Saturday, July 27, 2024
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सीसीटीवी कैमरे बने पुलिस के मुखबिर

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  • गांवों और मोहल्लों में मुखबिर तंत्र लगभग खत्म होने से पुलिस हो रही असहाय

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: गांवों और मोहल्लों में मौजूद पुलिस के मुखबिर बड़ी बड़ी घटनाओं को खुलवाने में अहम रोल अदा करते थे, लेकिन जब से पुलिस ने मुखबिरों की सेवा करनी बंद कर दी तभी से पुलिस को निचले स्तर से सूचनाएं मिलनी काफी कम हो गई है।

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इस कारण पुलिस को मर्डर, लूट और अन्य जघन्य अपराधों को खोलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब पुलिस के पास सीसीटीवी का सहारा रह गया है। अगर अपराधी या ंसंदिग्ध व्यक्ति सीसीटीवी टीवी में अगर नहीं आया तो अपराधी पकड़ना पुलिस के लिये मुश्किल साबित हो रहा है।

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शास्त्रीनगर में बेटे आर्यन ने अपने दोस्त आदित्य के साथ मिलकर अपने माता पिता की हत्या कर दी थी। आसपास लगे सीसीटीवी में दो युवक स्कूटी पर आते नजर आ रहे थे। उन्होंने घर का पीछे वाला दरवाजा खुलवाया और भीतर चले गए थे। दो घंटे बाद वे जाते हुए दिख रहे हैं। उन्होंने ही वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने इसके आधार पर दोनों को गिरफ्तार कर केस खोल दिया था।

ब्रहमपुरी के शकूर नगर में सीसीटीवी फुटेज में हमलावरों के एक समूह को बीच सड़क पर एक व्यक्ति को चाकू मारते हुए देखा गया था। प्रॉपर्टी विवाद को लेकर चाचा ने अपने भतीजे को बीच सड़क पर दस चाकू मारकर जान ली थी। परतापुर थाना क्षेत्र के सोरखा गांव में घर में बैठी बुजुर्ग महिला निछत्तर कौर को तीन युवकों ने गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया था।

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वहीं, बलविंद्र को कर से जाते समय गांव में ही गोलियों से भून दिया था। महिला को गोली मारने का लाइव वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था। लिसाड़ीगेट में पिता ने अपनी बेटी की बेरहमी से हत्या कर नाले में फेंक दिया था। सीसीटीवी फुटेज में दो युवक पुलिस को जाते हुए दिखाई दे रहे थे। खरखौदा थाना क्षेत्र में रविवार सुबह सनसनी फैल गई जब जमना नगर इलाके की गैस गोदाम वाली गली में नाले के पास एक संदिग्ध बोरा पड़ा मिला।

स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। मौक पर पहुंची पुलिस ने बोरे की जांच की तो उसके अंदर एक युवती का निर्वस्त्र शव मिला था। वहीं, मामले की जांच के दौरान पुलिस के हाथ जो सीसीटीवी फुटेज लगी उसने पूरे इलाके में दहशत फैला दिया था।

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सीसीटीवी वीडियो में दिख रहा है कि एक शख्स बोरे को कंधे में टांगे यहां वहां घूम रहा था। फिर कुछ देर बाद वो बोरे को फेंककर भाग गया। वहीं एक दर्जन से अधिक वारदातें ऐसी है जिसमें पुलिस के पास सीसीटीवी कैमरे की फुटेज नहीं है 90 प्रतिशत से अधिक घटनाएं इसी कारण से अनसुलझी बनी हुई है।

भ्रष्टाचार के आरोप साबित होते ही प्राचार्य हुए फरार

वेस्ट यूपी के सबसे बड़े कालेज मेरठ कालेज के प्राचार्य डा. एस एन शर्मा भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद से कालेज से गायब हैं। मेरठ कालेज प्रबंध समिति के सचिव डा. ओम प्रकाश अग्रवाल ने प्राचार्य को फरार बताते हुए एसएसपी और लालकुर्ती थाने को पत्र लिखा है।

सचिव ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि मेरठ कॉलेज के प्राचार्य डा. एस एन शर्मा ने अपने क दुरूपयोग करते हुये इग्नू स्टडी सेन्टर जो गेरठ कॉलेज परिसर में संचालित है, से अवैध रूप से धन आर्जित किया है। 10 मार्च 2022 को मेरठ कॉलेज में इग्नू कोर्स की परीक्षा कराने हेतु डा. संजय कुमार को परीक्षा कोआर्डिनेटर के रूप में नियुक्त किया गया था,

किन्तु 29 मार्च 2022 को तात्कालीन प्राचार्य डा. एस एन शर्मा ने जानबूझकर अवैध धन प्राप्त करने के उद्देश्य से जबरदस्ती दबाव बनाकर डॉ संजय कुमार का नाम कोआर्डिनेटर से कटवाकर अपना नाम कोआर्डिनेटर के रूप में लिखवा दिया जबकि डां. संजय कुमार वहां मौजूद थे और उस दिन कोआर्डिनेटर के रूप में उन्होंने अपने हस्ताक्षर भी किये थे।

वहीं प्राचार्य 29 मार्च 2022 को महाविद्यालय परिसर में उपस्थित नहीं थे क्योंकि उसी दिन उन्होंने प्रात: 8:30 बजे डाक्टर सिद्धार्थ शर्मा से अपने आंखों की सर्जरी करा कर महाविद्यालय से अवकाश प्राप्त नही किया था। इस प्रकार प्राचार्य के द्वारा स्वयं को परीक्षा अधीक्षक दर्शाते हुये इग्यू से अनाधिकृत रूप से धन प्राप्त किया गया है जिसकी पुष्टि उनके बैंक खातों से हो रही है

उनके द्वारा परीक्षा केन्द्र पर मौजूद न होते हुये दृष्टि आई फाउंडेशन में भर्ती रहते हुये परीक्षा संबन्धित अभिलेखों को अस्पताल में मंगाकर वहीं पर अपने हस्ताक्षर करना भी भ्रष्टाचार को दर्शाता है। सचिव ने बताया कि तात्कालीन प्राचार्य के इस कृत्यों की सूचना थाना लालकुर्ती व एसएसपी को दे दी गयी है।

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