- लगातार जारी है कोरोना के लास्ट स्टेज संक्रमितों का भेजे जाने का सिलसिला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना के लास्ट स्टेज संक्रमितों के आने के चलते मेडिकल में होने वाली मौतों के सिलसिले पर फिलहाल लगाम लगती नजर नहीं आ रही है। मेरठ में मौतों के आंकडे खासतौर से मेडिकल में कोरोना संक्रमितों की मौतों के आंकडे को लेकर खुद सीएम ने गंभीर चिंता जताते हुए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के पेंच कसे थे, लेकिन इसके बाद भी फिलहाल जो आसार बने हुए हैं उनको देखते हुए यही कहा जा रहा है कि मेडिकल में कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार बार-बार इस पर जोर भी दे रहे हैं कि दूसरे स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों खासतौर से प्राइवेट अस्पतालों से ऐसे मरीज रेफर किए जा रहे हैं जो लास्ट स्टेज में पहुंच जाते हैं। पिछले दो दिन में दो केस ऐसे ही आए थे। पवन नाम का एक संक्रमित मरीज जिसका शहर के एक नामी प्रतिष्ठित प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था।
हालात बिगड़ने पर साधन संपन्न होने की वजह से उसको दिल्ली के मैक्स में रेफर किया गया, लेकिन मैक्स हॉस्टिपल ने उसकी हालत देखते हुए एलएलआरएम मेडिकल में रेफर कर दिया। यहां आने के चंद घंटे बाद संक्रमित ने दम तोड़ दिया। मेडिकल के डाक्टरों को इतना भी मौका व समय नहीं मिला कि उसकी केस हिस्ट्री स्टडी कर पाते। जो दवाएं दी गयीं उनके असर होने तक का समय नहीं मिला।
ऐसा ही दूसरा केस गौरव त्यागी नाम के संक्रमित मरीज का बताया गया है। इस संक्रमित को भी लास्ट स्टेज पर मेडिकल में भर्ती कराया गया। तमाम कोशिशों के बाद भी मरीज को बचाया नहीं जा सका। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि संक्रमित मरीजों के आंकडेÞ पर मेडिकल प्रशासन कैसे अंकुश लगा पाएगा।
लापरवाही नहीं लगने दे रही संक्रमण की रफ्तार पर लगाम
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर चहूंओर बरती जा रही लापरवाही कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक में बड़ी बाधा बनी हुई है। वहीं, दूसरी ओर इसको लेकर लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई करने वाली पुलिस व सिस्टम के दूसरे अफसर भी लापरवाही बरत रहे हैं।
शासन की ओर से मास्क सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, लेकिन कार्रवाई करने वाली पुलिस भी अब थकी नजर आती है। ऐसे लोगों की लगाम कसने के लिए शहर के तमाम चौराहों पर पुलिस तैनात तो रहती है, लेकिन जो हालात दिखाई दे रहे हैं उसके चलते यही कहा जा सकता है कि लापरवाही बरतने वालों के सामने पुलिस ने भी हथियार डाल दिए हैं।
ऐसे लापरवाहों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। वहीं, दूसरी ओर यदि लोगों की बात की जाए तो तमाम भीड़ वाले इलाकों खासतौर से सब्जी मंडी व अनाज मंडी सरीखे इलाकों में ज्यादातर लोग मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर पूरी तरह से लापरवाह नजर आते हैं। शहर में सुबह के वक्त चाय नाश्ता आदि की दुकानों भी सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार नजर आती हैं।
मेरठ विकास प्राधिकरण, कचहरी, नगर निगम, बिजली घर जहां बिल जमा किए जाते हैं, ऐसे तमाम स्थल हैं, जहां सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर भरपूर लापरवाही देखी जा सकती है। कमोवेश यही स्थित शोहराब गेट डिपों व भैंसाली डिपो में बसों से सवारी करने वालों की है। शुरूआत में तो जरूर लोगों में सावधानी के प्रति गंभीरता दिखाई दी, लेकिन अब भरपूर लापरवाही है। यही लापरवाही कोरोना संक्रमण को रोकने में बड़ी बाधा बन रही है।