- मुंडाली के शफियाबाद लोटी में हुए हादसे
- बारिश में नहाने निकलीं तीन किशोरियां अलग-अलग गड्ढों में डूबी
- परिजनों का पुलिस कार्रवाई से इंकार
जनवाणी संवाददाता |
मुंडाली: शफियाबाद लोटी में बारिश दो परिवारों के लिए कहर बन गई यहां नहाने निकली तीन किशोरियां पानी से भरे दो अलग-अलग गड्ढों में डूब गईं। इनमें दो किशोरियों ने मौके पर ही दम मोड़ दिया, जबकि एक को जिंदा बचा लिया गया। इन दर्दनाक हादसों से गांव हड़कंप और पीड़ित परिवारों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम को भेजने का प्रयास किया तो परिजनों ने इंकार कर दिया। पंचनामे के बाद शवों को सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
मुंडाली के शफियाबाद लोटी निवासी अक्शा (11) पुत्री राहिल, निशा (13) पुत्री शमशाद और कशिश उर्फ मल्लो (9) पुत्री फिरोज गुरुवार दोपहर गांव के दर्जनों बच्चों के साथ बारिश में नहाने निकलीं थीं। इस बीच अक्शा कुछ बच्चों के साथ गांव के पास आरा मशीन के प्लाट में भरे पानी में घुस गई। जबकि कुछ बच्चे जामुन खाने की बात कहकर गोहरा मार्ग की तरफ भाग गए। बताया कि प्लाट के पानी में उछल-कूद करती अक्शा आरा मशीन के गड्ढे में जा गिरी।
शोर मचाकर भागे साथी बच्चों ने परिजनों को सूचना दी। परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे और अक्शा को तलाशकर गड्ढे से निकाला, लेकिन अक्शा की मौत हो गई। उधर, गोहरा मार्ग की तरफ भागे बच्चों में निशा और कशिश पैर फिसलकर सरकारी ट्यूबवेल 45 के पास बने गड्ढे में गिर गईं। साथी बच्चों द्वारा शोर मचाने पर खेतों में काम कर रहे ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहुंचे और किशोरियों के परिजनों को घटना से अवगत कराते हुए पानी से बाहर निकाला,
लेकिन तब तक निशा ने दम तोड़ दिया। वहीं, मौत-जिंदगी के बीच जूझ रही कशिश के पेट से ग्रामीणों ने पानी निकाला तो उसकी जान बच गई। अचानक दो हादसों से गांव में हड़कंप और परिवार में कोहराम मच गया। घटनास्थलों पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सूचना पर लोटी चौकी इंचार्ज अखिलेश यादव मौके पर पहुंचे और शवों को मोर्चरी भेजने का प्रयास किया, लेकिन परिजनों ने कार्रवाई से इंकार कर दिया। पंचनामें के बाद देर शाम दोनों शवों को सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
मामा के घर आई कशिश
कशिश शमशाद की भांजी है वह गांव भोजपुर के सैदपुर से दो दिन पहले ही ननिहाल में आई थी। गुरुवार को घर लौटने की तैयारी कर ली, लेकिन तभी बारिश आ गई और वह मम्मी से कहकर बच्चों के साथ नहाने निकल गई।
ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
हादसे के बाद लोटी के ग्रामीणों ने निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे के अधिकारियों से भी नाराजगी जताई। ग्रामीणों का कहना था कि विभागीय अधिकारियों ने खनन कर मिट्टी तो डाली ली, लेकिन गड्ढे नहीं भरे। बताया कि कई जगह बहुत भयानक गड्ढे खोदे हुए हैं।
वहीं, साथी बच्चों ने बताया कि वह गड्ढे के पानी में दौड़कर ढेले मार रहे थे। तभी निशा और कशिश का पैर फिसल गया। ग्रामीणों ने मुबारिक के खेत में आरामशीन प्लाट में बने गड्ढे पर भी एतराज जताया। कहा कि आरा मशीन बंद हुए कई वर्ष बीत गए, लेकिन गड्ढा आजतक नहीं भरवाया गया।