- नौकरी छोड़ने के पीछे माना जा रहा है राजनीतिक कारण
- विशेष परिस्थितियों में लोकसभा 2024 के चुनावी मैदान में उतरने की सम्भावना
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: राजनीतिक पार्टियों ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। चुनावी गलियारों में चिंतन और मंथन के बीच सियासी चौपालों पर विभिन्न पार्टियों के समर्थक अपने-अपने कयास लगाये हुए है।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से लगातार दो बार सांसद बने डा. संजीव कुमार बालियान भी सियासत की नई इबारत लिखने में जुटे हुए हैं। उनके सियासी सफर में कदम से कदम मिलाकर चलने वाली उनकी पत्नी डा. सुनीता बालियान भी अब नये कदम उठा रही हैं। इसी कड़ी में उन्होंने हरियाणा सरकार में पशुपालन विभाग के अन्तर्गत अपनी सरकारी नौकरी को छोड़ दिया है। उनका वीआरएस सरकार ने स्वीकार किया और विभागीय स्तर पर उनका सेवानिवृत्ति सम्मान समारोह आयोजित करते हुए उनको यादगार विदाई दी गई।
केन्द्रीय राज्यमंत्री एवं मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद डा. संजीव बालियान 2024 में तीसरी बार अपनी सियासी पारी खेलने को तैयार हैं, लेकिन इस बार सामने आ रहे समीकरणों और विपक्ष की हर चुनौती से निपटने के लिए भी उन्होंने तैयारी की है। पीएम मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल के दौरान केन्द्र में मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र में असाधारण विकास कार्य कराये।
विकास की इसी बाती की रोशनी के तले वो लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर से मोदी की गारंटी लेकर जनता के बीच आने की पूरी तैयारी में कमर कस चुके हैं, लेकिन इसी बीच उन्होंने अपना प्लान बी भी तैयार रखा है। इसके तहत ही वो लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
राजनीतिक पंडितों की माने तो मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर एक बार फिर से संजीव बालियान के सामने पूर्व पीएम चौ. चरण सिंह के परिवार से सियासी चुनौती मिल सकती है। 2019 के चुनाव में उनके सामने विपक्ष के गठबंधन के साथ रालोद सुप्रीमो अजीत सिंह ने चुनाव लड़ा था और इस कांटे के मुकाबले में संजीव बालियान करीब साढ़े छह हजार वोटों के अंतर से जीते थे।
इस बार भी इसी परिवार से उनको चुनौती मिलने की संभावना है। सियासी पंडितों के अनुसार यहां पर अजीत सिंह की पुत्रवधु चारू चौधरी भी चुनाव लड़ सकती हैं। इसी की काट में संजीव बालियान अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में लाने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी पशु चिकित्सक पत्नी डा. सुनीता बालियान करीब एक साल से जनता के बीच बेहद सक्रिय नजर आ रही हैं। उनकी सक्रियता के कारण ही यह चर्चा जोर पकड़ती रही कि इस बार संजीव बालियान मौका देखकर सुनीता बालियान को भी टिकट दिला सकते हैं।
इन चचार्ओं में कभी हां और कभी ना वाली बात भी सामने आती रही, लेकिन अब सुनीता बालियान के एक फैसले ने इस चचार्ओं को कुछ बल दिया है। उन्होंने आखिरकार हरियाणा सरकारी की नौकरी को छोड़ दिया है। बताया गया कि उन्होंने हरियाणा सरकार के पशुपालन विभाग में वेटनरी चिकित्सक के पद से वीआरएस के लिए आवेदन किया था। वीआरएस स्वीकार होने पर बीती रात हरियाणा के करनाल स्थित एक होटल में विभागीय स्तर पर उनका सेवानिवृत्ति सम्मान समारोह आयोजित कर हरियाणा पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अफसरों ने विभागीय दायित्वों की सेवा से निवृत्ति पर विदाई देते हुए स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। इस दौरान उनके पति सांसद और केन्द्र सरकार में पशुपालन, मत्स्य पालन एवं डेयरी विभाग के राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान भी मौजूद रहे।
वीआरएस लेने के पीछे बताया जा रहा राजनीतिक कारण
डॉ. सुनीता बालियान के वीआरएस लेने के पीछे राजनीतिक कारण माना जा रहा है। संभावना है कि किसी विशेष परिस्थिति में उनको लोकसभा 2024 में चुनावी मैदान में उतरना पड़ सकता है। इसी को लेकर पहले से ही यह तैयारी की जा रही है।
बता दें कि डॉ. सुनीता बालियान कृषि यूनिवर्सिटी हिसार में वेटनरी सर्जन के पद पर कार्यरत रहीं हैं। करनाल के होटल नूर महल में आयोजित सेवानिवृत्ति सम्मान समारोह में उनके पति केन्द्रीय पशुपालन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ही मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विभाग से वीआरएस लेने के बाद अब पूरी तरह से सुनीता बालियान राजनीतिक और सामाजिक मंचों पर आने की तैयारी कर रही हैं।
कृषि यूनिवर्सिटी हिसार से एक साथ की दोनों ने पीएचडी
डा. संजीव बालियान की धर्मपत्नी सुनीता बालियान भी उनकी तरह ही वेटनरी चिकित्सक हैं। कभी दोनों ने हिसार के कृषि विश्वविद्यालय से एक साथ पीएचडी की थी। सांसद डा. संजीव बालियान शाहपुर ब्लाक के कुटबा-कुटबी गांव के रहने वाले हैं। कृषि यूनिवर्सिटी हिसार से वेटनरी एटॉनोमी में पीएचडी संजीव बालियान छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं। इनकी पत्नी डॉ. सुनीता बालियान हिसार यूनिवर्सिटी में ही वेटनरी सर्जन के पद पर कार्यरत थीं। इनके परिवार में दो बेटियां केतकी और ताज हैं। संजीव बालियान के पिता डॉ. सुरेंद्र पाल सिंह साधारण किसान हैैं। पैतृक गांव कुटबा-कुटबी में उनकी 80 बीघा कृषि भूमि है। उनके भाई विवेक बालियान कृषि और कार्य संभालते हैं।