- ताकि सलामत रहे नौनिहालों की सेहत, कुपोषण मिटाने को जनपद में शुरू हुआ अभियान
वरिष्ठ संवाददाता |
सहारनपुर: सरकार ने माह सितंबर 2020 को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया है। प्रत्येक शुक्रवार को अभियान चलाकर गम्भीर, तीव्र अतिकुपोषित बच्चों की पहचान में प्रारम्भिक उपचार के माध्यम से बचाव किया जायेगा। स्तनपान को बढावा देने के लिये जनमानस में जागरूकता लाई जाएगी। पोषण माह को जिले में सफल बनाने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी को नोडल अधिकारी तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
यह जानकारी जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने दी। उन्होंने जनवाणी को बताया कि पोषण माह के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जन आंदोलन एवं सामुदायिक प्रोत्साहन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंगनबाडी कार्यकत्री के द्वारा अतिकुपोषित सैम/मैम बच्चों की पहचान (वजन एवं लम्बाई के आधार पर), स्वास्थ्य जांच व आवश्यक उपचार के साथ-साथ चिकित्सा इकाइयों में स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए महिलाओं को जागरूक किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि स्तनपान के साथ ऊपरी आहार के माध्यम से बच्चों में कुपोषण के स्तर में कमी आती है। जीवन के प्रथम हजार दिवस अत्यन्त महत्वपूर्ण है। साथ ही 06 माह तक केवल स्तनपान, 2 साल तक सतत् स्तनपान जारी रखने से शिशु को उच्च गुणवत्ता वाली ऊर्जा एवं पोषण तत्व प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि मां का दूध बच्चों के सवार्गीण विकास एवं स्वास्थ्य के विकास के लिए आवश्यक है।
अखिलेश सिंह ने समस्त बाल विकास परियोजना अधिकरियों को निर्देश दिए है कि कुपोषित बच्चों का चिन्हीकरण हेतु अपने-अपने परियोजना में माह के प्रत्येक दो दिवस (शनिवार एवं रविवार) को अभियान चलाकर आंगनबाडी कार्यकत्रियों, सहायिकाओं एवं आशाओं के द्वारा 0-5 वर्ष के बच्चों का वजन करेंगे।
पोषण माह को बढावा देने तथा पोषण के विभिन्न आयामों यथा गर्भ से प्रथम एक हजार दिवस की महत्ता पोषक आहार एनीमिया, डायरिया, साथ-साथ स्तनपान के साथ ऊपरी आहार को बढावा देने आदि विषयक विद्यालय एवं महाविद्यालय के छात्रों के मध्य माह के प्रत्येक सोमवार को आनलाइन प्रतियोगिता कराई जायेगी।
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं के विकास के लिए फल एवं सब्जियां सूक्ष्म पोषक तत्वों के महत्वपूर्ण तत्व की जानकारी दी जाए। पोषक तत्वों का नियमित आहार में सम्मिलित करना स्वास्थ्य के लिये आवश्यक है। स्थानीय आहार एवं सब्जियों के सेवन से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।
ऐसी स्थिति में पौधरोपण विशेषकर फलदार पौध रोपण हेतु विशेष अभियान इस माह के प्रत्येक वृहस्पतिवार को चलाया जायेगा। पौधारोपण के अन्तर्गत मौसमी फल, पत्तेदार सब्जी, बैंगन, टमाटर, पुदीना, गाजर, तुलसी, सहजन आदि को बढावा दिया जाये।