Wednesday, June 25, 2025
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शासन ने रेमेडियल टीचिंग के जारी किए निर्देश

जनवाणी संवाददाता

मेरठ: बेसिक शिक्षा विभाग ने एक मार्च से परिषदीय प्राथमिक विद्यालय खुलने के साथ ही विद्यार्थियों की क्षमताओं का आंकलन करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए एक आंकलन-पत्र तैयार कराया गया है। जिसके जरिए विद्यालय आने वाले विद्यार्थियों का आंकलन किया जाएगा।

इस परीक्षण में पढ़ाई में कमजोर मिलने वाले विद्यार्थियों के लिए रोजाना पहले 40 मिनट की रेमेडियल क्लास चलाई जाएगी। इस व्यवस्था में कक्षा पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों का सिर्फ हिंदी और गणित विषय में ही आंकलन किया जाएगा। इन दोनों विषयों में विद्यार्थियों को कुछ शब्द पहचानने और कुछ प्रश्नों को हल करने के लिए दिया जाएगा। यदि वह अपनी कक्षा के अनुसार उनके उत्तर बता देंगे तो वह इस परीक्षण में पास होंगे नही तो उनकी रेमेडियल क्लास कराई जाएगी।

बता दें कि पिछले 11 महीनों से प्राथमिक विद्यालय बंद थे और एक मार्च से खुलने जा रहे हैं। इनके खुलने पर विद्यार्थियों की शैक्षिक क्षमता का आंकलन इस तरह से किया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों ने कोरोना संक्रमण काल में कितना सीखा और कितना पाठ्यक्रम छोड़ दिया, इसका पता चल सके। इस रिजल्ट के आधार पर ही उनका आंकलन किया जाएगा और फिर प्रतिदिन 40 मिनट की उनकी रेमेडियल टीचिंग कराई जाएगी।

गणित में कक्षा एक के विद्यार्थी को निर्धारित सूची में से पांच संख्याओं को सही से पहचानना होगा। कक्षा दो और तीन के विद्यार्थियों को जोड़-घटाव के एक अंक के 75 फीसद प्रश्न हल करने होंगे, जबकि कक्षा चार के विद्यार्थी गुणा के 75 फीसद प्रश्न और कक्षा पांचवीं के विद्यार्थियों को भाग के 75 फीसद प्रश्न सही हल करने होंगे। वहीं हिंदी में कक्षा एक के विद्यार्थी को घर, भवन, दम, राजा, नल, नमक, कलम, नाम, दाम, दिन, कलर, खिल आदि में से पांच शब्द पहचानने होंगे।

कक्षा दो के विद्यार्थियों को हिंदी में 20 शब्द प्रति मिनट और कक्षा तीन के विद्यार्थियों को 30 शब्द प्रति मिनट के हिसाब से पढ़ने होंगे। कक्षा चार के विद्यार्थियों को छोटे अनुच्छेद पढ़कर 75 फीसद प्रश्नों के उत्तर सही देने होंगे। जबकि कक्षा पांचवी के विद्यार्थियों को बड़े अनुच्छेद को पढ़कर 75 फीसद प्रश्नों के सही उत्तर देने होंगे।

यह है रेमेडियल टीचिंग

रेमेडिटल टीचिंग यानि उपचारात्मक शिक्षण में शिक्षक, विद्यार्थियों की अधिगम संबंधी त्रुटियों को दूर करके, उनको ज्ञानार्जन की उचित दिशा की ओर मोड़ने का प्रयास करते हैं। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को संबंधित विषय में दक्ष बनाने के साथ उनमें विषय के शिक्षण के प्रति लगाव उत्पन्न करना है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार का कहना है कि एक मार्च से विद्यालय खोलने की तैयारी है। शासन के आदेश पर सभी विद्यार्थियों का परीक्षण कर आंकलन कर उनका शैक्षिक स्तर सुधारने की कार्रवाई की जाएगी।

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