- शिक्षकों के रिफ्रेशमेंट के लिए नहीं कोई बजट
- आज से चार केंद्रों पर शुरू हो रहा है मूल्यांकन
- मूल्यांकन के लिए जिले में लगाए गए 22 सौ से अधिक परीक्षक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानि यूपी बोर्ड मूल्यांकन में अगर ड्यूटी देनी हंै तो गुरुजी को खाने का टिफिन घर से ही लेकर आना होगा। क्योंकि बोर्ड के पास शिक्षकों के खाने-पीने के लिए कोई बजट नहीं है। बोर्ड ने इस बार भी शिक्षकों की रिफ्रेशमेंट की मांग नहीं सुनी।
बोर्ड कार्यालय के निर्देशों अनुसार आज से मूल्यांकन का कार्य शुरू होने जा रहा है, जो अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक चलेगा। जिसके लिए जिले में चार मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं जिनपर यूपी बोर्ड परीक्षार्थियों की कॉपी जांची जाएंगी। वहीं मूल्यांकन के लिए 22 सौ से अधिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। जीआईसी और डीएन इंटर कॉलेज में इंटरमीडिएट व एसडी सदर व एसएसडी लालकुर्ती में हाईस्कूल की कॉपियों का मूल्यांकन होगा।
मूल्याकंन के लिए बोर्ड का मेहनत नामा
यूपी बोर्ड में हाईस्कूल की एक कॉपी जांचने पर परीक्षक को 11 रुपये मिलते हैं। वहीं सीबीएसई बोर्ड नाश्ते व यात्र के लिए 250 रुपये देता है व आईसीएसई में 25 रुपये मिलते हैं। 12वीं के लिए यूपी बोर्ड में 13 रुपये जबकि सीबीएसई 20 रुपये और आईसीएसई 30 रुपये देता है। बोर्ड में आने-जाने के लिए हर परीक्षक को 20 रुपये दिए जाते है। टीए और डीए का सबसे ज्यादा पैसा आईसीएसई बोर्ड के शिक्षकों को दिया जाता है।
जहां एक दिन के लिए 5 सौ रुपये निर्धारित है। मल्लू सिंह इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या नीरा तोमर का कहना है कि यूपी बोर्ड के शिक्षकों को भी अन्य बोर्ड की भांति सुविधाए दी जानी चाहिए। साथ ही बोर्ड की कॉपियां जांचने के नियम में भी परिवर्तन होना चाहिए। ताकि मूल्यांकन में गलती की संभावनाएं न रहे। शिक्षकों की मांग पर बोर्ड ने सिर्फ डेढ़ से दो रुपये की बढ़ोत्तरी मूल्यांकन के पारिश्रमिक में की थी।
उत्तर पर नाम लिखा तो कटेंगे नंबर
यूपी बोर्ड मूल्यांकन आज से शुरू होने जा रहा है। अगर कॉपियों पर किसी आंसर के नीचे परीक्षार्थियों का नाम लिखा मिला तो नंबर काट दिए जाएंगे। बोर्ड के अनुसार अक्सर इस तरह की कॉपियां सामने आती है जिनमें परीक्षार्थी सेटिंग गेटिंग के चक्कर में हर आंसर पर अपना और स्कूल का नाम लिख देते हैं। इसलिए बोर्ड ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी किए है।
15 प्रतिशत कॉपियों की होगी री चेकिंग
मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को कॉपियों की बारीकी से जांच करने के लिए कहा गया है। कॉपियों को जांचने के बाद हर बंडल की 15 प्रतिशत कॉपियों को रीचेकिंग करने का नियम भी बनाया गया है। इन 15 प्रतिशत कॉपियों को किसी दूसरे प्रिंसिपल लेवल के शिक्षक से ही चेक करवाया जाएगा।