- पेट्रोल पंप संचालक ने तीन अलग-अलग जगहों पर तेल के टैंक की क्षमता की दी जानकारी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर की वीवीआईपी जगह की जाने वाली कलक्ट्रेट एवं कमिश्नरी, एसएसपी कार्यालय, कचहरी के पास स्थित पेट्रोल पंप कितनी क्षमता के टैंक वाला है? उसकी सटीक जानकारी नगर निगम भी नहीं है। वहीं नगर निगम को तो छोड़िये आपूर्ति विभाग एवं अग्निशमन विभाग के पास भी पेट्रोल पंप कितनी क्षमता के टैंक वाला है? उसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है। पेट्रोल पंप संचालक के द्वारा तीन अलग-अलग जगहों पर जो पेट्रोल पंप के टैंक संबधी जानकारी दी है, उन तीनों में काफी अंतर है।
बड़ा सवाल यह है कि यदि पेट्रोल पंप पर टैंक की जो क्षमता की अनुमति पेट्रोलियम विभाग से ली गई है, उसकी सही व सटीक जानकारी संबंधित विभागों में क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई। वहीं, यदि टैंक की वास्तविक क्षमता को छिपाकर टैंक बड़ा बनाया गया है तो यदि अचानक कोई दुर्घटना विक्टोरिया पार्क की तरह से अग्निकांड जैसी हो जाये तो कलक्ट्रेट एवं कमिश्नरी परिसर भी उसकी जद में आने से नहीं बच पायेंगे। फिर उसकी जिम्मेदारी कौन-सा विभाग लेगा कि पेट्रोल पंप जोकि भीड़भाड़ वाली जगह पर बना है। वह कितनी क्षमता वाले टैंक का था।
महानगर में पेट्रोल पंप कितनी क्षमता के टैंक वाले है, यदि इसकी जानकारी किसी को करनी है तो उसका सटीक डाटा न तो नगर निगम के पास है और न ही जिला आपूर्ति अधिकारी एवं अग्निशमन अधिकारियों के पास उपलब्ध है, जबकि तीनों का ही पेट्रÑोल पंप संचालक से संबंध है। नगर निगम में जिस भूमि पर पेट्रोल पंप कितनी क्षमता का लगा है? उस भूमि को कितने समय के लिये लीज पर लिया गया।
वहीं आपूर्ति विभाग के अधिकारी भी पेट्रोल पंप पर जिस समय अधिकारियों के द्वारा जांच के लिये अभियान चलाया जाता है तो उसमें बाट-माप विभाग, आपूर्ति विभाग, अग्निशमन विभाग के तमाम अधिकारी शामिल होते हैं और टैंक कितनी क्षमता का है और उसमें कितना तेल जांच के समय उपलब्ध है। उसकी रिपोर्ट तैयार की जाती है, लेकिन कलक्टेÑट के मुख्य गेट के ठीक सामने जो पेट्रोल पंप है। उस पेट्रोल पंप में डीजल एवं पेट्रोल के लिये कितनी-कितनी क्षमता के टैंक लगे हैं।
उसकी जानकारी न तो नगर निगम एवं आपूर्ति विभाग एवं अग्निशमन विभाग को है। वहीं शिकायतकर्ता दीपांकर शर्मा द्वारा जो शिकायत की गई उसकी शिकायत के आधार पर नगर निगम के द्वारा पेट्रोल पंप पर 15 नवंबर 2022 को सीलिंग की कार्रवाई कर दी। जिसके बाद पेट्रोल पंप संचालक पक्ष हाईकोर्ट जा पहुंचा और वहां पर रिट संख्या-35244/2022 मैसर्स बसंतलाल बेनीप्रसाद बनाम स्टेट आदि दिनांक 25 नवंबर 2022 योजित किया। जिसमें हाईकोर्ट ने 15 नवंबर 2022 को की गई सींलिंग की कार्रवाई पर संज्ञान लिया।
जिसमें पेट्रोल पंप संचालक ने कोर्ट को जानकारी दी कि उनके पेट्रोल पंप पर दो टैंक हैं,जिसमें एक पेट्रोल दूसरा डीजल का टैंक हैं। जिसमें एक में 1 लाख 80 हजार 598 लीटर पेट्रोल (डीजल) एवं 2 लाख 83 हजार 183 लीटर पावर पेट्रोल होना बताया। दोनो ट्रेंका का कुल मिलाकर 3 लाख 59 हजार 750 लीटर पेट्रोल बताया। वहीं जिसमें 30 हजार लीटर लुब्रीकेंट को विक्रय करने की बात कोर्ट में कही। जिसमें कोर्ट ने पेट्रोल पंप संचालक को सह कहते हुये सशर्त अनुमति दी कि जो पेट्रोल 15 नवंबर को सीलिंग की कार्रवाई के दौरान उसके अंदर था, वहीं निकाला जायेगा।
वहीं नई खरीद एवं बिक्री पेट्रोल पंप पर नही होगी। कोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने मैसर्स बसंतलाल बेनीप्रसाद पार्टनर सरला देवी ईस्टर्न कचहरी रोड मेरठ, प्रबंध निदेशक हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. वरिष्ठ क्षेत्रीय सेल्स मैनेजर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम 495/1 द्वितीय तलआरपी टावर यूनिवर्सिटी रोड मंगलपांडेनगर मेरठ को कोर्ट के आदेश का संज्ञान लेते हुये पेट्रोल पंप पर लगी सीलिंग को खुलवा दिया, लेकिन उसके बाद पेट्रोल पंप का संचालन बरकरार संचालित है, लेकिन उसको देखने वाला या कोर्ट के आदेश का पालन कराने का दायित्व किसी के पास नहीं है।
वहीं जनवाणी ने नगर निगम व पेट्रोल पंप संचालक के बीच सेटिंग के खेल के चलते पेट्रोल पंप पर नई खरीद एवं बिक्री के समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो तेल की सेटिंग का बडा खेल सामने आया। जिसमें पेट्रोल पंप पर पेट्रोल की बिक्री व खरीद तो छोड़िये यदि टैंक की क्षमता के खेल को देखा जाये तो वह चौंकाने वाला है,इतना ही नहीं इस सेटिंग के खेल में यदि कोई पेट्रोल पंप पर विक्टोरिया पार्क जैसे अग्निकांड की पुनावृति हो जाये तो एक बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
जिसमें कलक्ट्रेट, कमिश्नरी, एसएसपी कार्यालय,तमाम वीवीआईपी कार्यालय पेट्रोल पंप की जद में आ जायेंगे, क्योंकि पेट्रोल पंप के टैंक की क्षमता के हिसाब से ही पेट्रोल पंप पर अग्निशमन यंत्र उपलब्ध कराये जाते हैं, लेकिन इस पेट्रोल पंप में कितनी क्षमता का टैंक लगा है। उसकी सटीक जानकारी किसी के पास उपलब्ध नहीं है। नगर निगम में जो पेट्रोल पंप संचालक द्वारा टैंक संबधी अनुमति दिखाई गई
उसमें एक टैंक की क्षमता 11 हजार लीटर, दूसरे टैंक की क्षमता 16 हजार लीटर, वहीं आपूर्ति विभाग में जो जानकारी दी गई। उसमें टैंक की क्षमता 11 व दूसरे की क्षमता भी 11 हजार लीटर दिखाई गई। जबकि कोर्ट से कितना पेट्रोल व डीजल टैंक के अंदर होना बताते हुये करीब एक लाख लीटर से अधिक पेट्रोल डीजल होना बताते हुये उसकी बिक्री की अनुमति मांगी गई थी।
पेट्रोल पंप पर कितनी क्षमता का टैंक लगा है। आपूर्ति विभाग इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं रखता, जो पेट्रोल पंप संचालक अनुमति पत्र के साथ कागज देता है। वहीं, रिकॉर्ड हमारे पास उपलब्ध होता है। पहले इस पेट्रोल पंप पर 31 मार्च 2015 तक की अनुमति आपूर्ति विभाग से थी। उसके बाद 5 हजार रुपये की रसीद कटवाने के बाद आजीवन की अनुमति आपूर्ति विभाग से पेट्रोल पंप संचालन की जारी की गई है। -विनय कुमार सिंह, जिला आपूर्ति अधिकारी, मेरठ
पेट्रोल पंप पर कितनी क्षमता का टैंक लगा है, उसकी जानकारी अग्निशमन विभाग को नहीं होती है। यह जानकारी संबधित पेटोलियम विभाग के पास होती है। जिस कंपनी के आॅयल का पेट्रोल पंप है।-संतोष कुमार जिला अग्नि शमन अधिकारी, मेरठ