- दो कॉरिडोर धरातल पर, तीन और नए कॉरिडोर जोड़ेंगे पूरे भारत को एक साथ
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: देश को आर्थिक रुप से मजबूत बनाने के उद्देश्य से मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट इस समय रफ्तार के साथ ट्रैक पर दौड़ रहा है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानि कि माल गाड़ियों के लिए पूरी तरह से समर्पित मार्ग अथवा ट्रैक। यह ट्रैक न सिर्फ मोदी सरकार के महत्तवकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा करेगा बल्कि देश को पांच ट्रिलियन वाली इकोनॉमी बनाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। इस पर काम तेजी से जारी है मेरठ में भी दौराला तक इसी प्रोजेक्ट के तहत ट्रैक बिछ चुका है और शीघ्र ही ट्रैक पर मालवाहक गाड़ियों की छुक-छुक सुनाई देने लगेगी।
दरअसल, किसी भी देश की इकोनॉमी को मजबूती प्रदान करने के लिए वहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बेहद मजबूत होना जरुरी है। मोदी सरकार ने इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए यानि देश में इन्फ्रास्टेÑक्चर की मजबूती पर अपने बजट में 103 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया। भारत चूंकि इस समय एक्सपोर्ट के मामले में पिछड़ रहा है और सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत वर्तमान में लगभग 300 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट ही कर रहा है।
जबकि पड़ोसी चीन की एक्सपोर्ट क्षमता दो ट्रिलियन डॉलर है। भारत वर्ष 2024-25 तक देश की इकोनॉमी को पांच ट्रिलियन तक करने का सपना संजोए है। इसी उद्देश्य से भारत में फ्रेट कॉरिडोर के तहत अलग अगल स्थानों पर लम्बे चौड़े ट्रैक बिछाए जा रहे हैं जिन पर केवल माल गाड़ियां ही दौड़ेंगी।
फ्रेट कॉरिडोर की ट्रेन की लम्बाई भी होगी दोगुनी, स्पीड भी कई गुना
आम मालगाड़ियों के मुकाबले फ्रे ट कॉरिडोर पर दौड़ने वाली गाड़ियों की लम्बाई भी दोगुनी होगी। आम माल गाड़ी की लम्बाई जहां 700 मीटर के आसपास होती है वहीं फ्रेट कॉरिडोर पर दौड़ने वाली गाड़ियों की लम्बाई 1500 मीटर होगी। फ्रेट कॉरिडोर पर किसी भी तरह की कोई भी पैसेन्जर गाड़ी नहीं चलेगी।
ईस्टर्न फ्रे ट कॉरिडोर का रूट
1839 किमी लम्बा यह कॉरिडोर लुघियाना, अम्बाला, सहारनपुर, मेरठ, खुर्जा, टुंडला, कानपुर, प्रयागराज व मुगलसराय से होता हुआ गुजरेगा।
वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का रुट
1499 किमी लम्बा यह कॉरिडोर दारदी, रेवड़ी, अजमेर, वड़ोदरा व सूरत सहित विभिन्न मार्गों से होता हुआ गुजरेगा। बताया जाता है कि इन दोनों कॉरिडोर पर कुल 21 हजार करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है।
प्रस्तावित कॉरिडोर
ईस्टर्न व वेस्टर्न कॉरिडोर के अलावा तीन अन्य कॉरिडोर भी प्रस्तावित हैं। इन में पहला ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर होगा जो कोलकाता से मुम्बई तक होगा और इसकी कुल लम्बाई 2328 किमी की होगी। दूसरा कॉरिडोर नॉर्थ साउथ कॉरिडोर होगा जो दिल्ली से चेन्नई तक जाएगा
और इसकी कुल लम्बाई 2327 किमी की होगी। तीसरा कॉरिडोर ईस्ट कोस्ट कॉरिडोर होगा जो खड़गपुर से विजयवाड़ा तक जाएगा और इसकी कुल लम्बाई1114 किलोमीटर की होगी। इन तीनों कॉरिडोर पर कुल खर्च तीन लाख करोड़ आने का अनुमान है।
व्यापारियोें के साथ किसानों के लिए संजीवनी होगा फ्रेट कॉरिडोर
फे्रट कॉरिडोर से जहां व्यापार करना आसान हो जाएगा। वहीं, इसके बन जाने से किसानों को भी लाभ पहुंचेगा। फ्रेट कॉरिडोर के माध्यम से कोई भी किसान अपनी फसल किसी भी दूसरे शहर की मंडी में जाकर मनमाफिक दामों पर बेच सकता है। इससे गांवों में भी खुशहाली आएगी।
13 हजार टन माल की होगी कैपिसिटी, डबल डेकर होगी
आम माल गाड़ी की कैपिसिटी 5 हजार टन माल तक ही सीमित होती है, लेकिन फ्रेट कॉरिडोर पर चलने वाली गाड़ी की कैपिसिटी 13 हजार टन माल की होगी। साथ ही साथ यह गाड़ी डबल डेकर भी होगी।