- किसान आंदोलन की प्रत्येक गतिविधि को सोशल मीडिया पर कर रहे प्रचारित
जनवाणी ब्यूरो |
मेरठ: देशभर में चल रहे किसान आंदोलन को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़े छात्रनेता मजबूत धार दे रहे है। जिसमें वह किसान आंदोलन के प्रत्येक पहलू को सही रुप से आम जनता तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल करते है। इतना हीं नहीं वह सरकार से भी अपील करते हुए कृषि कानून को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग करते नजर आ रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर ही किसान आंदोलन को लेकर सवाल उठाने वाली पोस्टों का भी उचित जबाव देते है।
सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर किसानों को समर्थन
देश की राजनीति में हमेशा से ही छात्रराजनीति का वर्चस्व रहा है। क्योंकि छात्रराजनीति सक्रिय राजनीति की नर्सरी कही जाती है। जिसमें युवा छात्रनेता छात्रों की आवाज को उठाते-उठाते आम जनमानस की आवाज बन जाता हैं। इसी तरह की झलक अब भी देखने को मिल रही है।
छात्रनेता धरती पुत्र की मांग को जमीनी स्तर से लेकर सोशल मीडिया के ट्वीटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक, वॉटसएप आदि अन्य साईट पर बहुखूबी से प्रचार कर रहे है। वहीं दूसरी ओर किसानों आंदोलन को लेकर भ्रमित बातों को तुरंत खारिज करते हुए किसानों की आवाज को बुंलद करते हैं।
गाजीपुर बॉर्डर पर भी पहुंचकर करते है समर्थन
सीसीएसयू से संबंधित कॉलेजों से पढ़ाई करते हुए छात्रराजीति करने वाले सभी छात्रनेता ग्रामीण परिवेश से ही जुड़े हुए है। इसलिए जब भी किसानों की बात आती है। वह आगे आकर खड़े हो जाते है। वहीं, सोशल मीडिया से अलग भी कुछ छात्रनेता गाजीपुर बॉर्डर पर जाकर धरती पुत्र के हौसलों को और बुंलद करते है।
दरअसल, पिछले 75 दिनों से केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे है।किसानों की मांग है कि तीनों कानून को वापस लेते हुए एमएसपी की गारंटी के लिए कानून पास किया जाएं।जिससे किसानों की फसल उचित रेट में बिके।किसानों का है कठिन मेहनत के बाद भी किसानों की फसल के उचित दाम नहीं मिल पाते।