Friday, September 29, 2023
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इंजीनियरिंग छात्र ने लगाई फांसी, यूनिवर्सिटी में बवाल

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  • सर छोटूराम इंजीनियरिंग कालेज का था छात्र
  • आईटी के थर्ड ईयर में था प्रशांत पांडे
  • हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटक कर दे दी जान
  • आत्महत्या के बाद भड़के छात्र, घंटों किया जमकर बवाल
  • रविवार को ही आया था प्रशांत पांडे मेरठ

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेडिकल क्षेत्र सीसीएसयू के सर छोटू राम इंजीनियरिंग कालेज के एक छात्र ने हॉस्टल के कमरे में फांसी पर लटक कर जान दे दी। छात्र के द्वारा आत्महत्या करने पर हॉस्टल सहित तमाम इंजीनियरिंग छात्रों में मातम छा गया। आनन फानन में कमरे का गेट तोड़ा गया। छात्र का शव कमरे में लटका देखा तो छात्रों ने हंगामा खड़ा कर दिया। छात्रों ने शव को हॉस्टल के मेन गेट पर रखकर जमकर हंगामा काटा और कुलपति और डायरेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग की।

पुलिस ने छात्रों को समझा-बुझाकर शांत करने की कोशिश की। इसी बीच छात्रों ने यूनिवर्सिटी में तालाबंदी कर दी। यही नहीं, यूनिवर्सिटी के सामने सड़क पर छात्र धरना देकर बैठ गए, जिसके बाद जाम लग गया। इस दौरान आक्रोशित छात्रों और सीओ के बीच नोकझोंक और धक्का-मुक्की तक हो गई। टकराव बढ़ता देख कुलपति छात्रों के बीच पहुंचे और छात्रों को किसी तरह से शांत किया। इसके बाद ही पुलिस ने शव को कब्जे में लियाा और पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल मोर्चरी भिजवाया।

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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित पंडित दीनदयायाल उपाध्याय हॉस्टल के द्वितीय तल पर कमरा नंबर-99 में मंगलवार सुबह इंजीनियरिंग आईटी के थर्ड ईयर छात्र प्रशांत पांडे ने फांसी लगाकर जान दे दी। छात्र प्रशांत ने दो दिन पहले ही छात्रावास में कमरा लिया था। उसके रुम पार्टनर ऋषभ मिश्रा और आदित्य चौधरी मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे बीटेक में क्लास करने के लिए चले गये थे। उन्होंने प्रशांत पांडे से भी पूछा था कि वह क्लास करने नहीं जायेगा। इस पर उसने क्लास में जाने से मना कर दिया था।

बताते हैं कि वह सुबह नहाने के बाद कमरे में चला गया था। छात्रों ने हॉस्टल के कमरे का दरवाजा तोड़ा तो छात्र प्रशांत का शव पंखे के कुंदे पर एक अंगोछे के सहारे लटक रहा था। यह देख छात्रों में हड़कंप मच गया। छात्र के आत्महत्या की जानकारी मिलते विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र मौके पर जमा हो गए। सूचना के बाद थाना मेडिकल पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी की। फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और कमरे की जांचपड़ताल कर फिंगर प्रिंट उठाये। पुलिस ने छात्र का मोबाइल और लैपटॉप जांच के लिए कब्जे में ले लिया।

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पुलिस छात्र के शव का पंचनामा भरकर जैसे ही कमरे से नीचे हॉस्टल से बाहर जाने लगी तो आक्रोशित छात्रों ने शव को ले जाने से मना कर दिया। उन्होंने हॉस्टल के मेनगेट पर छात्र का शव रखकर हंगामा खड़ा कर दिया। छात्रों ने मौके पर सीसीएसयू की कुलपति को और डायरेक्टर को बुलाने की मांग की। पुलिस ने छात्रों को समझाते हुए पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा, लेकिन छात्र नहीं माने।

शव को मेनगेट पर रखकर छात्रों के हंगामे की सूचना पर एसपी सिटी व सीओ और पांच थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने हंगामा कर रहे छात्रों को समझाया और शव को कब्जे में लेकर मेडिकल मोर्चरी भिजवा दिया। वहीं, इस संबंध में मेडिकल थाना प्रभारी अवधेश कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग आया है। हत्या जैसी कोई बात नहीं है। फिलहाल मोबाइल की सीडीआर निकलवाकर जांच की जायेगी।

दोस्तों को मलाल साथ ले आते तो टल जाती मौत

सीसीएसयू के विश्वविद्यालय केपंडित दीनदयाल हॉस्टल में प्रशांत के साथ रूम शेयर करने वाले स्टूडेंटों को इस बात का मलाल है कि वो यदि साथ लेकर आते तो प्रशांत की मौत टल जाती। दरअसल, कई विषयों में बैक आने से प्रशांत बहुत परेशान था। इस बात का खुलासा उसके रूम पार्टनर ने किया। उन्होंने बताया कि बैक आने की वजह से वह बहुत ज्यादा अवसाद में था। इस बात को रूम शेयर करने वाले तमाम दोस्त समझ भी रहे थे। मंगलवार सुबह प्रशांत के रूम में रहने वाले दोस्तों ने उसको कक्षा अटैंड करने को साथ चलने को कहा, बताया गया है कि प्रशांत ने रूम में ही रहने की बात कहकर साथ जाने से मना कर दिया।

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कुछ देर बात यह मनहूस खबर मिली कि प्रशांत का शव हास्टल के रूम में लटक रहा है। अवसाद के चलते उसने जान दे दी है। उसकी मौत से रूम में रहने वाले ही नहीं उसके साथ पढ़ने वाले भी बेहद दुखी हैं। रूम में रहने वाले छात्रों को इस बात का मलाल है कि उन्होंने प्रशांत को अकेला छोड़ा ही क्यों? मंगलवार सुबह क्यों नहीं कक्षा में उसको अपने साथ लेकर आए। साथ लाए होते तो शायद आज प्रशांत उनके साथ होता। उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ न टूटा होता।

मेन गेट पर छात्रों का जमकर हंगामा-प्रदर्शन

इंजीनियरिंग छात्र प्रशांत के आत्महत्या करने पर सैकड़ों आक्रोशित छात्रों ने कैम्पस के मेनगेट पर हंगामा खड़ा कर धरने पर बैठ गए। छात्रों ने इंजीनियरिंग छात्र की मौत के लिए बीटेक विभाग को दोषी मानते हुए कुलपति और डायरेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग की। छात्रों के हंगामा धरना-प्रदर्शन करने पर सीओ सिविल लाइन और एसपी सिटी पीयूष कुमार सिंह व एडीएम प्रशासन और कई थानों की पुलिस मौके पर आ गई।

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सीओ और एसपी सिटी ने धरना दे रहे छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र नहीं माने। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर धांधलेबाजी के गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि बीटेक के छात्रों की वार्षिक फीस 80 हजार है। जो गरीब छात्र हैं वह इतनी फीस कहां से भरे। इसके अलावा बीटेक छात्रों को जॉब प्लेसमेन्ट नहीं दिया जाता। परीक्षाओं में धांधली कर छात्रों को अनुपस्थित दर्शाया जाता है।

आक्रोशित छात्रों की पुलिस से हुई तीखी नोकझोंक

छात्रों ने हंगामा करते हुए सीसीएसयू का मेनगेट खोलकर बाहर सड़क पर धरना देकर जाम लगा दिया। इस दौरान विवि के गेट के बाहर धरना देने व जाम लगाने को लेकर पुलिस से धक्का-मुक्की हुई। काफी देर तक पुलिस व सीओ और एसपी सिटी से छात्रों की नोकझोंक हुई। करीब ढाई बजे तक आक्रोशित छात्रो ने विवि मेनगेट पर अपना कब्जा जमाये रखा और हंगामा करते रहे। पुलिस के अधिकारियों द्वारा छात्र की आत्महत्या के लिए फोरेसिंक जांच कराने और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। पुलिस के आश्वासन के बाद छात्रों ने धरना समाप्त किया।

दो दिन पहले ही प्रशांत बनारस से आया था मेरठ

रविवार को प्रशांत पांडे बनारस से मेरठ आया था। वह अपने परिवार में बड़ा व एक छोटी बहन है। पिता नागेश पांडे गुजरात में प्राइवेट नौकरी करते हैं। गांव में कृ षि की जमीन है। प्रशांत का बुआ बेटा जीपी पांडे बीटेक विभाग में एकाउंट में नौकरी करता है। प्रशांत बनारस से आने के बाद रविवार को जीपी पांडे से मिला था। उसने आते ही दीनदयाल उपाध्याय में कमरा नंबर-99 में अपना सामान रखा था।

बुआ का बेटा और कई परिचित शव लेकर रवाना

प्रशांत की बुआ का बेटा जीपी पांडे पोस्टमार्टम कराने के बाद अपने परिचितों के साथ शव को विवि की एंबुलेंस में लेकर शाम तीन बजे रवाना हो गए। जीपी पांडे ने बताया कि प्रशांत के पिता से उनकी फोन पर बात हो गई थी। वे बनारस से चल दिए थे। उन्होंने कानपुर में पहुंचने के लिए कहा है।

चौथे सेमेस्टर में चार पेपरों में मिली थी बैक

प्रशांत ने बीटेक के आईटी के थर्ड सेमेस्टर में 75 प्रतिशत अंक हासिल किये थे, लेकिन चौथे सेमेस्टर में उसकी चार पेपरों में बैक आई थी। उसने अपने भाई जीपी पांडे से कहा था कि वह इन बैक पेपर को कलीयर कर लेगा। ये कोई सीरियस बात नहीं है। प्रशांत पढ़ाई में काफी होनहार था। वह काफी सरल और शांत स्वभाव का छात्र था। उसके आत्महत्या से हर कोई आश्चर्यचकित है।

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