- धरने पर बैठे किसान की हुई थी तबीयत खराब अस्पताल में इलाज के दौरान तोड़ा दम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आवास विकास परिषद के खिलाफ जागृति विहार एक्सटेंशन 11 में धरने पर बैठे एक किसान की मौत हो गई। बुधवार को किसान की तबीयत धरने पर बैठने के दौरान खराब हो गई थी, जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान किसान ने दम तोड़ दिया। उधर, किसानों ने कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होगी, वह यहां से नहीं उठने वाले और किसी को यहां कार्य भी नहीं करने देंगे।
आवास विकास परिषद के खिलाफ जागृति विहार एक्सटेंशन स्कीम 11 में किसान मांगों को लेकर पिछले कई माह से धरने में बैठे हैं। इनमें सरायकाजी, काजीपुर समेत कई जगहों के किसान है। बुधवार को धरने पर बैठे सरायकाजी निवासी प्रेम सिंह पुत्र पत्तू सिंह की तबीयत खराब हो गई थी। अर्जित भूमि किसान संगठन के महामंत्री भारत भड़ाना ने बताया कि तबीयत खराब होने पर प्रेम सिंह के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
जिसके बाद सभी किसानों ने उनकी मौत पर दु:ख प्रकट किया और उनकी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की। गुरुवार को किसान का अंतिम संस्कार सरायकाजी में किया गया यहां काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।
किसानों ने कहा, धरना शांतिपूर्ण तरीके से रहेगा जारी
उधर, जब किसानों ने इस संबंध में वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि हम पिछले कई दिनों से मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। आज हमारा एक साथी हम से बिछड़ गया। उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर विधायक से वार्ता की थी। जिसमें उन्होंने जो समय दिया था वो अभी पूरा नहीं हुआ है।
जिस दिन हमे दिया गया समय पूरा हो जायेगा। हम यहां पूरी तरह से कार्य बंद करा देंगे और जिस जो जमीन खाली है। वहां पर भी खेती शुरू कर देंगे। तब तक हमारा धरना शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहा है। हालांकि उससे पहले यहां किसी को कब्जा नहीं लेने दिया जाये और न ही किसी को कोई निर्माण करने दिया जायेगा। धरने में मृतक किसान के भाई नैन सिंह, कुंदन सिंह, तुलसीदास, हुकुम सिंह, संदीप भड़ाना, बाबा प्रीतम, बिल्लु आदि मौजूद रहे।
कमिश्नरी पार्क में धरने पर बैठे किसानों को नोटिस
किसान मजदूर संगठन पर दबाव बनाकर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करने की धमकी दी जा रही है। कमिश्नरी पार्क में धरने पर बैठे किसान मजदूर संगठन के सदस्यों को पुलिस प्रशासन की ओर से धरना समाप्त जारी करने के नोटिस भी जारी किये गये हैं। संगठन ने धरना खत्म न करके यहां दो अक्टूबर को पंचायत करने की बात कही है जिसकी तैयारी की जा रही है।
किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता ललित कुमार राणा ने बताया कि पुलिस प्रशासन के आग्रह पर उनकी ओर से पैदल मार्च स्थगित किया गया था, लेकिन पुलिस प्रशासन इसका फायदा उठा रहा है। उन्होंने कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे हैं और उनका धरना जारी रहेगा। गुरुवार को पुलिस प्रशासन की ओर से संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठा. पूरन सिंह और सहयोगियों के नाम पुलिस प्रशासन की ओर से 149 के तहत नोटिस जारी किये गये हैं। प्रशासन की ओर से मुकदमों का डर दिखाया जा रहा है जबकि संगठन की ओर से जिलाधिकारी को पत्र दिया गया था धरने की अनुमति को, लेकिन उसे रिसीव नहीं किया गया।
अब संगठन के सदस्यों ने कहा कि वह प्रशासन की इस तानाशाही से नहीं डरेंगे और उनकी ओर से धरना प्रदर्शन जारी रहेगा और दो अक्टूबर को होने वाली महापंचायत अपने तय समय पर होगी। मांगों को लेकर किसान पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी वार्ता भी इस संबंध में कमिश्नर से होनी थी जो वह अब नहीं करेंगे। अब यहां पंचायत होगी।