- गायत्री शक्ति पीठ पर किया गया पांच कुंडीय गायत्री यज्ञ
- 50 लोगों ने गायत्री मंत्र की दीक्षा ले गुरु का वरण किया
जनवाणी संवाददाता |
नजीबाबाद: नगर के गायत्री शक्ति पीठ पर पांच कुंडीय गायत्री यज्ञ किया गया। साथ ही शांति कुंज के जोनल प्रभारी ने 50 महिलाओं व पुरुषों को गायत्री मंत्र की दीक्षा देकर गुरु का वरण कराया।
शनिवार को नजीबाबाद जलालाबाद मार्ग पर जयनगर कालौनी स्थित गायत्री शक्ति पीठ परिसर में पांच कुंडीय गायत्री यज्ञ का आयोजन किया गया। गायत्री साधकों ने मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ में आहुतियां दी।
इस अवसर पर शांतिकुंज हरिद्वार के जोनल प्रभारी डीपी सिंह ने कहा कि देव संस्कृति के निर्माता यज्ञ पिता व गायत्री माता है। गायत्री मंत्र सदबुद्धि का मंत्र है। यह महामंत्र है और गुरुमंत्र है। सदबुद्धि संसार की सर्वोपरि उपलब्धि है और सबसे बड़ी आवश्यकता है। यज्ञ चिकित्सा विज्ञान है और वातावरण को शुद्ध करता है। यज्ञ त्याग का दूसरा नाम है।
जिस कार्य में जितना बड़ा त्याग होता है, वह उतना ही बड़ा यज्ञ होता है। उन्होंने कहा कि परोपकार व परमार्थ से बड़ा दूसरा कोई धर्म नहीं है। इस अवसर पर शांतिकुंज हरिद्वार के जोनल प्रभारी डीपी सिंह ने 50 महिलाओं व पुरुषों को गायत्री मंत्र की दीक्षा देकर पंडित श्रीराम आचार्य को गुरु रूप में वरण कराया।
कार्यक्रम का संचालन गायत्री शक्ति पीठ के व्यवस्थापक डा. दीपक कुमार ने किया। गायत्री साधकों ने महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह, कमल शर्मा, जितेन्द्र सिंह, हरीश शर्मा, राज भटनागर, रिंकी सिंह, प्रेमलता शर्मा, मधुबाला गुप्ता, सारिका अग्रवाल, कामेश शर्मा, पुष्पा शर्मा, सरोज यादव, उषा गुप्ता आदि उपस्थित रहे।