- पीर तिराहा से खैरनगर चौपले तक जाम की मुख्य समस्या
- जाम में एंबुलेंस को भी नहीं मिलता रास्ता, जान पर बन जाती है मरीज की
जनवाणी संवाददाता, |
मेरठ: पुलिस की लंबी फौज रहने के बाद भी शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। शहर के मुख्य मार्गों व चौराहों पर लगने वाला जाम आम हो गया है। जाम की समस्या से निजात दिलाने की बजाय यातायात पुलिस किसी चौराहे के पास खड़ी होकर वाहन जांच तक ही सिमटकर रह गई है।
आम के साथ-साथ खास को भी जाम से निकलने को मशक्कत करनी पड़ती है। एंबुलेंस को भी इस जाम से अक्सर ही जूझना पड़ता है। जाम में एंबुलेंस का सायरन भी दबकर रह जाता है। शहर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना यातायात पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है।
नगर में वाहनों की पार्किंग के लिए कोई स्थान निर्धारित नहीं है। इससे लोगों को वाहनों के साथ ही खरीदी के लिए बाजारों में जाना पड़ रहा है। इसके बाद जिसकी जहां मर्जी होती है, वहां वाहन खड़े कर देता है। बेतरतीब खड़े इन वाहनों के कारण राहगीरों को प्रतिदिन परेशान होना पड़ता है। इसी कारण जाम की स्थिति भी बनती है। इन दिनों नगर में प्रत्येक मार्ग पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है। जिससे दुर्घटनाएं व विवाद होने के हालात भी बन जाते हैं। सड़क किनारे वाहन खड़े कर दिए जाने से पैदल निकलने वालों को भी असुविधा होती है। यदि वाहन टकरा जाता है तो विवाद की स्थिति बन जाती है।
जलीकोठी पीर तिराहे के हालात सबसे खराब
जिस मार्ग से नगर निगम के अधिकारियों के वाहन गुजरते हैं। वहां रोज के यातायात जाम की समस्या का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। आम जनता के लिये भी यह मुख्य समस्या बनी हुई। कोई दिन नहीं जाता जब जलीकोठी पीर तिराहे से लेकर खैरनगर चौपले तक यातायात जाम न लगता हो। इसी मार्ग से जिला अस्पताल के मरीज एवं आम जनता के छोटे-बड़े वाहन रात दिन गुजरते हैं और प्रशासनिक अधिकारियों के वाहन भी यहां से गुजरते हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यातायात जाम की स्थिति में आम जनता के साथ अधिकारियों के वाहन भी देर तक जाम में फंसे रहते हैं।
छोटी गलियों का लेना पड़ता है सहारा
जाम की दशा में अधिकारियों के साथ उनकी सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों को यातायात सुचारू करने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है। जाम की स्थिति उस समय ज्यादा रहती है। जब आमने सामने से बड़े वाहन गुजरते हैं। इस मार्ग पर जाम लगने से छोटे वाहन एवं ई-रिक्शा चालकों को गलियों से और पुलिस चौकी के सामने से नाला मार्ग से गुजरना पड़ता है।
यातायात जाम की समस्या को सुधारने के लिये या तो बड़े वाहनों का प्रवेश रोका जाए या फिर इस मार्ग को जिला प्रशासन द्वारा वन-वे की व्यवस्था करें। इसके अतिरिक्त अतिक्रमण से भी जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है लोग सड़क किनारे आड़े तिरछे वाहन खड़े कर देते हैं। उनके लिये अलग से कार पार्किंग का होना बहुत जरूरी है।
अतिक्रमण भी बन रहा बाधक
नागरिकों का कहना है कि नगर में वाहन चालकों द्वारा कहीं पर भी अपने वाहन खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं बनी रहती हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। नगर का मुख्य चौराहों पर बढ़ते अतिक्रमण के कारण मुख्य मार्ग पर आए दिन जाम लगता है, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी होती है। बाजार में दुकानदारों ने दुकानों के सामने अतिक्रमण कर रखा है। जबकि नगर निगम द्वारा कुछ दिनों पूर्व ही मुहिम चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी, लेकिन दुकानदारों द्वारा फिर सड़क किनारे दुकानें सजा ली गई हैं।
मल्टीलेवल पार्किंग की जरूरत
समस्या को देखते हुए नगर निगम कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। जबकि शहर में मल्टीलेवल पार्किंग का होना अनिवार्य है, लेकिन वर्तमान में उचित व्यवस्था, सूचना, जागरूकता तथा सख्त कार्रवाई के अभाव के चलते वाहन चालकों को समस्या से जूझना पड़ रहा है।