- पीड़ितों ने डीएम से की शिकायत, लोग अपने स्तर से अलाव जलाने को मजबूर
- 5.92 लाख के ठेके में जल रही गीली लकड़ी
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: अचानक बढ़ी ठंड से आम जनमानस ही नहीं, पशु-पक्षी भी बेहाल हैं। वहीं, लोगों को ठंड से राहत दिलाने के नाम पर कुछ समाजसेवियों को छोड़ दें तो प्रशासनिक मशीनरी भी पूरी तरह बेसुध पड़ी है। शहर के विभिन्न स्थानों पर नगर पालिका परिषद द्वारा जलवाए जा रहे अलावों की हालत यह है कि गरीबों व राहगीरों के लिए जलने वाले अलाव में आग तो दूर धुआं तक नहीं उठ रहा है।
गीली लकड़ी की आपूर्ति कर नपा कर्मी ही अपना हाथ सेंकने में जुटे हैं, जबकि नपा अधिकारी इससे अंजान हैं। ठंड ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। कई दिन तक सूर्य देवता के दर्शन नहीं हुए, तब नपा अधिकारियों को अलाव की याद आई। बीते सोमवार को सूर्य देवता के दर्शन हुए तो लोगों ने राहत की सांस ली।
नगर पालिका द्वारा जलवाए जा रहे अलाव में खेल किया जा रहा है। गीली लकड़ी के सहारे लोगों की ठंड दूर करने की कोशिश की जा रही है। जबकि करीब छह लाख रुपये का ठेका अलाव का छोड़ा गया है। हालात यह है कि सभासदों की सुनवाई नहीं हो रही है। लोग अपने स्तर से अलाव जलवाने को मजबूर हैं। मामले में सभासदों ने डीएम से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
कड़ाके की ठंड ने लोगों का बुरा हाल कर रखा है। लोगों को ठंड से बचाने के लिए प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था की जा रही है। नगर पालिका द्वारा कस्बे में अलाव जलवाने के लिए करीब छह लाख रुपये का ठेका छोड़ा गया है। मगर अलाव जलाने में खेल किया जा रहा है। नगर पालिका द्वारा गीली लकड़ी डाली जा रही है। जिन्हें जलाने में लोगों के आंसू निकल रहे हैं। यानी अलाव के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।
हालात यह हैं कि सभासदों की सुनवाई भी नहीं हो रही है। मंगलवार को सभासद खालिद अंसारी, इमरान ठाकुर आदिने डीएम से शिकायत करते मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वार्ड के लोग उनसे सवाल करते हैं। लोगों को अलाव का लाभ नहीं मिल पा रहा है। चंद स्थानों पर ही अलाव के नाम पर गीली लकड़ी डाली जा रही हैं। महज कागजों में अलाव जल रहे हैं। लोग अपने स्तर से अलाव की व्यवस्था करने को मजबूर हैं।