- कूड़ा कचरा उठाने के बजाय जलाने से कैंट क्षेत्र में बढ़ा रहा प्रदूषण, मार्निंग वॉक बनी मुसीबत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूलन) की मनाही व जुर्माना के बाद कैंट क्षेत्र में कूड़ा कचरा जलाने पर कोई रोक नहीं है। कूड़ा कचरा उठाने के बजाए सफाई कर्मचारी उसको मौके पर ही जला देते हैं। कई बार तो ढलावघरों में भी आग लगा दी जाती है। जिसकी वजह से इलाके में जबरदस्त प्रदूषण फैलता है। लोगों के लिए घरों में रहना और सांस लेना भी दुश्वार हो जाता है। कई बार शिकायत करने के बाद भी कूड़ा कचरा जलाए जाने की घटनाओं पर रोक नहीं लगा पा रही है।
इन इलाकों में जलाया जाता है कचरा
कैंट के बीसी लाइन, बीआई लाइन, तोपखाना आरए बाजार, जीपीओ चौराहा स्थित ढलावघर, रुड़की रोड, माल रोड, सीएबी, महताब सिनेमा, वेस्ट एंड रोड, रेस रोड मंदिर मार्ग, लाल क्वार्टर शिवाजी कालोनी सरीखे तमाम ऐसे इलाके हैं, जहां सफाई कर्मचारी बजाए उठाने के कचरा जला देते हैं।
घरों में रहना होता है दुश्वार
कूड़ा कचरा जलाए जाने की वजह से लोगों का घरों में रहना दुश्वार हो जाता है। दो दिन पहले दोपहर में बीआई लाइन और बीसी लाइन इलाके में एक कोठी के आगे डंप किए गए कचरे को सफाई कर्मचारियों ने जला दिया। इसका धुआं इतना भयंकर था कि जो लोग घरों के भीतर थे धुआं व प्लास्टिक जलने की गंध के कारण उनका सांस लेना भी दुश्वार हो गया।
मार्निंग वॉक पर आने वालों में कमी
बड़ी संख्या में महानगर के तमाम इलाकों से लोग कैंट में मार्निंग वॉक पर आया करते थे, लेकिन जब से कूड़ा कचरा जलाने का सिलसिला शुरू किया गया है। तब से घूमने आने वालों की संख्यां में बहुत कमी आ गयी है। कैंट से सटे इलाकों से तो बहुत लोग यहां आया करते थे। इनमें बड़ी संख्या महिलाओं व बच्चों की होती थी, लेकिन अब इसकी संख्या में कमी आयी है। प्रदूषण इसकी मुख्य वजह है।
सैन्य प्रतिष्ठान और आवास भी प्रदूषित
छावनी के कई ऐसे इलाके हैं जहां या तो सैन्य प्रतिष्ठान है या फिर फौजी अफसरों की आवासीय कालोनी। इनके आसपास भी आए दिन कचरा जला दिया जाता है। कई बार तो प्रतिष्ठान के बाहर कूडेÞ कचरे में लगायी गयी आग को फौजियों को बुझाते हुए देखा जा सकता है। कुछ दिन पहले रुड़की रोड स्थित एक सैन्य प्रतिष्ठान के बाहर कूड़े में आग लगा दी थी। उसको बुझाने का काम फौजियों ने ही किया था। यही हाल फौजी अफसरों की आवासीय कालोनियों का भी है।
ढलावघरों से जीना मुहाल
कूड़ा जलाने की वजह से होने वाले प्रदूषण के अलावा कैंट के ढलावघरों की वजह से भी आसपास रहने वालों का जीना मुहाल है। कई बार इन ढलावघरों में मरे हुए पशु लाकर डाल दिए जाते हैं। जिसकी वजह सड़ांध उठती है। लोगों ने बताया कि इसकी कई बार शिकायत भी की गयी, लेकिन कैंट प्रशासन का कहना है कि उनके पास कोई दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं जहां ढलावघर बनाया जा सके। ये ढलावघर पहले से ही यहां बने हुए हैं, लेकिन लोग बताते हैं कि जब ढलावघर बनाए गए थे तब इतनी आबादी नहीं थी, जितनी अब है। इसलिए इन्हें यहां से शिफ्ट किया जाना चाहिए।
कूड़े में लगाई जा रही आग, परेशान लोग
सरधना तहसील रोड पर रोडवेज बस अड्डे के लिए चिह्नित भूमि पर पालिका ने कूड़े के ढेर तो लगा दिए हैं। मगर ऐसा करने से गंदगी से निजात मिली हो या न मिली हो, लोगों की परेशानी जरूर बढ़ गई। दिन ढलते ही कूड़े में आग लगा दी जाती है। जिससे चारों ओर धुएं के गुब्बार हो जाते हैं।
ऐसे में लोगों का सांस लेना तक दूभर हो गया है। दरअसल तहसील मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर पालिका द्वारा रोडवेज बस अड्डे के लिए चिह्नित की थी। जिसकी चार दीवारी भी कराई गई थी। लाखों खर्च के बाद पता चला कि भूमि विवादित है। कोर्ट में मुकदमा लंबित है।
अब पालिका ने इस भूमि को कूड़ा घर बना रखा है। पूरे मैदान में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। सड़क तक कूड़ा फैला रखा है। यहां तक तो ठीक था, लेकिन उस कूड़े में आग भी लगाई जा रही है। दिन ढलते ही कूड़े में आग लगा दी जाती है। जिससे चारों ओर धुआं ही धुआं हो जाता है। ऐसे में लोगों का सांस लेना तक दूभर हो जाता है।
कई बार शिकायत के बाद भी पालिका अधिकारी इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। पालिका प्रशासन कहता है कि वह कूड़े में आग नहीं लगाते। परेशान लोगों ने शनिवार को नगर पालिका में पहुंच कर हंगामा कर दिया। पालिका प्रशासन ने किसी तरह उन्हें समझा कर शांत किया। साथ ही तत्काल फायर ब्रिगेड की गाड़ी भेजकर आग बुझवाने का काम शुरू कराया। पूरे दिन आग बुझाने का काम जारी रहा।
वायु प्रदूषण: शहर के बड़े बिल्डरों को एमडीए ने दिये अनुपालन नोटिस
वायु प्रदूषण को रोकने के लिए एमडीए ने भी कार्रवाई करनी आरंभ कर दी है। शहर के बड़े बिल्डरों को एमडीए ने अनुपालन नोटिस भेजे हैं। नोटिस के बाद बिल्डरों में हड़कंप मच गया है। एमडीए सचिव प्रवीणा अग्रवाल ने बताया कि ग्रेडिड रिस्पोंस ऐक्शन प्लान को लागू कर दिया गया है, जो भी इसका उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिन बिल्डरों को अनुपालन नोटिस भेजे हैं,उनमें कमल ठाकुर, आॅरबिट इंफ्राप्रमोटर्स प्रा.लि., मैं सरस्वती बिल्डकोन (एडको डवलपर्समैं अंससल हाउसिंग एंड कन्स. लि., मैं एटूजेड़ बल्डर्स एंड डवलपर्स, मैं एपेक्स ग्रुप सुपर टेक, अंजता कॉलोनाइजर शामिल है। इसके अलावा पांच ठेकेदारों को भी अनुपालन नोटिस भेजे गए हैं।
इसके अलावा खुले में निर्माण सामग्री बेचने वाले पन्द्रह लोगों को नोटिस दिये गए हैं। आरोप है कि ये 15 लोग खुले में निर्माण सामग्री बेच रहे हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। निर्माण सामग्री को ढककर व पानी छिड़काव करने के लिए भी कहा गया है। निर्माण सामग्री से उठ रही धूल से वायु प्रदूषण हो रहा है।
उधर, नगर निगम ने भी कुछ लोगों को नोटिस भेजकर चेताया है। कहा गया है कि जो भी ग्रेडिड रिस्पोंस ऐक्शन प्लान का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नगरायुक्त डा. अरविन्द चौरसिया ने एक कमेटी भी गठित कर दी है, जो इस पर फोकस करेगी। साथ ही गाड़ी से शहर की सड़कों पर छिड़काव कराया जा रहा है।
प्रदूषण विभाग की टीम ने तीन कोल्हुओं को किया सील
मेरठ में ग्रेड सिस्टम लागू होने के बाद लगातार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम कार्रवाई कर रही है। शनिवार को जेईई एसपी सिंह के नेतृत्व में टीम ने इंचौली में जाकर छापेमारी की। जहां तीन कोल्हुओं पर पॉलीथिन जलाते हुए मिले। पॉलीथिन जलाने के अपराध तीनों कोल्हुओं को सील कर दिया गया है।
सील करने के बाद 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा टीम ने रात में ही इंचौली व सरधना में तीन फैक्ट्रियों पर छापेमारी की। जहां पर कुछ नहीं मिला। प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डा. योगेंद्र कुमार का कहना है कि जिन कोल्हुओं को सील कर जुर्माना लगाया है। उनकी वसूली के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेज दिया गया है।