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टैक्सेशन में सुधार के साथ ही आय के अन्य साधन सृजित करने के भी दिए निर्देश
जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने शनिवार को नगर विकास विभाग के अन्तर्गत अमृत 1.0, अमृत 2.0, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), पीएम स्वनिधि, सूडा, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन आदि की समीक्षा की। बैठक में परियोजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति से अवगत कराया गया। वहीं मुख्य सचिव ने कहा कि नगरीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाये जाने के लिए प्रयास किये जायें।
टैक्स, लाइसेंस फीस व यूजर चार्जेज की पुनः समीक्षा की जाये और सभी तरह के शुल्क व चार्जेज को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा लोगों को उपलब्ध करायी जाये। टैक्सेशन में सुधार के साथ ही आय के अन्य साधन सृजित करने के प्रयास किये जायें। उन्होंने कहा कि नगर निकायों में अभी हाल में चुनाव संपन्न हुये हैं, इसलिये अभी से ऐसा सकारात्मक एवं प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करें, जिससे बेहतर परिणाम प्राप्त हों। उन्होंने अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिये अन्य प्रदेशों के सफल मॉडल का अध्ययन कर उसे प्रदेश में भी लागू कराने का सुझाव दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि आवंटित लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्रयास प्राप्त करने हेतु सभी योजनाओं की सम्बन्धित मिशन निदेशक द्वारा साप्ताहिक समीक्षा अवश्य की जाये। वित्तीय वर्ष में आवंटित धनराशि का शत-प्रतिशत सदुपयोग पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाये।
निर्माण कार्य पूर्ण होने वाली परियोजनाओं का जल्द से जल्द हैण्डओवर किया जाये। उन्होंने कहा कि अमृत 2.0 के अंतर्गत हर जिले के कम से कम एक वार्ड कुल 75 वार्डों को 24 घंटे शुद्ध पेयजल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराने के कार्य में तेजी लायी जाये। उन्होंने नगर निगम अयोध्या के लिए बॉन्ड जारी करने का सुझाव दिया।
साथ ही मुम्बई में संचालित डब्बा सिस्टम का अध्ययन कर प्रदेश में एनयूएलएम के माध्यम से लागू कराने के सुझाव दिया, इससे प्रदेश में हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों व अन्य लोगों को शुद्ध एवं पौष्टिक खाना मिल सकेगा। इसके अलावा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये अन्य राज्यों में हो रहे अभिनव प्रयोगों का भी अध्ययन कर प्रदेश में लागू कराया जाये, साथ ही स्वयं सहायता समूहों की आवश्यकतानुसार ट्रेनिंग करायी जाये।
डीएस मिश्र ने कहा कि पीएम स्वनिधि के अन्तर्गत इनएक्टिव वेण्डर्स एवं शून्य लेन-देन वाले वेण्डर्स को प्राथमिकता पर एक्टिव किया जाये। बैंक से प्राप्त यूपीआई आईडी से भिन्न आईडी का प्रयोग करने वाले वेण्डर्स की यूपीआई आईडी व मोबाइल नंबर को पोर्टल पर अपडेट किया जाये। स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदेश के शहर अच्छी रैंक प्राप्त करें, इसके लिये विशेष प्रयास जारी रखे जायें। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत लक्ष्य निर्धारित कर एक-एक शहर को आच्छादित कराया जाये।
बैठक में बताया गया कि अमृत 1.0 के अन्तर्गत स्वीकृत 169 पेयजल आपूर्ति की परियोजनाओं में से 155 का कार्य पूर्ण हो चुका है और शेष 14 का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार सीवरेज की 110 परियोजनाओं के सापेक्ष 82 का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 28 का कार्य प्रगति पर है।
सेप्टेज मैनेजमेंट की 52 स्वीकृत परियोजनाओं में से 42 का कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष 52 निर्माणाधीन है। इस प्रकार अमृत 1.0 में कुल 331 परियोजनाओं में से 279 का कार्य पूर्ण हो चुका है और 52 निर्माणाधीन हैं। अमृत 1.0 के अन्तर्गत 9,19,142 के लक्ष्य के सापेक्ष 8,83,283 को वाटर सप्लाई कनेक्शन तथा 10,51,180 के सापेक्ष 7,63,082 को सीवरेज कनेक्शन उपलब्ध कराया जा चुका है।
अमृत 2.0 के अन्तर्गत स्टेट वाटर एक्शन प्लान (ट्रेंच-1) में 101 तथा स्टेट वाटर एक्शन प्लान (ट्रेंच-2) में 240 वाटर सप्लाई एवं सीवरेज की परियोजनाओं को अनुमोदन प्राप्त हुआ है। अनुमोदन के उपरान्त ट्रेंच-1 में 90 परियोजनाओं की डीपीआर तैयार हो चुकी है और 68 का जीओ भी जारी कर दिया गया है। इसी प्रकार ट्रेंच-2 में 64 परियोजनाओं डीपीआर तैयार हो चुकी है।
बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, सचिव नगर विकास रंजन कुमार, निदेशक सूडा डॉ अनिल कुमार, निदेशक स्थानीय निकाय नेहा शर्मा, प्रबंध निदेशक उप्र जल निगम (नगरीय) अनिल ढ़ींगरा, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
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