Tuesday, May 20, 2025
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चार्ज चलाकर भी नहीं तोड़ पाए पदानवत की परंपरा

  • एसओ फलावदा थाने से चौकी पर हुए रिवर्ट

जनवाणी संवाददाता |

फलावदा: स्थानीय थाने से ट्रांसफर हुए थाना अध्यक्ष मुनेश शर्मा ने अपने पहले चार्ज को चुनौतीयो के साथ करीब आठ माह तक कुशलतापूर्वक चलाया, लेकिन वह भी थाने से पदानवत होने का मिथक नहीं तोड़ पाए। परंपरा के अनुसार उन्हे भी पूर्व थानेदारों की भांति पदानवत होना पड़ गया।

स्थानीय थाने में एक मुद्दत से थानाध्यक्ष के पदानवत होने की रिवायत चली आ रही है। पिछले समय फलावदा थाने से निरीक्षक राजीव कुमार, जनक सिंह पुंडीर जैसे इंस्पेक्टर का चार्ज पर पोस्टिंग अपवाद स्वरूप है। मुद्दत से एसओ को चार्ज गंवाकर पदानवत ही होना पड़ा है। फलावदा थाना अधिकतर दारोगाओ को पहली बार चार्ज मिलने और फिर पदानवत होकर रुखसत होने की परंपरा का गवाह बना हुआ है।

बताते है कि जिले के फलावदा थाने में थाना अध्यक्ष के पद पर अधिकतर उन रसूखदार दारोगाओ को मौका मिलता रहा है। जिन्हे अपनी नौकरी में कभी चार्ज मयस्सर नहीं हुआ। यहां तैनात रहे थानेदारों की फेहरिस्त में तमाम ऐसे ही नाम शामिल हैं। उन्हे पहली बार एसओ बनने का गौरव मिला। इस थाने में नए नए एसओ बनने वाले दारोगा अधिकतर कप्तान की परख में फेल होकर पदानवत होते रहे हैं। करीब ढाई दशकों से यह सिलसिला चला आ रहा है।

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करीब 25 बरसो में मात्र चार या पांच ही थानेदारों को दूसरे थाने में चार्ज पर पोस्टिंग मिली है। बड़े-बड़े रसूख वाले भी इस थाने से पैदल होकर लौटे हैं। हाल ही में ट्रांसफर हुए थाना प्रभारी मुनेश शर्मा को भी पहली बार फलावदा थाने का चार्ज मिला था। उनकी नियुक्ति शहर की एल ब्लॉक चौकी से बतौर एसओ फलावदा गत वर्ष चार नवंबर को हुई थी। कहा जा रहा है कि कप्तान रोहित सिंह सजवाण के आदेश पर मंगलवार को थाने से चौकी प्रभारी बनकर गए मुनेश शर्मा ने फलावदा थाने में एसओ के साथ पेश आने वाले तमाम सियासी दबाव और चुनौतियों को दरकिनार करते हुए कुशलतापूर्वक चार्ज चलाया।

फिर भी वह इस थाने की परंपरा को नहीं तोड़ पाए। उन्हें पदानवत होकर खरखौदा थाने की बिजली बंबा चौकी पर तैनात होना पड़ा है। इस थाने में फिलहाल हस्तिनापुर में तैनात चल रहे दारोगा धीरेंद्र उपाध्याय को एसओ बनाया गया है। उन्हे भी पहली बार थाना इंचार्ज के पद पर तैनात होने का गौरव प्राप्त हो रहा है।

शाहिद और दिनेश ने निपटाया शिक्षक, जिपं सदस्य विवाद

किठौर: महमूदपुर गढ़ी में जातिसूचक शब्द बोलने पर प्राइमरी पाठशाला के शिक्षक व जिला पंचायत सदस्य के बीच चले विवाद में भाजपा और सपा के दिग्गजों की मध्यस्थता से समझौता हो गया। दोनों पक्षों ने पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समझौता पत्र भेज मामले के निस्तारण की गुहार की है।

बीते गुरुवार को वार्ड-31 के जिपं सदस्य बिनेश कुमार का अपने ही गांव के प्राइमरी पाठशाला के शिक्षक कुलदीप सिंह से विवाद हो गया था। जिसमें बिनेश कुमार ने शिक्षक पर दलित छात्रों और स्वयं को जातिसूचक शब्द कहने व अभद्रता का आरोप लगाते हुए एसएसपी और बीएसए से शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी। वहीं शिक्षक ने भी जिपं सदस्य पर स्कूल के कमरे और प्रांगण में स्वनिधि की निर्माण सामग्री डालने, निजि ट्रैक्टर-ट्राली, जेनरेटर खड़े करने के आरोप लगाते हुए शिक्षण कार्य में व्यवधान उत्पन्न होने की बात कर जिपं पर कार्रवाई की गुहार की थी।

कई दिन तक यह मामला तूल पकड़े रहा। जिसके बाद सोमवार को पूर्व केबिनेट मंत्री/किठौर विधायक शाहिद मंजूर और राज्यमंत्री दिनेश खटीक की मध्यस्थता से महमूदपुर गढ़ी में सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में दोनों पक्षों का समझौता कराया गया। शाहिद मंजूर ने दोनों पक्षों को भविष्य में विवाद न करने की नसीहत की। मंगलवार को दोनों पक्षों ने पुलिस और शिक्षा विभाग को समझौता पत्र सौंप कार्रवाई निरस्त करने की गुहार की है।

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