जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: 28 अगस्त को करनाल में लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने अनाज मंडी में महापंचायत का आयोजन किया। हजारों की संख्या में किसान महापंचायत में जुटे तो वहीं प्रशासनिक अमला भी बड़ी संख्या में तैनात रहा। किसानों और प्रशासन के बीच तीन दौर की वार्ता भी विफल रही।
इसके बाद किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिहं चढूनी और योगेंद्र यादव की मौजूदगी में किसानों ने लघु सचिवालय की ओर मार्च किया। जगह-जगह प्रशासन ने बैरिकेड लगा किसानों को रोकने का प्रयास किया लेकिन किसान हर बाधा को पार कर सचिवालय के मुख्य गेट तक पहुंच गए और धरने पर बैठे हैं।
बेनतीजा रही वार्ता
दिन में किसानों की 15 सदस्यीय कमेटी को लघु सचिवालय (जिला मुख्यालय) बुलवाया गया। जिसमें डीसी करनाल निशांत कुमार यादव और एसपी गंगाराम पूनिया ने किसान नेताओं से आह्वान किया कि वे लघु सचिवालय कूच और घेराव की जिद्द छोड़ दें। इस पर किसान नेताओं ने भी अफसरों से स्पष्ट कहा कि वे लघु सचिवालय कूच नहीं करेंगे। बशर्ते सरकार उनकी मांगें शांतिपूर्वक सुने और उसे माने। इसी को लेकर दो घंटे तक किसान नेताओं और प्रशासनिक अफसरों के बीच तीन दौर की बातचीत चली लेकिन बेनतीजा रही।
वार्ता विफल होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, डॉ. दर्शनपाल सिंह, जोगेंद्र सिंह उगराहां, बलबीर सिंह राजेवाल समेत अन्य किसान नेता नई अनाज मंडी में चल रही किसान महापंचायत में पहुंचे और वहां हजारों की संख्या में मौजूद किसानों के समक्ष वार्ता के विफल होने की जानकारी दी।
इसके बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने मंच से ही लघु सचिवालय कूच करने और घेराव का एलान कर दिया। उधर, प्रशासन ने भी किसानों को रोकने के लिए अर्धसैनिक बल की 40 कंपनियों तैनात की हुई थी। मगर किसानों ने अपना शांतिपूर्वक मार्च शुरू किया और सचिवालय की ओर बढ़ना शुरू कर दिया।
विभिन्न चौराहों पर लगाए गए पुलिस नाकों पर किसानों को रोकने का प्रयास किया गया। मगर किसानों का काफिला तमाम नाके पार कर निर्मल कुटिया चौराहे से करनाल शहर में दाखिल हो गया और लघु सचिवालय चौराहे पर पहुंच गया।
एसपी गंगाराम पूनिया ने किसान नेताओं से आह्वान किया वे शांति व्यवस्था बनाएं रखें और आगे बढ़ने का प्रयास न करें। मगर किसान जब नहीं माने तो आखिरकार पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। पानी की बौछारें भी किसानों को रोक नहीं पाई और किसान लघु सचिवालय का नाका भी पार करते हुए लघु सचिवालय के मुख्य गेट तक पहुंच गए और धरने पर बैठ गए।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार और प्रशासन ने उनकी बात नहीं। इसलिए किसानों ने अब लघु सचिवालय को घेर लिया है, इस पर अब किसानों का कब्जा हो गया है। हमें कोई जल्दी नहीं है, पहले हम आराप करेंगे, सरकार जब चाहे तब हमसे बात कर सकती है, मगर हम अपनी मांगे मनवाएं बिना यहां से नहीं जाएंगे। रात तक किसान लघु सचिवालय के समक्ष डटे रहे।
यह थी मुख्य मांगे
किसानों ने रायपुर जटान गांव के मृतक किसान सुशील काजल के आश्रितों को 25 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी व घायल किसानों को 2-2 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। इसके अलावा लाठीचार्ज का आदेश देने वाले तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्जकर बर्खास्त करने और लाठीचार्ज में शामिल पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की।
मुख्यमंत्री ने जताई उम्मीद, निकलेगा हल
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि करनाल में किसानों की बैठक चल रही है। हाल ही में गठित 11 सदस्यों की कमेटी से बात चल रही है। मुझे उम्मीद है कि बातचीत से कोई हल निकलेगा।
लाठी, लोहे की रॉड लेकर पहुंचे किसान, पुलिस ने दी चेतावनी
करनाल जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इंटेलीजेंस रिपोर्ट पुलिस के अनुसार लाठी, जेली, लोहे की रॉड से लैस होकर अनाज मंडी पहुंचे हैं। पुलिस और प्रशासन ने किसान नेताओं से बात की है जिन्होंने ऐसे तत्वों को कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वे अपने नेताओं की भी नहीं सुन रहे हैं। करनाल जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा ऐसे शरारती तत्वों को कानून हाथ में न लेने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की चेतावनी दी जा रही है। ऐसे सभी तत्वों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने चढूनी पर साधा निशाना
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि उन्हें लगता है कि गुरनाम चढूनी ने हरियाणा में लगातार अराजकता पैदा करने के लिए कांग्रेस से पैसा लिया है। वे इसे तब तक जारी रखेंगे जब तक कि कुछ निर्दोष किसानों की जान नहीं चली जाती। हरियाणा के कुछ किसान समझ गए हैं कि यह सब राजनीति है।
बरसात के बीच महांपचायत शुरू
हरियाणा के करनाल में किसानों की महापंचायत में राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव समेत कई किसान नेता पहुंचे। सुबह से हो रही झमाझम बारिश के बीच किसानों का जोश कम नहीं हुआ। हजारों की संख्या में किसान महापंचायत में पहुंचे।
आधी रात तक लगाए गए कंटीले तार
इससे पहले सोमवार आधी रात तक नई अनाज मंडी से सटे सेक्टर-3 स्थित औद्योगिक क्षेत्र को कंटीले तार और बांसों से सील कर दिया गया ताकि अनाज मंडी से किसी भी तरफ से किसान निकल न पाएं। रात 12:30 बजे तक औद्योगिक क्षेत्र के सात गेट सील किए जा चुके थे। पुलिस को आशंका है कि किसान माहौल बिगड़ने पर अनाज मंडी से औद्योगिक क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों, श्रमिकों का अमला सीलिंग की कार्रवाई में जुटा रहा।
हर रास्ते पर रखे गए बैरिकेड
शहर से जिन रास्तों से जीटी रोड पर चढ़ा जा सकता है, उन सभी बिंदुओं पर बड़ी संख्या में बैरिकेड रख दिए गए हैं। महापंचायत के बाद किसानों का अगला लक्ष्य लघु सचिवालय पहुंचने का है। इस कारण यहां जीटी रोड के निर्मल कुटिया चौक से लघु सचिवालय गेट तक बैरिकेड के ढेर लगा दिए गए हैं।
कुरुक्षेत्र विवि ने परीक्षाएं स्थगित की
आईजी करनाल और करनाल रेंज के सभी एसपी को कानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। डीजीपी पीके अग्रवाल ने सोमवार को तैयारियों की समीक्षा करते हुए किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। वहीं कुरुक्षेत्र विवि ने मंगलवार को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। इंटरनेट सेवाएं बंद रहने के कारण अब परीक्षाएं 28 सितंबर को होंगी। गृह विभाग के सचिव ने हालात के मद्देनजर दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन का आदेश जारी किया है।
इन जिलों में इंटरनेट सेवा बंद
करनाल में किसानों की महापंचायत में उपद्रव की आशंका को देखते हुए सरकार ने कुरुक्षेत्र, जींद, पानीपत और कैथल में भी सात सितंबर रात 11: 59 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है। सीआईडी के एडीजीपी ने सरकार को बताया है कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान करनाल व आसपास के जिलों में स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है।