- कई बड़े अवैध निर्माण हुए और उनको रोकने की दिशा में प्रयास सिर्फ दिखावे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आखिर कैंट बोर्ड के अफसरों की क्या लाचारी हैं, जो अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने से कन्नी काट रहे हैं? कई बड़े अवैध निर्माण हुए और उनको रोकने की दिशा में प्रयास सिर्फ दिखावे वाले हुए। सार्थक प्रयास किये होते तो अवैध निर्माणों पर अंकुश लग सकता था। यही नहीं, जो भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारियों को भी जेल जाने से बचाया जा सकता था। आला अफसरों की इसे लाचारी कहें या फिर लापरवाही? इसके पीछे भ्रष्टाचार भी हो सकता हैं, इसको लेकर भी चर्चाएं आम हो रही हैं। फिर भी कैंट बोर्ड के अफसर इसमें भ्रष्टाचार रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठा पा रहे हैं।
बीसी लाइन में कोठी नंबर-152 में अवैध निर्माण चला। एक-दो दिन नहीं, बल्कि एक वर्ष से चल रहा हैं। निर्माण का संज्ञान तो कैंट बोर्ड ने लिया, जिसके बाद इसे ध्वस्तीकरण भी किया, लेकिन वर्तमान में फिर से इसका निर्माण पूरा कर दिया गया हैं। सर्वेंट क्वार्टस बना दिये गए, जो पहले नहीं बने थे। इनको प्लाटर व पेंट कर कंपलीट कर दिया गया हैं। ये अब कैंट अफसरों को नहीं दिख रहा हैं। यदि अफसर ईमानदारी से काम कर रहे हैं तो फिर इसमें कार्रवाई करने से क्यों बच रहे हैं। इसमें बड़ी कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन अब इसमें कोई कार्रवाई नहीं कर कैंट बोर्ड के अफसर खद अपनी लाचारी पेश कर रहे हैं।
व्हाइट हाउस के बराबर में एक बड़ाअवैध निर्माण बनकर तैयार हो गया हैं। अवैध निर्माण इतना बड़ा था कि करीब दो हजार फीट का लिंटर अवैध तरीके से डाल दिया गया। इसे भी कैंट बोर्ड के अफसरों ने इसे भी पुराना साबित करने की कोशिश कर इस पर पर्दा डाल दिया गया। इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्यों नहीं की? इसके पीछे आखिर ‘राज’ क्या हैं? कौन है जो अवैध निर्माणों को बढ़ावा दे रहा हैं? इसके लिए अधिकारियों की जवाबदेही तो बनती हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। यही नहीं, वर्तमान में पैलेस सिनेमा का अवैध निर्माण सुर्खियों में आ गया हैं।
मानचित्र तो स्वीकृत था, लेकिन वो मानिचत्र चार वर्ष पूरे होने पर खारिज हो चुका हैं। इस बीच निर्माण ही चालू नहीं कर सके। इसलिए इसका मानचित्र फिर से स्वीकृत होना चाहिए था, जिसके बाद ही निर्माण किया जा सकता हैं, लेकिन यहां तो निर्माण चालू कर दिया गया है। जेसीबी मशीन से बेसमेंट व अन्य कार्य रात-दिन किये जा रहे हैं। कैंट बोर्ड के अफसर भी इस तरफ से आंखें बंद किये हुए हैं। कैंट बोर्ड से चंद कदम की दूरी पर है एक स्कूल की बिल्डिंग, इसका भी अवैध निर्माण पूरा कर दिया गया हैं। इसमें भी कोई कार्रवाई कैंट बोर्ड अफसरों ने नहीं की हैं। इसमें क्यों कार्रवाई नहीं की जा रही हैं, इसके लिए जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं।