नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हर माह में दो चतुर्थी पड़ती हैं। जिसमें एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष तिथि में मनाई जाती है। कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी कहा जाता है। वहीं, शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को विनायक कहा जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है। गणेश जी को शुभकर्ता और विघ्नहर्ता कहा जाता है, कहते हैं जिसपर गणेश भगवान की द्ष्टि हो जाती हैं उसके सभी दुखों का निर्वाणन हो जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। तो चलिए जानते हैं इस वर्ष 2024 में साल की पहली विनायक गणेश चतुर्थी कब मनाई जाएगी।
विनायक चतुर्थी 2024 तिथि
पंचांग के अनुसार पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 14 जनवरी 2024 की सुबह 7 बजकर 59 मिनट से हो रही है। इसका समापन 15 जनवरी 2024 को सुबह 7 बजकर 59 मिनट पर होगा। ऐसे में साल 2024 की पहली विनायक चतुर्थी 14 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी।
विनायक चतुर्थी 2024 विधि
- विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र पहन लें और गणेश जी के सामने प्रार्थना करते हुए पूजन का संकल्प लें।
- गणेश जी की मूर्ति एक चौकी पर स्थापित करें और उनका जलाभिषेक करें।
- भगवान गणेश को चंदन का तिलक लगाएं, वस्त्र, कुमकुम, धूप, दीप, लाल फूल अक्षत, पान, सुपारी आदि अर्पित करें।
- कहा जाता है कि गणेश जी को मोदक और दूर्वा घास बेहद पसंद है।
- ऐसे में उनकी कृपा पाने के लिए विनायक चतुर्थी के दिन मोदक या लड्डू का भोग जरूर लगाएं और दूर्वा जरूर चढ़ाएं।
विनायक चतुर्थी 2024 के दिन करें ये उपाय
- परिवार की तरक्की एवं उन्नति के लिए विनायक चतुर्थी के दिन मूषक पर सवार गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर की पूजा करें। इससे आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी।
- भगवान गणेश को मोदक बेहद प्रिय है। ऐसे में किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं। इससे आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी।
- मोदक के अलावा भगवान गणेश को दूर्वा भी प्रिय है। विनायक चतुर्थी को पूजा के समय गणेश जी को दूर्वा की 5 या 21 गांठ ”इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः” मंत्र के साथ अर्पित करें।
- विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के समय गणेश जी को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं और उसी से स्वयं का भी तिलक करें।
- इस दिन पूजा के समय गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करें। इससे गणेश जी प्रसन्न होंगे और आपकी मनोकामनाएं पूरी करेंगे।