- मौसी का प्यार उसे मां की ममता की कमी क्या पूरा करेगा
- पुलिस का कहना, दादाजी खुद लाचार, बच्चों के भविष्य का सवाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पति से परेशान होकर नीतू शर्मा ने अपने ममेरे भाई की मदद से अपने पति को दुनिया से अलविदा तो करा दिया लेकिन अपने साथ साथ अपने बच्चों की जिंदगी भी अंधकारमय बना दी। हत्या की योजना बनाते समय यह भी नहीं सोचा कि उसके जेल जाने के बाद उसके बच्चों का क्या होगा। आज यह हालत है कि पापा की मौत हो गई।
मम्मी जेल चली गई। बच्चे मौसी के पास भले हों लेकिन उनकी जेहन में मां बसी हुई है। तभी बेटी पीहू मम्मी को याद करके बेचैन हो जाती है। दरअसल मृतक प्रदीप के पापा खुद लाचार हैं इस कारण वो बच्चों को भी अपने पास नहीं रख सकते हैं।
शास्त्रीनगर एल ब्लाक निवासी देवेन्द्र शर्मा की जिंदगी का इससे बड़ा दुख और क्या होगा कि बड़ा बेटा राहुल एक्सीडेंट में मारा गया। बड़े बेटे की बहू नीतू की शादी छोटे बेटे प्रदीप शर्मा से करा दी गई। दो बच्चे पीयूष और पीहू हो गये। पति और पत्नी के बीच चल रहे विवाद और तनाव ने नीतू शर्मा को इस कदर पागल कर दिया कि उसने दो शूटरों समीर और मनीष शर्मा की मदद से अपने पति प्रदीप शर्मा की हत्या करवा दी।
इसके लिये उसे डेढ़ लाख रुपये की सुपारी तक देनी पड़ी। पति की हत्या के पल भर बाद ही नीतू शर्मा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। नीतू को उम्मीद नहीं थी कि पुलिस इतने जल्दी इस केस को खोल देगी। इस कारण उसे न संभलने का मौका मिला और न ही अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचने का। पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार कर लिया तब पुलिस के सामने एक समस्या खड़ी हुई कि नीतू के जेल जाने के बाद उसके बच्चों को कौन देखेगा।
बाद में तय हुआ कि बच्चों को नीतू की बहन अपने पास रखेगी। जब नीतू जेल से आ जाएगी तब बच्चे उसके पास चले जाएंगे। छोटी बेटी पीहू अपनी मम्मी की लाड़ली है लेकिन उसे भी अहसास नहीं होगा कि उसकी जिंदगी से पिता के प्यार को दूर करने का काम उसकी ही मम्मी कर देंगी। अब हालात यह हो गई है कि पीहू अपनी मम्मी की याद में बेचैन रहती है और इधर उधर अपनी मां को तलाशती रहती है।
वहीं नीतू शर्मा के शास्त्रीनगर के आवास पर ताला पड़ गया है। नीतू की एक गलती से पूरा परिवार बबार्दी के कगार पर पहुंच गया है। मृतक प्रदीप शर्मा के पिता देवेंद्र का कहना था कि प्रदीप के अलावा बड़े बेटे राहुल की भी नीतू हत्या करा चुकी है। हालांकि राहुल की हत्या को उस समय हादसे का नाम दिया गया था।
कहा कि वह प्रदीप हत्याकांड की पैरवी कर आरोपितों को सजा दिलाकर रहेंगे। उनका कहना है कि उनसे सबसे बड़ी गलती यह हुई थी कि राहुल की मौत के बाद नीतू की शादी छोटे बेटे प्रदीप से करा दी थी। अगर ऐसा न करता तो आज बेटा जीवित होता।