- माथे से छूकर निकली गोली, लहूलुहान गंभीर हालत में युवक अस्पताल में भर्ती
जनवाणी संवाददाता |
परतापुर: जमीनी विवाद के चलते शुक्रवार सवेरे भूड़बराल गांव में एक पिता ने बेटे को लाइसेंसी बंदूक से गोली मार दी। गोली माथे से छूकर निकली वह लहूलुहान होकर गिर गया। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंचे और घायल को लेकर सीएचसी भूड़बराल पहुंचे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सकों ने उसको जिला अस्पताल रेफर कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी पिता को बंदूक सहित गिरफ्तार कर लिया।
भूड़बराल निवासी महकार सिंह का काफी समय से जमीन को लेकर बेटे संजीव से विवाद चल रहा था। जिसको लेकर शुक्रवार सवेरे घर में तनातनी हो गई। इसी तनातनी में महकार अपनी लाइसेंसी बंदूक निकाल लाया और बेटे पर फायर झोंक दिया। गोली माथे पर लग कर निकल गई। गोली लगते ही संजीव लहूलुहान होकर गिर गया।
गोली की आवाज सुनकर परिवार व आसपास के लोग एकत्र हो गए और तुरंत ही घायल संजीव को लेकर भूड़बराल सीएचसी ले गए जहां चिकित्सकों ने उसको जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी पिता महकार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में एक लाइसेंसी बंदूक एक तमंचा व एक चिड़ीमार बंदूक बरामद की गई। पुलिस का कहना है कि बंदूक के लाइसेंस को रद करा दिया जाएगा।
खाद्यान्न घोटाले के आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज
मेरठ: विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट प्रमोद कुमार ने खाद्यान्न घोटाले के आरोपी आसिफ पुत्र मोहम्मद रफीक निवासी रसीद नगर, ब्रह्मपुरी,मेरठ की अग्रिम जमानत अर्जी को गम्भीर अपराध पाते हुए खारिज कर दिया। अभियोजन के कथानुसार वादी सुधीरपाल सिंह पूर्ति निरीक्षक ने थाना पल्लवपुरम मेरठ में रिपोर्ट दर्ज करायी कि 21 अगस्त 2018 द्वारा आयुक्त खाद्य रसद विभाग के पत्र के अनुसार अवगत कराया गया कि शहरी क्षेत्रों में एफपीएस आॅटो गेसन व्यवस्था के अन्तर्गत उचित दर दुकान स्तर पर ई-पास मशीनों से राशन कार्ड लाभार्थियों को आवश्यक वस्तु वितरण के लिए बायोमेट्रिक तकनीक का दुरूपयोग करने के बारे में जानकारी प्राप्त हुई थी।
जिला पूर्ति अधिकारियों ने उक्त कम्प्यूटर तकनीक का दुरुपयोग किये जाने के उपरांत जुलाई 2018 के डाटा को एनआईसी उत्तर प्रदेश में विस्तृत परीक्षण कराया। परीक्षण में पाया गया कि आरोपी द्वारा जिलापूर्ति कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों तथा राशन डीलर्स से सांठगांठ करके राशन वितरण की यूआईडी एआईकी आधार बायोमेट्रिक तकनीक में छेड़छाड़ करके वास्तविक लाभार्थी के डाटाबेस में उसके आधार संख्या को हटाकर किसी अन्य व्यक्ति के आधार संख्या को फीड किया जाता था और वास्तविक लाभार्थी को उसका लाभ नहीं मिल पाता था।
उसके बाद वास्तविक लाभार्थी के आधार संख्या को जालसाजी करके पुन: उसके डाटाबेस में अपडेट कर दिया जाता था। जिसमें राशन कार्डधारकों को लाभ से वंचित कर उनका राशन आरोपी द्वारा अपने आप इस्तेमाल कर लिया जाता था। आरोपी की तरफ से उनके अधिवक्ता ने अदालत में जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया। सरकारी वकील मोहम्मद यासिर ने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का घोर विरोध किया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी आसिफ के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।