Friday, March 29, 2024
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छावनी की जनता को मिलेगी कूड़े से निजात

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  • छावनी बोर्ड बैठक में सीईओ ने एमआरएफ प्लांट का रखा प्रस्ताव

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: छावनी क्षेत्र में रहने वाली जनता को जल्द ही कूड़े से निजात मिलने के साथ शुद्ध हवा में सांस लेने का अवसर मिलेगा। बोर्ड बैठक में रजबन में एमआरएफ (मेटीरियल रिकवरी फैसेलिटी) प्लांट लगाए जानें पर सहमति बनी हैं। साथ ही छावनी में रहने वाली जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करानें के लिए लगाए गए वाटर एटीएम भी जल्दी काम करने लगेंगे। इन दोनों प्रपोजलों को लेकर सीईओ कैंट बोर्ड ने बोर्ड अध्यक्ष के सामने प्रस्ताव रखा, जिसे मान लिया गया।

शुक्रवार को कैंट बोर्ड आॅफिस में ब्रिगेडियर राजीव कुमार की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक हुई, जिसमें छावनी क्षेत्र में पैदा होने वाले कूड़े के निस्तारण को लेकर चर्चा हुई। सीईओ ज्योति कुमार ने रजबन में एमआरएफ प्लांट लगाने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव में पहले एक प्लांट लगाने पर सहमति बनी। प्लांट में कुल छह तरह की मशीनों को लगाया जाएगा, जिसमें कूड़ाघरों से कूड़ा उठने के बाद सीधे प्लांट पर पहुंचेगा।

यहां कूड़े से प्लास्टिक को अलग करने से लेकर बचे हुए कूड़े को नष्ट करने के साथ र्इंट-पत्थरों जैसी कठोस निर्माण सामाग्री को रोड़ी में बदलने तक की मशीने लगाई जाएंगी। प्लांट को ट्रीचिंग ग्राउंड पर ही लगाने की योजना है, जिससे पहले से पड़े कूड़े को हटाया जा सके और नए कूड़े को उसी समय नष्ट किया जा सके।

रोज निकलता है 40 टन कूड़ा

कैंट इलाके में आने वाले क्षेत्रों से रोजाना 40 टन से ज्यादा कूड़ा निकलता हैं। इस कूड़े को छावनी परिषद अपने ट्रीचिंग स्टेशनों पर डलवाता हैं। किला रोड पर मेडिकल जाने वाली रोड पर बने ट्रीचिंग स्टेशन पर भारी मात्रा में कूड़ा जमा है। ऐसे ही अन्य दो जगहों पर भी कूड़े का ढेर लगा है।

जिससे उठने वाली दुर्गंध से आम जनता को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कूड़ा निस्तारण प्लांट की सख्त आवश्यकता हैं। केन्द्र सरकार कूड़ा निस्तारण के लिए अगल से 50 लाख का बजट देती है। जिससे कैंट बोर्ड के बजट पर इसका भार नहीं पड़ेगा।

वाटर एटीएम भी होंगे चालू

छावनी क्षेत्र में इस समय कुल 21 वाटर एटीएम लगे हैं, जो काम नहीं कर रहे हैं। इनसे एक रुपये लीटर की दर से स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध कराने की योजना थी, लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में यह वाटर एटीएम लंबे समय से खराब पड़े हुए हैं। सीईओ कैंट ने इन वाटर एटीएमों को फिर से शुरू करने की तैयारी की है। पिछले कुछ समय पहले इन वाटर एटीएम को शुरू करने के लिए टेंडर डाले गए थे, लेकिन कोई कंपनी राजी नहीं हुई।

अब राजस्थान की एक कंपनी का टेंडर हुआ है। जिसके बाद इन एटीएमों को शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। बैठक में कैंट अस्पताल में स्टाफ की कमी, पीने के पानी की टंकियों की सफाई, आबूलेन स्थित बंगला नंबर-182 में हुए अवैध निर्माण, गांधीबाग के रैपिल रेल स्टेशन पर पार्किंग, छावनी में नालों पर हुए अतिक्रमण को लेकर भी चर्चा हुई, जिनके लिए जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर उसे रक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा।

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