- तीन लाख का मामला, बेगारी के खिलाफ मुखर हुए संग्रह अमीन
- आज जिले भर के अमीन जा सकते हैं हड़ताल पर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बेगारी के पैसे मांगने पर तहसील के संग्रह अमीन हड़ताल पर चले गए हैं। शहर के 12 अमीन है, जिन पर सर्किट हाउस में आने वाले वीआईपी और अधिकारियों के लिए खाने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होती हैं। इसका कोई सरकारी बजट नहीं होता, लेकिन ये बैगारी शहर के संग्रह अमीनों को दी जाती हैं। जगजाहिर है कि संग्रह अमीन अपने वेतन से तो वीआईपी के लिए खर्च नहीं करेंगे।
एक तरह से यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा हैं। यह प्रथा एक दिन से नहीं, बल्कि लंबे समय से भ्रष्टाचार की यह प्रथा चली आ रही हैं। वीआईपी की श्रेणी में आने वाले सभी लोगों के लिए खाने की व्यवस्था संग्रह अमीन अपनी जेब से ही खर्च करते हैं। इस तरह से यह भ्रष्टाचार का लाइसेंस दे दिया जाता हैं। पैसा कमाओ और सर्किट हाउस में खर्च करो..। बेगारी की कमर तोड़ दी गई।
विधानसभा चुनाव के दौरान पर्यवेक्षक भी रहे और वीआईपी भी रहे। ऐसे में बेगारी खूब हुई। तीन लाख से ज्यादा की बेगारी हो गई। बेगारी का मटका आखिर फूट ही गया, तभी यह दर्द बाहर आया। सदियों से यह परंपरा चली आ रही थी, लेकिन वर्तमान में संग्रह अमीनों की वेतन भी रोक दी गई, जिसके चलते तीन लाख की रकम बड़ी थी। इसी वजह से भ्रष्टाचार का भंडा फूट गया और संग्रह अमीनों ने भी कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया।
तहसीलदार के खिलाफ संग्रह अमीनों ने सीधे मोर्चा खोल दिया हैं। मंगलवार को तहसील के तमाम संग्रह अमीनों ने कार्य बहिष्कार कर धरना दिया। राजस्व वसूली का कार्य पूरी कार्य बहिष्कार से प्रभावित होगा। यही नहीं, तीनों तहसील के संग्रह अमीन बुधवार से हड़ताल पर जा सकते हैं।
इसको लेकर भी संग्रह अमीनों ने मीटिंग की, जिसके बाद बुधवार की सुबह को निर्णय लिया जाएगा। पांच संग्रह अमीनों को तहसीलदार ने निलंबित कर दिया था। फिर विधानसभा चुनाव में वीआईपी की रसोई पर संग्रह अमीनों ने अपनी निजी जेब से रुपये खर्च किये थे। किया गया यह खर्च तहसीलदार ने तीन लाख रुपये सरकार से ले लिया, जबकि संग्रह अमीनों को यह धनराशि नहीं दी गई। इसी को लेकर संग्रह अमीनों ने बवाल कर दिया हैं।
तहसीलदार की इस शिकायत को संग्रह अमीनों ने डीएम दीपक मीणा से भी की तथा जांच कराकर तहसीलदार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की मांग की। मंगलवार को संग्रह अमीनों ने कार्य बहिष्कार किया और फिर तहसील परिसर में ही धरना देकर बैठ गए।
सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक तहसील परिसर में संग्रह अमीनों का धरना चला। आंदोलित संग्रह अमीनों का कहना है कि संग्रह अमीनों के खिलाफ जो उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की गई है, उसे वापस नहीं लिया जाता हैं तो पूरे जनपद के संग्रह अमीन बुधवार से हड़ताल पर चले जाएंगे।
दण्डात्मक कार्रवाई को वापस लेने की डीएम से मांग की। धरना स्थल पर मनोज गुप्ता, राज सिंह, विक्रम सिंह, प्रदीप गुप्ता, प्रदीप कौशिक, योगेन्द्र प्रताप, कुलदीप जैन, कुनाल गौतम, जरीफ अहमद, शान इलाही, सुरेन्द्र आदि मौजूद रहे।