- बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा और बच्चों को भी ले रहा संक्रमण चपेट में
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना संक्रमण ने लोगों की लाइफ स्टाफ को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। इस बदलाव से न तो बच्चे ही अछूते हैं न ही युवा और बुजुर्गों की लाइफ स्टाइल तो सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। शुरूआती दौर में बुजुर्गों के लिए ही कोरोना को खतरे की घंटी माना जाता रहा है। इसके पीछे ठोस कारण भी हैं। संक्रमण काल शुरू होने के बाद कोरोना के निशाने पर सबसे ज्यादा 50 प्लस ही रहे हैं। बड़ी संख्या में उनकी मौत भी हुई हैं।
अब कोरोना के रडार केवल बुजुर्ग या फिर 50 प्लस नहीं रही रह गए हैं। बड़ी संख्या में बच्चे व युवा भी संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। हैरानी तो इस बात की है कि छह माह के बच्चे से लेकर एक साल तक के बच्चे भी चपेट में आ रहे हैं। इसके अलावा एक से 10 साल आयु वर्ग के बच्चों की भी अच्छी खासी तादाद है।
10 से 20 साल आयु वर्ग के भी चपेट में हैं। स्वास्थ्य विभाग के कोरोना को लेकर जारी आंकड़े बता रहे हैं कि संक्रमण के लिए कोई भी आयु वर्ग अब अपवाद नहीं रह गयी है। शास्त्री नगर निवासी सेना के रिटायर्ड अधिकारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। ठीक होने के बाद उनकी लाइफ स्टाइल पूरी तरह से बदल गयी है। वो बताते हैं कि पहले टलने के लिए जाया करते थे। अब दूसरी की सुरक्षा के लिए अपने घर की बागवानी में ही टलते हैं।
पेड़ पौधों को पानी देते हैं। वो नहीं चाहते कि कोई और उनके कारण संक्रमित हो। उधर, साकेत निवासी 60 वर्षीय शख्स कोरोना से रिकबर होने के बाद पूरी तरह से बदल गए हैं। संयुक्त परिवार के मुखिया होने के नाते परिवार की पूरी जिम्मेदारी उन पर है। वो हर वक्त मास्क का ध्यान रखते हैं और परिवार के सभी सदस्य इसका यूज करें यह भी ध्यान रखते हैं। वो खुद को घर के एक कमरे में सीमित रखने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा सबसे ज्यादा ध्यान व्यायाम पर देते हैं।
लाइफ स्टाइल में बदलाव जरूरी
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार कहा कहना है कि यदि लाइफ स्टाइल में थोड़ा बदलाव लाने से संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है तो ऐसा करना चाहिए। जो लोग संक्रमित हुए हैं उनको परिवार के सदस्यों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखें। उन्हें परिजनों के अलावा आसपड़ोस व रिश्तेदारों को भी सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क की सलाह देनी चाहिए।
नेचर के करीब जाना मुनासिब
आईएमए के सेक्रेटरी डा. अनिल नौसरान का कहना है कि नेचर के करीब जाना बहुत अच्छा है। वो कहते हैं कि सुबह को जल्दी उठना। व्यायाम व योगा करना कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियों से भी सुरक्षित रखेगा। सबसे ज्यादा जोर खानपान पर दिया जाना चाहिए। समय से भोजन लेना बहुत अच्छा है। लेट नाइट खाना खाने से बचाना चाहिए। भोजन में रोग प्रतिरोध चीजे जरूर लें। उम्र दराज लोगों को भी अधिक सावधान रहना चाहिए।