जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: राजनैतिक जुलूसों, विरोध प्रदर्शनों और आंदोलनों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए यूपी सरकार ने संपत्ति क्षति दावा अधिकरण का गठन कर दिया है। अधिकरण लखनऊ और मेरठ में गठित किया गया है।
लखनऊ के दावा अधिकरण क्षेत्र में 12 मंडल जबकि मेरठ के कार्यक्षेत्र में 6 मंडल क्षेत्रों की दावा याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा फैलाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति की वसूली के लिए प्रदेश सरकार मार्च में उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 लाई थी।
इसी नियमावली के तहत इस दावा अधिकरण का गठन किया गया है। दावा अधिकरण को सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी और वह उसी रूप में काम करेगा।
उसका फैसला अंतिम होगा और उसके खिलाफ किसी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकेगी। क्षतिपूर्ति पाने के लिए संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटना के तीन माह के अंदर दावा अधिकरण के समक्ष आवेदन करना होगा।
क्यों पड़ी जरूरत अधिकरण की
सीएए हिंसा के दौरान लखनऊ समेत प्रदेश के कई शहरों में सरकारी व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था। इसकी भरपाई के लिए शासनादेश जारी कर एडीएम की ओर से कार्रवाई की गई थी। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। तब कोर्ट ने बिना कानून बनाए ऐसी कार्रवाई पर सवाल उठाया था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था।
लखनऊ के कार्यक्षेत्र में 12 मंडल
लखनऊ, झांसी, कानपुर, चित्रकूटधाम, अयोध्या, देवीपाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, बस्ती, गोरखपुर और विंध्याचल।
मेरठ के कार्यक्षेत्र में छह मंडल
मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़, आगरा, बरेली और मुरादाबाद।
कर्नाटक ने भी अपनाया है यूपी मॉडल
उपद्रवियों से संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई के यूपी मॉडल को कर्नाटक सरकार ने भी अपनाया है। हाल ही में बंगलुरू में हुए दंगे के बाद यह फैसला किया गया है। बीएस येदियुरप्पा सरकार ने नुकसान की क्षतिपूर्ति के संबंध में दावा आयुक्त की नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के लिए अलग संगठन
प्रदेश में महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन का गठन होगा। राज्य सरकार ने पुलिस विभाग में कार्यरत महिला उत्पीड़न संबंधी सभी इकाइयों को समाहित करने का फैसला किया है। इससे महिला सम्मान प्रकोष्ठ, महिला सहायता प्रकोष्ठ, 1090 जैसी इकाइयां संगठन के अधीन हो जाएंगी। संगठन के लिए अलग से कार्यालय भी बनेगा।
वहीं, संगठन में अपर पुलिस महानिदेशक का एक पद सृजित किया जाएगा, जो अपर पुलिस महानिदेशक महिला एवं बाल विकास सुरक्षा के नाम से जाना जाएगा। नया पद सृजित करने से एडीजी 1090 और एडीजी महिला सम्मान प्रकोष्ठ का पद स्वत: समाप्त हो जाएगा।
इन पदों का सृजन सपा शासनकाल में हुआ था। महिला सम्मान प्रकोष्ठ में एडीजी और महिला पावर लाइन 1090 में आईजी की तैनाती थी। योगी सरकार के आते ही महिला पावर लाइन 1090 में एडीजी की तैनाती की गई थी और इसके अधीन महिला सम्मान प्रकोष्ठ को भी रखा गया था।