Tuesday, February 11, 2025
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शास्त्रीनगर में निगम के नए भवन निर्माण पर लटकी कोर्ट की तलवार

  • हाईकोर्ट में सुनवाई: दाखिल की गई रिट याचिका का संदर्भ उसके ओरिजनल नंबर के साथ पुनर्जीवित किया

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शास्त्रीनगर नई सड़क के निकट विवादित भूमि खसरा संख्या-6041 पर निगम कार्यालय के नए भवन का निर्माण कार्य जो तेजी से कराया जा रहा है। वह हाईकोर्ट में चल रही याचिका सुनवाई के दौरान अधर में लटक सकता है। बुधवार को नगरायुक्त निर्माण विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे

ओर उन्होंने धीमी गति से निर्माण पर नाराजगी जताते हुए दो शिफ्टों में तेजी से निर्माण करने के लिए निर्देशित किया था। वहीं गुरुवार को विवादित भूमि के हाईकोर्ट में वादी धर्मपाल सिंह ने बताया कि दाखिल की गई रिट याचिका का संदर्भ उसके ओरिजनल नंबर के साथ पुनर्जीवित कर दिया है। उसे अब कोर्ट से स्टे मिलने ओर न्याय की उम्मीद जगी है।

नगर निगम द्वारा शास्त्रीनगर नई सड़क के निकट स्थित विवादित भूमि खसरा संख्या-6041 पर निगम के नए कार्यालय का प्रथम नवरात्र को शिलान्यास किया गया। जिसमें पंडित दीन दयाल नगर विकास मंत्रालय की तरफ से 42 करोड़ रुपये नए भवन के लिए शासन की तरफ से स्वीकृत किया गया है। बुधवार को नगरायुक्त ने निर्माण विभाग की टीम के साथ स्थलीय निरीक्षण किया और निर्माण को दो शिफ्टों में तेजी से करने निर्माण करने वाली कंपनी के ठेकेदार को दिए।

उक्त भूमि का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण नगर निगम निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने का प्रयास कर रही है। जबकि इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता धर्मपाल सिंह ने प्रतिवादी के रूप में यूपी स्टेट व तीन अन्य को पार्टी बनाकर वाद योजित किया हुआ है।

जिसमें हाईकोर्ट में वादी धर्मपाल के की याचिका पर वाद की सुनवाई के दौरान 19 अक्टूबर 2023 को नवीण कार्यालय परिसर की बिल्डिंग की भूमि पर विवादित संपित्त दर्शाते हुए दाखिल की गई रिट याजिका का संदर्भ उसके ओरिजनल नंबर के साथ पुनर्जीवित कर दिया। जिसमें प्रतिवादी उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य तीन के खिलाफ याचिकाकर्ता धर्मपाल सिंह के अधिवक्ता संजय के आर श्रीवास्तव, अनुज श्रीवास्तव, अनुराग शर्मा, अर्चना सिंह जादौन, देवांग सावला, कृपा शंकर मिश्रा, संतोष पांडे द्वारा कोर्ट में मामला उठाया गया।

प्रतिवादी के रूप में एडवोकेट सीएससी, पंकज श्रीवास्तव द्वारा प्रीतिकर दिवाकर मुख्य न्यायधीश अजय भनोट जे सिविल विविध पर आदेश पुर्नस्थापना को सुना गया। साथ ही 20 सितंबर 2022 के आदेश की बहाली की मांग जो की गई थी, उसकी बहाली के समर्थन में दायर हलफनामें में लिए गए आधा याचिका को बहाल करने के लिए कोर्ट ने पर्याप्त बताया। जिसमें याचिका को उसके मूल क्रमांक पर 19 अक्टूबर 2023 को बहाल कर दिया। इसमें वादी धर्मपाल का कहना है कि उसको अब कोर्ट से विवादित भूमि पर स्टे मिलने की उमीद जगी है।

गौरतलब है कि प्रथम नवरात्र को महापौर हरिकांत अहलूवालिया, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई, ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेंद्र तोमर, भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा समेत तमाम भाजपाई शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहीं हाईकोर्ट में चल रही मामले की सुनवाई के दौरान जो नया मोड़ आया है, उसके बाद शास्त्रीनगर नई सड़क के निकट निगम के नए कार्यालय भवन निर्माण पर स्टे की तलवार लटक सकती है।

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