जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं है। किसान भूलने वाला नहीं है। पुलिस ने सत्ता के इशारे पर किसानों पर खूब लाठियां मारी हैं। अब वोट की चोट से सरकार का इलाज होगा।
राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय में नहीं है। किसान भूलने वाला नहीं है। आने वाले चुनाव में किसान वोट की चोट से बदला लेगा। सरकार की दवाई यानी वोट की चोट देकर इलाज करेगा।
सरकार दूसरे तरीके से जीतने की कोशिश करेगी। लेकिन, किसान किसी भी कीमत पर हार मानने वाला नहीं है। टिकैत ने कहा की किसान पिछले 11 माह से तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। दिल्ली, दिल्ली की बाहरी सीमाओं, यूपी, पंजाब, हरियाणा व दूसरे राज्यों में किसान सड़कों पर हैं।
यह हमारे हक की लड़ाई है। निश्चित तौर पर किसान आंदोलन सफल होगा और इस आंदोलन में किसानों की जीत होगी। सरकार को अगर किसी तरह की गलतफहमी है तो निकाल दे, किसान डरने वाला नहीं है। राकेश टिकैत अरनावली गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।
इससे पहले टिकैत ने समर्थकों के साथ बेगमपुल से बच्चा पार्क तक पैदल यात्रा भी की। इस दौरान मीडिया से बातचीत में टिकैत ने कहा की किसान न पहले कमजोर था, न ही आज कमजोर है। आने वाले समय में भी किसानों की वही ताकत रहेगी, जो हमेशा रही है।
टिकैत ने कहा की बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन पर जुटे किसानों का समर्थन किया है। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि देश के किसान तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।
यह कैसा सबका साथ है। सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास आदि को लोग जुमला न मानकर इस पर कैसे विश्वास करें? सरकार को कानून वापस लेकर किसानों को दिवाली का तोहफा देना चाहिए।
मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन साल में पहली बार उत्पाद कर थोड़ा घटाकर लोगों को इस बार दिवाली पर कुछ राहत का तोहफा दिया है। उसी प्रकार दिवाली के बाद ही सही यदि तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेकर केन्द्र सरकार देश के किसानों को भी दिवाली का तोहफा दे देती है तो यह बेहतर ही होगा।