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स्थापना के पांच वर्ष होने तक श्रेष्ठतम नैक ग्रेडिंग हासिल कर सकता है महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय
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महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में नैक, आइक्यूएसी व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर कार्यशाला व व्याख्यान का आयोजन
जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: प्रदेश शासन की अपर मुख्य सचिव (अल्पसंख्यक कल्याण विभाग) श्रीमती मोनिका एस. गर्ग ने कहा है कि नैक की बेहतरीन ग्रेडिंग किसी भी विश्वविद्यालय या उच्च शिक्षा संस्थान की शैक्षिक समेत समग्र गुणवत्ता का प्रतिबिंब होता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप आगे बढ़ते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने जिस तरह अभी से नैक के मानकों पर खुद को तराशना शुरू किया है, उसे देखते हुए पूरी उम्मीद है कि स्थापना के पांच वर्ष पूर्ण होते-होते यह श्रेष्ठतम नैक ग्रेडिंग प्राप्त कर लेगा।
श्रीमती मोनिका एस. गर्ग शनिवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर में नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) एवं आईक्यूएसी (आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ) प्रशिक्षण कार्यशाला एवं व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रही थीं। कार्यशाला के पहले चरण में नैक/आईक्यूएसी से संबंधित विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या पर परिचर्चा हुई। इस दौरान संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता एवं आइक्यूएसी के समन्वय प्रो. सुनील कुमार सिंह ने अब तक की प्रगति पर प्रस्तुतिकरण दिया।
द्वितीय सत्र में अपर मुख्य सचिव श्रीमती गर्ग ने विश्वविद्यालय के समस्त संस्थानों के प्राचार्यों, अधिष्ठाता एवं आईक्यूएसी समिति के सदस्यों से नैक, आईक्यूएसी तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में विस्तार से संवाद किया। उन्होंने कहा कि यह बेहद प्रसन्नता का विषय है कि यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पर पहलू को गंभीरता और व्यावहारिकता से अंगीकार कर आगे बढ़ रहा है।
इस विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारतीय ज्ञान पद्धति का मॉडल सेंटर बनने की क्षमता है और उसी अनुरूप यहां शोध व नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि काफी कम समय में इस विश्वविद्यालय का मेडिकल एजुकेशन का बड़ा केंद्र बन जाना बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि इन सबके साथ ही स्थापना के डेढ़ साल में ही नैक ग्रेडिंग को लेकर जो तैयारियां शुरू की गई हैं, वह आने वाले समय में अन्य संस्थाओं के लिए उदाहरण बन जाएंगी। उन्होंने तैयारियों को लेकर कुछ सुझाव भी दिए। कहा कि अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से प्रतिस्पर्धा करने की दिशा में भी पहल करनी होगी।
श्रीमती गर्ग ने सभी से गुणवत्तायुक्त शिक्षण कार्य करने, स्थापना के पांच साल पूर्ण होने तक बेहतरीन नैक ग्रेडिंग हासिल करने एवं आने वाले 10 वर्षों में विश्वविद्यालय को देश सर्वोच्च 10 विश्वविद्यालयों की सूची में स्थान बनाने के लिए संकल्प दिलायी। उन्होंने विश्वविद्यालय में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के साथ- साथ प्रदेश एवं देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग हेतु एक्शन प्लान तैयार कर कार्यवाही किए जाने का सुझाव दिया।
आयोजन का तृतीय सत्र व्याख्यान केंद्रित रहा। इसमें अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण विभाग श्रीमती गर्ग ने नैक की बारीकियों, आइक्यूएसी की महत्ता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अपरिहार्यता पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ध्येय है कि हमारे शिक्षण संस्थान सिर्फ सर्टिफिकेट या डिग्री बांटने का केंद्र न रहें बल्कि समाज व राष्ट्र हित में योगदान देने वाले समर्थ व सुयोग्य नागरिक तैयार करें। नवाचार, शोध, विद्यार्थी जीवन से ही आत्मनिर्भरता की प्रवृत्ति को बढ़ाएं।
स्थापना के पांच वर्ष में मॉडल यूनिवर्सिटी बनाने का लक्ष्य : कुलपति
कार्यशाला एवं व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल कुमार वाजपेयी ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए राष्ट्रीयता शिक्षा के मूल में होनी चाहिए। राष्ट्रीयता और मूल्यपरकता की बुनियाद पर बने इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य अपनी स्थापना के पांच वर्ष होने तक देश के एक ‘मॉडल यूनिवर्सिटी’ के रूप में स्थापित होने का है। उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय का लोकार्पण 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों हुआ था। अपनी शैक्षणिक यात्रा के दो वर्ष से भी कम समय में इस विश्वविद्यालय ने ‘क्वालिटी एजुकेशन’ के क्षेत्र में कई प्रतिमान स्थापित किए हैं।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव, नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ डीएस अजीथा, आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ मंजूनाथ एनएस, अधिष्ठाता संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय प्रो सुनील कुमार सिंह अधिष्ठाता सम्बद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय, अधिष्ठाता कृषि विज्ञान संकाय डॉ विमल कुमार दूबे, आयुर्वेद कॉलेज के आचार्य डॉ नवीन के, सह आचार्य डॉ सुमित कुमार एम, डॉ विनम्र शर्मा, श्रीमती प्रिंसी, सहायक आचार्य डॉ जशोबंत डनसना, कृषि विज्ञान के सहायक आचार्य डॉ विजय दुगेसर, संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय की सहायक आचार्य श्रीमती अनुपमा ओझा, डॉ अमित कुमार दूबे सहायक आचार्य, श्रीमती ममता, सहायक आचार्य कॉलेज आफ नर्सिंग, डॉ कुलदीप सिंह, सहायक आचार्य, विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव श्रीकान्त, चिकित्सालय प्रबंधक गिरिजेश कुमार मिश्रा, डॉ हरिवंश यादव आरएमओ सहित समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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