- चुकानी पड़ सकती है घोर लापरवाही की कीमत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इतनी भी लापरवाही किस काम की है! मत करिए इतनी लापरवाही, क्योंकि जिंदगी बहुत ही कीमती है, नहीं मिलेगी दोबारा। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के पीछे बड़ी वजह वाहन चालकों की लापरवाही होती है। सबसे ज्यादा लापरवाही दोपहिया सवार बरतते देखे जाते हैं। उन्हें न तो यातायात नियमों के पालन की चिंता रहती है और न ही उनकी हरकत से दूसरों को होने वाली परेशानी से।
वे लापरवाही पूर्वक इस कदर रफ्तार से बाइक चलाते हैं, जैसे हवा से बातें कर रहे हो। इस बीच थोड़ी असावधानी होने पर दुर्घटना घट जाती है। ऐसे में कई बार लोगों की जान भी चली जाती हैं। …या फिर किसी राहगीर को मौत की नींद सुला देते हैं। आंकड़े उठाकर देखे तो सर्वाधिक सड़क दुर्घटना में मौत युवाओं की हो रही हैं। पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़े तो कुछ वैसा ही बता रहे हैं, जो गंभीर चिंता का विषय हैं।
ऐसी लापरवाही बरतने वालों में अधिकांश युवा वर्ग के चालक होते हैं। जिले में युवा और छात्र बाइक चालकों की लापरवाही के कारण हर सप्ताह एक-दो सड़क दुर्घटना आम बात हो गयी है। लोग शराब के नशे में भी वाहन चलाने से गुरेज नहीं करते हैं।
न केवल बाइक, बल्कि सवारियों को लेकर जाने वाले तीन पहिया और चार पहिया वाहन के चालक भी नशे की हालत में गाड़ी चलाते हैं। ऐसे चालकों की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में मरने या घायल होने वाले लोगों की संख्या अधिक हो जाती है।
हेलमेट पहनने में लापरवाही
हादसों से लोग सबक नहीं ले रहे हैं और न ही पुलिस नियमों का पालन कराने को लेकर गंभीरता दिख रही है, जिसमें युवा और स्कूली छात्र हेलमेट पहनने से गुरेज कर रहे हैं। जिसका खामियाजा उनको खुद ही भुगतना पड़ता है। जिले में सड़क हादसे दुपहिया वाहन चालकों के हो रहे हैं। पिछले चार दिन में तीन दुर्घटनाएं दुपहिया वाहन चालकों की हुई हैं। जिले की सड़कों पर रोजाना ही हादसे हो रहे हैं और लगभग हर रोज ही मौत हो रही है।
हादसों से नहीं लेते सबक
कुछ माह पहले ही वेस्ट एंड रोड पर टेम्पो से गिरकर एक छात्र की मौत हो गई थी, लेकिन आज उसी सड़क पर युवा और स्कूली छात्र यातायात नियमों की धज्जियां उड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। आए दिन सड़क दुर्घटना होते रहने के बावजूद लोग ऐसे हादसों से सबक नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि लोग सावधानी नहीं बरतते। न तो यातायात नियमों का पालन करते हैं और न ही बाइक चालक हेलमेट आदि का उपयोग करते हैं।
महकमा भी नहीं गंभीर
वेस्ट एंड रोड पर कुछ दिन पहले ट्रैफिक पुलिस ने सड़क हादसों को लेकर स्कूल समय में वाहनों की आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए बैरियर लगाए थे, लेकिन कुछ समय तो सबकुछ ठीकठाक रहा, लेकिन फिर से वही पुराना ढर्रा हो चला है। बढ़ते सड़क हादसों पर रोक लगाने की दिशा में संबंधित महकमा भी गंभीर नजर नहीं आता।
वाहन चालकों की मनमानी पर रोक लगाने, ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई करने, जर्जर व बेतरतीब ढंग से बनी सड़कों को दुरुस्त करने की जरूरत है। इसके बिना ऐसे हादसों को कम नहीं किया जा सकता है, लेकिन संबंधित विभागों की पहल इस दिशा में न के बराबर देखी जाती है।
यातायात नियमों का नहीं होता पालन
सड़क सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का पालन करना जरूरी है। ऐसा किए बिना हम सुरक्षित यात्रा नहीं कर सकते, लेकिन यहां इसका पालन नहीं हो रहा है। बात चाहे जिला मुख्यालय की हो या फिर ग्रामीण क्षेत्रों की, या व्यस्त रहने वाले वेस्ट एंड रोड की, कहीं भी यातायात नियमों का पालन करते नहीं देखा जाता।
सड़क पर जैसे-तैसे मनमानीपूर्वक वाहनों को खड़ा कर दिया जाता है। सड़कों पर ही लोग कई तरह के सामान भी रख देते हैं। इन कारणों से न केवल राहगीरों को परेशानी होती है, बल्कि सड़क हादसे भी होते हैं।