- मुरादाबाद से आए कारोबारी, सेंट्रल मार्केट में सुनहरी दियों की धूम
- मिट्टी के साथ साथ पीलत के दियों पर लोग हो रहे फिदा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भगवान राम जब 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे तब पूरी अयोध्या नगरी मिट्टी के दीपों से रोशन थी। हर नगर और हर गांव में दीपक जलाए गए। कार्तिक मास की अमावस्या को मनाए जाने वाले इस दीपोत्सव का दायरा आज राष्ट्रीय से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक जा पहुंचा है। अमेरिका व इंग्लैण्ड सहित यूरोप के कई अन्य देशों में दीपावली धूमधाम के साथ मनाई जाती है। पौराणिक भारत के समय से चली आ रही दीपोत्सव की परम्परा इक्कीसवीं सदी तक आते आते आधुनिकता से कदमताल करने लगी है।
मिट्टी के सादे दीपों ने जहां फैंसी दियों का स्थान ले लिया वहीं इस साल पीतलनगरी मुरादाबाद के दियों की खासी डिमाण्ड है। शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट में इस बार पीतलनगरी(मुरादाबाद) में बने पीलत के दियों के भी स्टॉल लगाए गए हैं। मुरादाबाद से आए फैंसी दियों के कारोबारी नुसरत मुईन फारूखी और राना नुसरत फारूखी ने बताया कि उन्होंने मेरठ में पहली बार इस तरह के दियों के स्टॉल लगाए हैं क्योंकि पिछले कुछ समय से उनके पास पीतल के फैंसी दियों की खासी डिमांड आ रही थी।
पीतलनगरी के दियों के एक अन्य कारोबारी मो. शहजाद व जायना ने बताया इस साल कमल के फूल के रूप में बने मुरादाबादी दीपों की अच्छी डिमाण्ड है। सेंट्रल मार्केट में लगाए गए मुरादाबादी स्टॉलों पर पीतल के यह दिए और पूरे सेट 75 रूपए से लेकर 1400 रुपए तक में उपलब्ध हैं। आधुनिक डिजाइनों में तैयार करवाए गए
यह दिए ग्राहकों द्वारा खासे पसन्द किए जा रहे हैं। नुसरत मुईन फारूखी के अनुसार शुरूआती स्टॉक खत्म हो गया जिस कारण अब उन्हें बल्क में स्टॉक मंगवाना पड़ रहा है क्योंकि इन दियों इन नए डिजाइन के दियों के उन्हें विभिन्न बैंकों तथा अन्य दफ्तारों के साथ साथ कई फैक्ट्रियों से भी आॅर्डन मिल रहे हैं।
बाजारों में छाई रौनक, दिवाली की खरीदारी में जुटे लोग
12 नवंबर को देशभर में दीवाली का पर्व मनाया जाएगा। जिसके चलते बाजारों मे रौनक बनी हुई है। और लोग खूब खरीदारी के लिए जुटे हुए हैं। शहर के बाजार इस वक्त दुल्हन की तरह सजे हुए हैं। दुकानों के अलावा भी रेहड़ी पटरी कारोबारियों ने हर बार की तरह इस बार भी सड़क के बीच में अपनी अस्थायी दुकानों को सजा लिया है। ऐसे में बाजारों में भीड़ देखी जा रही है।
दुकानों में ग्राहक मिट्टी के दीपक, छोटे मंदिर, फैंसी दीये, पंचमुखी दीये, लक्ष्मी माता व भगवान गणेश की मूर्ति, स्टैंड वाले दीये, दीपक, घरों को सजाने के लिए झालर, फूल माला, कैंडल, गुलदस्ते, लालटेन, रंगोली आदि सामानों की खरीदारी कर रहे हैं। जनवाणी ने सदर में दुकानदार प्रियंका से बातचीत कि तो उन्होंने बताया के उनको ये काम करते हुए 20 साल हो गए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि बाजार में इस बार कई नई चीजें आई है।
मेड इन इंडिया सामानों के लिए भारी उत्साह
बाजारों में घर को सजाने के लिए विभिन्न तरह की देशी सजावट के सामान भी बाजार में देखने को मिल रहे हैं। इलेक्ट्रानिक और इलेक्ट्रिक उत्पाद का बाजार जगमग होने लगा है। बाजारों में रंग बिरंगी झालरों से दुकानें सजी नजर आई। इस बार भी स्वदेशी झालरों की अधिक चमक दिखाई दे रही है। उनकी मांग बढ़ी है। मेड इन चाइना की चीजों को खरीदने से ग्राहक परहेज कर रहे हैं।
इससे पहले सामान चीन से आता था। लेकिन इस बार बाजार में 90 फीसदी स्वदेशी झालरों की मांग बढ़ी है। जबकि पहले यह ठीक उलट रहता था। दुकानदारों के मुताबिक, रोशनी से संबंधी अधिकतर लाइटें मेड इन इंडिया से हैं। इनमें एलईडी, पिक्सल, राकेट शेप, झारना, स्टेप लाइटें, इलेक्ट्रॉनिक दीपक, झालरें दीपावली पर घरों प्रतिष्ठानों को जगमग करने के लिए उपलब्ध हैं।