महंगे प्लान के बावजूद उपभोक्ताओं को हो रही है परेशानी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोविड-19 से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के बीच डिजिटल प्लेटफॉर्म लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुके है। जिसमें लाॅकडाउन होने के बाद से अधिकतर लोग घर से नेट के सहारे अपना ऑफिस का काम एवं सभी प्रकार के ट्रांजैक्शन का कार्य कर रहे हैं।
जिससे बाहर जाकर संक्रमण की चपेट में ना आए, लेकिन संचार कंपनी द्वारा महंगे प्लान के बावजूद व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किया जा रहा। जिस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि नेट की कनेक्टिविटी कब चली जाए किसी भी उपभोक्ता पता नहीं होता।
लोगों को ट्रांजैक्शन के साथ-साथ ऑफिस का कार्य भी समय पर नहीं हो पा रहा। उपभोक्ताओं की माने तो वोडाफोन, एयरटेल, जियो सहित सभी संचार कंपनियां दावा तो बड़ा-बड़ा करती हैं।
वर्तमान समय में उनकी 4G की स्पीड 2G की तरह आ रही है। कई बार तो घंटों तक कनेक्टिविटी नहीं रहती, उससे काम करने में काफी असुविधा होती है। वहीं दूसरी ओर बीएसएनएल में भी कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा।
बीएसएनएल उपभोक्ता जतिन लिसाड़ी ने बताया कि पिछले 15 दिन से नेट की स्पीड में काफी गिरावट देखने को मिल रही है। जिससे ऑफिस का काम करने में परेशानी होती है। कई बार स्पीड भी धीरे हो जाती है जिससे किसी भी फाइल को भेजने में काफी समय लग जाता है।
जाहिदपुर निवासी विनोद ने बताया कि वह जियो की सिम का उपयोग कर रहे हैं। रात के समय तो नेट की स्पीड अच्छी आती है, लेकिन दिन में स्पीड काफी धीमी हो जाती है। जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कंपनी के कस्टमरकेयर को कॉल करने के बाद भी समस्या का निवारण नहीं होता।
वोडाफोन उपभोक्ता शास्त्री नगर निवासी शिवम ने बताया कि कुछ समय से वोडाफोन के नेटवर्क काफी परेशान कर रहे हैं। जिसमें कि इंटरनेट के साथ-साथ पहली बार में कॉल तक में आवाज नहीं आती। जिससे फिर से फोन करके मिलाना पड़ता है।
एयरटेल उपभोक्ता मवाना निवासी अंकित अधाना ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में नेट की कनेक्टिविटी ना के बराबर है। पिछले दिनों से नेट स्पीड बहुत ही धीमी हो गई है कुछ भी कार्य करने मे बहुत दिक्कते और समस्याये उत्पन्न हो रही है। कोविड 19 कि वजह से प्रत्येक कार्य मे नेट का प्रयोग करना होता है। मैं प्रतियोगी छात्र भी हूं परीक्षाओं की तैयारी के लिये मुझे ऑनलाइन कक्षाएं भी लेनी होती हैं, साथ ही मुझे पाठ्यक्रम सामग्री भी मंगानी पड़ती है। इसलिये बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।