Wednesday, July 3, 2024
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साइबर क्राइम बेरोकटोक, हालात विकट

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  • वर्ष 2022 में 1900 लोगों को चूना लगाया
  • 2023 में 15 नवम्बर तक 2150 लोगों ने दर्ज कराई शिकायतें
  • अपराधी आम लोगों से जुड़ी दिनचर्या को कर रहे टारगेट

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: साइबर क्राइम एक ऐसा अपराध है जो पूरे देश में बेरोकटोक जारी है। साइबर अपराधियों ने अब लोगों की दिनचर्या से जुड़ी बातों को ध्यान में रखकर ठगी के अलग अलग तरीकों को अपनाना शुरु कर दिया है। लाइक एंड सबस्क्राइब स्कैम के जरिये भी ठगों ने नया तरीका निकाला है। यूटयूब के वीडियो को लाइक करने और पार्ट टाइम के बदले पैसा कमाने का लालच दिया जाता है।

वहीं डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड यानि डिजिटल मनी को टारगेट कर आम लोगोंं को शिकार बनाने में ये साइबर अपराधी कोई कसर नहीं छोड़ रहे। वहीं बिजली बिल बकाया है या आधार कार्ड का केवाईसी अपडेट नहीं हुआ है आदि संदेश भेजकर इनसे लोगों को ठगा जा रहा है। साइबर ठगी के मामले में अकेले जिले की बात करें तो पिछले साल की तुलना में इस वर्ष 11 महीनो में तकरीबन बाइस सौं लोगों को चूना लगाया गया। जबकि गत वर्ष से यह आंकड़ा तीन सौ ज्यादा पार कर गया।

साइबर क्राइम के मामले दिनोंदिन जिले में ही नहीं अपितु पूरे देश इनका ग्राफ बदस्तूर जारी है। मेरठ जिले में वर्ष 2022 में साइबर क्रिमिनल्स ने 1900 लोगों को अपने झांसे में लेकर उन्हें करोड़ों रुपये की चपत लगाई थी। हालांकि साइबर सैल ने इन अपराधियों के शिंकज से 84 लाख रुपये रिकवकर कराये थे। लेकिन वर्ष 2023 में जनवरी से लेकर नवम्बर माह की 15 तारीख तक 2150 लोग इन साइबर क्रिमिनल्स की चपेट में आकर करोड़ों रुपया गंवा बैठे। लेकिन गनीमत रहीं साइबर सैल इन अपराधियों से अब तक 94 लाख रुपये रिकवर करा लिए।

रोज साइबर सैल में 15 से लेकर 20 लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुंचते हैं। जिनमें तरह तरह के फ्राड से लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। उदहारण के तौर पर बिजली का कनेक्शन कटने या बिजली बिल का बकाया जैसे मैसेज भेजकर उनसे हजारों रुपये की ठगी कर उनके खातों को खाली कर दिया जाता है। जैसे व्हाटसअप पर न्यूड महिलाओं के कॉल्स से ब्लैकमेलिंग के मामले हो। यूटयूब वीडियो लाइक करने और सबस्क्राइब करने तथा डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लोगों को फ्राड कर शिकार बनाया जाता है।

इन्हें हम कार्ड स्कैम भी कह सकते हैं। हैकर्स बिजली बिल बकाया है। या फिर आधारकार्ड का केवाईसी अपडेट नहीं हुआ इस तरह के लोगों को मोबाइल पर संदेश भेजकर शिकार बनाते हैं। इसमेें क्विक स्पोर्ट और एनी डेस्क नाम का एप होता हे। जिसे साइबर क्रिमिनल्स डाउन लोड कर 9 अंकों का कोड प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद हैकर्स के पास आपके मोबाइल का एक्सेस मिल जाता है। वे जीपे, फोनपे, भारत पे और आॅनलाइन भुगतान के दौरान ओटीपी सीवीवी कार्ड का एक्सपायरी डेट , बैलेंस, नाम आदि हासिल कर आपके ही के्रडिट कार्ड से पैसा निकाल लेते हैं।

साइबर क्रिमिनल्स अब लोगों की दिनचर्या से जुड़ें मामलों पर नजर गढ़ाये बैठे हैं। साइबर क्राइम के मामले देशभर में तेजी से बढ़ रहे हैंं। हरियाणा की गुुरुग्राम पुलिस ने 53 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था। जिसमें इन अपराधियों ने करीब 13 हजार लोगों से 56 करोड़ की ठगी को अंजाम दिया था। साइबर क्राइम को रोकने के लिए साइबर सैल के पास कोई खास प्लॉन नहीं है। जिसका नतीजा यह है कि इस अपराध में कोई कमी नही आई है। यही वजह है कि लोग दिनोंदिन इस साइबर अपराधियों के शिकंज में जकड़तें जा रहे हैं। पुलिस के पास सिर्फ एक ही उपाय है कि सजग रहिए और अपनी बैंक के अकाउंट की गोपनीयता बनाये रखें।

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