- जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में निर्देश, जहां गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं, वहां तुरंत बनवाए जाएं
- डाटा फीडिंग में लापरवाही न बरतें, रैंकिंग पर पड़ता है इसका असर
- स्वास्थ्य कर्मियों का समय से वेतन-मानदेय का भुगतान किया जाए
वरिष्ठ संवाददाता |
सहारनपुर: जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने कहा है कि जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत संस्थागत प्रसव बढ़ाया जाए और आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य) योजना में ऐसे गांवों को चिन्हित किया जाए, जहां पर एक भी लाभार्थी का गोल्डन कार्ड नहीं बना है। उन्होंने कहा कि ऐसे गांवों को चिन्हित कर वहां कॉमन सर्विस सेन्टर, आशा कार्यकतार्ओं तथा कैम्प के माध्यम से जल्द से जल्द कार्ड बनवाए जाएं। उन्होंने कहा कि टीबी और एचआईवी के मरीजों के चिन्हीकरण में भी प्रगति लायी जाए।
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत गठित जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत संस्थागत प्रसव बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा इस पर ध्यान देने से मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकतार्ओं के मानदेय भुगतान में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। सभी स्वास्थ्य कर्मियों का समय से वेतन व मानदेय का भुगतान कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने मुजफ्फराबाद और देवबन्द क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाटा फीडिंग सही नहीं होने के कारण नाराजगी व्यक्त करते हुए, चिकित्सा प्रभारियों को डाटा फीडिंग में सुधार लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस माह की डाटा फीडिंग में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए, इससे जिले की रैंकिंग पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा प्रदेश स्तर पर जनपद की रैंकिंग में भी सुधार आना चाहिए।
यदि कहीं पर डाटा फीडिंग में लापरवाही पायी गयी तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएंगी। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बीएस सोढ़ी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. सुनील वर्मा, डा. आशा वर्मा सीआईएस (एस.बी.डी.), डा. ममता सोढी सीएमएस. (डी.डब्ल्यू.एच.), अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीएस पुण्डीर, जिला पंचायती राज अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद, जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी तथा समस्त सीएचसी एवं पीएचसी के चिकित्सक मौजूद रहे।