोध उत्पन्न करने की चेष्टा की गई।
कोरोना की अनदेखी
जहां ओमिक्रॉन दस्तक दे रहा हैं, वहीं ट्रैफिक बंद करके टोल प्लाजा का दर्जा दिया जाना। यह खतरनाक निर्णय हैं। क्योंकि ऐसे में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से लोग यहां घुमने के लिए आयेंगे, जिसके चलते कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बन जाएगा। कोरोना का असर बाद में देखने को मिल रहा है। एक तरह से तमाम जनता को यहां पर घूमने के लिए आमंत्रित करना स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। सरकार भले ही सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दे रही हो, लेकिन यहां तो जनता को वॉकिंग प्लाजा में घूमने के लिए आमंत्रित कर दिया गया है, जिसके चलते कोरोना के नए वैरियेंट के संक्रमण फैलने की संभावनाएं ज्यादा पैदा हो गई हैं। यह अधिकारियों की बचकानी हरकत है।