- बसों की स्थिति जर्जर होने के बावजूद यात्री इन बसों के संचालन को पूर्ण सहयोग देकर करते हैं यात्रा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एमडी के आदेश को ताक पर रखकर शाम के समय जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में जाने वाली सिटी बसों को घंटों तक नदारद किया जा रहा है। जिसके कारण यात्रियों को थ्री व्हीलर या डग्गामार बसों के जरिये सफर करते हुए गंतव्य तक पहुंचने के लिए विवश होना पड़ता है। दैनिक यात्रियों का कहना है कि मेरठ महानगर सिटी बस सेवा के जरिये सरधना, मवाना-हस्तिनापुर, किठौर, मोदीनगर-मोदीपुरम समेत विभिन्न मार्गों के हजारों यात्री देहात क्षेत्र से मेरठ आते जाते हैं।
बसों की स्थिति जर्जर होने के बावजूद यात्री इन बसों के संचालन को पूर्ण सहयोग देते हुए इनमें यात्रा करते हैं। यात्रियों का कहना है कि दिन के समय बसों की उपलब्धता प्राय: बनी रहती है, लेकिन शाम होते ही अधिकांश मार्गों पर चलने वाली सिटी बसें एकाएक गायब हो जाती हैं। इस अवधि में संबंधित मार्गों पर थ्री व्हीलर और डग्गामार बसें एकाएक प्रकट हो जाती हैं और यात्रियों को ढोने का काम करती हैं। सिटी बसें उपलब्ध न होने की दशा में यात्रियों को मजबूरन इन्हीं के माध्यम से गंतव्य तक जाना पड़ता है।
विभाग के कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि शाम के समय यात्री अधिक होने के बावजूद सिटी बसों को अधिकारियों की मिलीभगत के कारण गायब कर दिया जाता है। जिसकी एवज में अवैध संचालन करते वालों की ओर से अधिकारियों की मुट्ठी तक गर्म की जाती है। ऐसी स्थिति तब है, जबकि एमडी का चार्ज लेने वाले आरएम की ओर से रात आठ तक नियमित रूप से संचालन करने के आदेश पूर्व में जारी किए जा चुके हैं। यात्रियों का कहना है कि बसों की किल्लत के बारे में अधिकारियों का कई बार ध्यान आकर्षित कराया जा चुका है,
लेकिन उन्होंने इस स्थिति में कोई सुधार करने की जरूरत नहीं समझी है। सरधना क्षेत्र के यात्रियों का कहना है कि इस संबंध में एक प्रतिनिधिमंडल आरएम केके शर्मा से मिलकर इस बारे में शिकायत करेगा। वहीं इस बारे में सिटी इलेक्ट्रिक बसों का संचालन देख रहे प्रवीण सक्सेना का कहना है कि रात सात बजे तक हर आधा घंटे के अंतराल से भैंसाली बस स्टेशन से बसों का संचालन किया जा रहा है।
नेत्र और स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही रोडवेज में ड्यूटी कर पाएंगे चालक
प्रदेश मुख्यालय से प्राप्त आदेश के अनुपालन में मेरठ परिक्षेत्र में सेवारत सभी रोडवेज चालकों के नेत्र और स्वास्थ्य परीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए सोमवार से 25-30 चालकों का प्रतिदिन परीक्षण करके रिपोर्ट दी जाएगी। आरएम केके शर्मा ने बताया कि सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत चालकों के नेत्र परीक्षण के साथ-साथ स्वास्थ परीक्षण भी कराया जाना है।
इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी से वार्ता के उपरांत प्यारेलाल जिला अस्पताल मेरठ के डा. अशोक कटारिया को अधीकृत किया गया है। जिनके पास प्रतिदिन सुबह आठ बजे से 10 बजे के मध्य लगभग 25 से 30 चालकों का स्वास्थ परीक्षण कराये जाने के लिए भेजे जाने की व्यवस्था बनाई गई है। परीक्षण के उपरान्त निर्धारित गई अगली तिथि पर परीक्षण किये गये चालकों की स्वास्थ परीक्षण रिपोर्ट चालक की उपस्थिति में प्राप्त कर डिपो में सुरक्षित रखी जायेगी।
चालकों के स्वास्थ परीक्षण में प्रति चालक लगभग 150 रुपये का खर्च आयेगा। उन्होंने बताया कि इस परीक्षण प्रक्रिया के दौरान बसों के संचालन में कोई व्यवधान न हो, इसकी रणनीति भी तैयार की गई है। इस संबंध में मेरठ परिक्षेत्र के सभी एआरएम को पत्र प्रेषित करके शैड्यूल बनाने के लिए निर्देशित किया गया है।