- स्कूलों की मनमानी से अभिभावक थे परेशान, डीआईओएस ने जारी किये आदेश
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: समस्त पब्लिक स्कूल व मानरूता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय अब निर्धारित जगहों से बच्चों या उनके अभिभावकों को यूनीफार्म, किताबें व जूतें खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकेंगे। यदि किसी विद्यालय द्वारा ऐसा किया जायेगा, तो उसके खिलाफ शिक्षा विभाग द्वारा कार्रवाई की जायेगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक गजेन्द्र सिंह द्वारा जारी किये गये आदेशों में कहा गया कि कपिल नागर संकल्ति खतौल्ी की ओर से एक पत्र एसडीएम खतौली को दिया गया था, जिसमें पब्लिक स्कूलों, मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों द्वारा अभिभावकों को अपनी निर्धारित जगहों से यूनीफाॅर्म खरीदने के लिए मजबूर किये जाने की शिकायत की गयी थी। इस मामले में एसडीएम खतौली के द्वारा जांच की गयी, जिसमें जांच सही पायी गयी।
एसडीएम द्वारा ऐसे स्कूलों को चिन्हित कराया गया है, जो अभिभावकों को निर्धारित स्थानों से यूनीफाॅर्म, जूतें व किताबें खरीदने के लिए मजबूर कर रहे थे। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में शुल्क अधिनियम 2018 लागू होने के उपरांत कोइ भी विद्यालय किसी भी छात्र या छात्रा को किसी विशेष दुकान से किताबें, जूतें, मौजे, वर्दी आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।
उन्होंने जनपद के सभी प्रधानाचार्य व प्रधनाचार्यों को निर्देशित किया कि किसी भी अभिभावक को अपनी निर्धारित जगह से किताबें, जूते, मोजे और वर्दी आदि खरीदने के लिए बाध्य न करें। यदि इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।