- बेगमपुल और लालकुर्ती पैंठ सहित कई इलाकों में पब्लिक का रास्तों से पैदल निकला भी हुआ दुश्वार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महानगर के बेगमपुल और लालकुर्ती सरीखे कई इलाकों में सड़कों को दलालों के हाथों बेच दिया गया है। हालात कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ इलाकों में तो दुकानें सड़कों पर लगवा दी गयी हैं, लोगों का ऐसे इलाकों से पैदल निकलना भी दुश्वार हो गया है। ना कोई कहने वाला है ना कोई सुनने वाला है। आबूलेन सरीखे शहर के कई प्रमुख बाजारों में तो दलाली के इस धंधे में कुछ बड़े व्यापारी नेता भी कूद गए हैं।
इनकी इस कारगुजारी से भले ही पूरा इलाका जाम से हलकान हो, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं। शहर की सड़कों को दलालों के हाथों बेचने के इस कारनामे में केवल इलाके के थाना पुलिस ही कसूरवार नहीं है, बल्कि नगर निगम व कैंट बोर्ड सरीखी संस्थाएं भी कम कसूरवार नहीं। रही सही कसर प्रमुख बाजारों के कुछ व्यापारी नेताओं ने पूरी कर दी है। अच्छे खासे प्रतिष्ठान होने के बावजूद बाजारों में खडेÞ होने वाले चाट पकौड़ी तथा सामान बेचने वाले ठेले वालों से हफ्ता वूसली कर रही है।
बेगमपुल सांई बाबा मंदिर
सदर बाजार थाना के बेगमपुल सांई बाबा मंदिर के आसपास का इलाके की बात करें तो यहां सड़क तो अब नाम को रह गयी है। सड़क को उन्हें बेच दिया गया लगता है, जो बेगमपुल पुलिस चौकी के आसपास सामान सड़क पर सामान सजाकर बेचते हैं। पास ही नाले पर वीरबाला पथ वाले रास्ते पर भी सड़क बेच दी गयी लगती है। इसके अलावा सांई बाबा मंदिर के आसपास के सड़क वाले रास्ते पर फू्रट वालों व फल सब्जी बेचने वालों का कब्जा है। रैपिड प्रोजेक्ट की वजह से यहां से पहले ही निकला दुश्वार होता है।
लालकुर्ती पैंठ एरिया
लालकुर्ती पैंठ एरिया का इलाका जाम के झाम के मामले में पूरे शहर में बदनाम है। पैंठ एरिया में मंगलवार और शनिवार सप्ताह में दो दिन पैंठ लगती है, इन दो दिनों में लगने वाली पैंठ में दो पहिया वाहन पर यहां से गुजरना नामुमकिन है। दो पहिया वाहन तो दूर की बात रही,
यहां से पैंठ वाले दिनों में पैदल भी नहीं निकल सकते। पैंठ के दो दिनों के अलावा भी यहां सड़क बेचने वालों ने दुकानदारों को दुकान का सामान सड़क पर रखकर बेचने की छूट दे दी है। सड़क के बीचों बीच जो ठेले लगते हैं, सड़क बेचने वालों ने उनसे भी हफ्ता बाधा हुआ है। अब इसके लिए लालकुर्ती पुलिस जिम्मेदार है या फिर कैंट बोर्ड यह जांच का विषय है।
बाकी शहर भी बदहाल
शहर के बाकि इलाकों जिनमें मुख्य रूप से शहर का लाला का बाजार, सदर शिव चौक से लेकर काली माई मंदिर तक का रास्ता सरीखे पूरे शहर में ऐसे तमाम बाजार है जहां सड़कें बेच दी गयी हैं। जहां सड़कें बेच दी गयी हैं जानकारों की माने तो वहां की जाने वाली हफ्ता उगाही का पैसा पुलिस ही नहीं कैंट बोर्ड व निगम के स्टाफ की जेब भी पहुंचता है।
इस काम में आबूलेन, सदर कबाड़ी बाजार, बॉम्बे बाजार, शिव चौक व हनुमान चौक, कोतवाली का बुढ़ानागेट से सटा जिमखाना इलाका, नौचंदी का फूल बाग कालोनी का पार्क के सामने वाला इलाके यह तो केवल वानिगी भर हैं। शहर में जहां-जहां भी ठेले खडेÞ हो रहे हैं वहां संबंधित बाजार के किसी न किसी बडेÞ व्यापारी नेता के पास उनसे हफ्ता उगाही का ठेका होता है।