Saturday, July 27, 2024
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मेडा का पांच हजार करोड़ फंसा है डिफाल्टर आवंटियों में

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  • आवंटियों ने नहीं कराये बैनामे, कुछ किस्त देकर पेंडिंग में डाला

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) से प्लाट और भूखंड आवंटन तो करा लिये, लेकिन डिफाल्टर घोषित हो गए। करीब पांच हजार करोड़ रुपये मेडा के डिफाल्टरों पर फंसे हुए हैं। इसको लेकर प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने डिफाल्टरों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली हैं। आगामी बोर्ड बैठक में डिफाल्टरों को धनराशि जमा कराने के लिए एक माह की मोहल्लत दी जाएगी। इसी बीच यदि कोई धनराशि जमा नहीं करायेगा तो उसका आवंटन रद कर दिया जाएगा।

प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने ‘जनवाणी’को बताया कि करीब 2500 ऐसे आवंटी हैं, जिन्होंने मेडा से प्लाट, भूखंड, फ्लैट आवंटित करा रखे हैं। आवंटियों ने दो या तीन किश्त जमा की, इसके बाद कोई किश्त जमा नहीं की और डिफाल्टर घोषित हो गए। फाइलों में आज भी वो आवंटी बने हुए हैं। नियमानुसार किश्त जमा नहीं करने पर आवंटन निरस्त कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा किया नहीं गया।

करीब 2500 आवंटी अभी तक चिन्हित हो चुके हैं, जो डिफाल्टर हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही हैं। आवंटियों को एक माह का समय देने की बात प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने की हैं। कहा है कि बोर्ड बैठक में ये प्रकरण रखे जाएंगे। उसके बाद एक माह का समय दिया जाएगा, जिसके बाद भी कोई आवंटी पूरा भुगतान प्लाट, भूखंड और फ्लैट का जमा नहीं करता है तो उसका आवंटन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जाएगा।

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प्राधिकरण उपाध्यक्ष का मानना है कि इसमें करीब पांच हजार करोड़ से ज्यादा की धनराशि प्राधिकरण की फंसी हुई हैं। ऐसे आंवटन रद कर देने के बाद फिर से नये सिरे से आवंटन किया जाएगा। बाकायदा नीलामी निकाली जाएगी। इसके बाद ही प्राधिकरण का राजस्व निश्चित रूप से बढ़ेगा।

जो एक दशक से नहीं बिके, उन्हें बेचने की कवायद

पहले आओ, पहले पाओ ये स्कीम प्राधिकरण में चालू की गई हैं। जो फ्लैट और भूखंड मेडा कभी नहीं बेच पाए, उनको पहले आओ, पहले पाओ की श्रेणी में बेचने की कवायद की जा रही हैं। दरअसल, प्राधिकरण की ये सम्पत्ति एक दशक से नहीं बिक पाई हैं, जिसके चलते अब प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने इनको बेचने की कवायद की हैं। हालांकि प्राइवेट बिल्डरों से भूखंड और फ्लैट की कीमत आज भी प्राधिकरण की ज्यादा हैं।

जिसके चलते ये नहीं बिक पा रही हैं। प्राधिकरण ने इस स्कीम के तहत 150 फार्म मंगलवार को बेच दिये हैं। मेडा अफसरों का कहना है कि जो एक दशक से मकान व प्लाट, फ्लैट नहीं बिक पाए, उनको बेचने की कवायद की जा रही हैं। प्राधिकरण अफसरों को उम्मीद है कि इस बार उनके फ्लैट और भूखंड अवश्य बिक जाएंगे।

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