नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। ‘कांटा लगा’ फेम अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की 42 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट से हुई मौत ने एक बार फिर समाज का ध्यान हृदय रोगों और हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं की ओर खींचा है। यह घटना न केवल मनोरंजन जगत के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि भारत में युवाओं में बढ़ते हृदय रोगों की चिंताजनक तस्वीर भी पेश करती है।
भारत में हृदय रोगों की भयावह स्थिति
भारत में हृदय रोगों से होने वाली मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। 1990 में जहां 15.2% मौतें हृदय रोगों से होती थीं, वहीं 2021 तक यह आंकड़ा बढ़कर 28.1% हो गया। साल 2021 में 28,413 और 2022 में 32,457 लोग हार्ट अटैक से अपनी जान गंवा चुके हैं।
क्या होता है कार्डियक अटैक और कार्डियक अरेस्ट?
कार्डियक अटैक (Heart Attack): तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो जाती है। इसकी वजह आमतौर पर कोरोनरी धमनियों में रुकावट (जैसे खून का थक्का) होती है। लक्षणों में सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, बाएं हाथ में दर्द, पसीना, चक्कर आदि शामिल हैं।
कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest): यह एक इलेक्ट्रिकल समस्या होती है, जिसमें हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है। व्यक्ति बेहोश हो जाता है और सांस लेना बंद कर देता है। इससे निपटने के लिए तुरंत CPR और डिफाइब्रिलेटर की जरूरत होती है।
40% हृदय रोगी 40 साल से कम उम्र के
एक अध्ययन के अनुसार, भारत में हृदय रोग से पीड़ित 40% लोग 40 वर्ष से कम उम्र के हैं। कोविड-19 महामारी के बाद से हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामलों में और तेजी देखी गई है। विशेषज्ञ इस वृद्धि के पीछे तनाव, सूजन और वैक्सीन के संभावित प्रभावों पर भी शोध कर रहे हैं, हालांकि वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध प्रमाणित नहीं हुआ है।

कैसे करें बचाव?
हृदय रोगों से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय जरूरी हैं:
नियमित व्यायाम करें
संतुलित और पौष्टिक आहार लें
धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें
तनाव को कम करें (योग/मेडिटेशन करें)
नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं
सीपीआर की ट्रेनिंग लेना आज के समय में अत्यंत जरूरी है
विशेष रूप से युवाओं को जंक फूड, स्टेरॉयड, अनियमित दिनचर्या और अत्यधिक तनाव से बचना चाहिए।
आपातकालीन स्थिति में क्या करें?
अगर किसी को हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के लक्षण दिखें, तो:
तुरंत 108 पर कॉल करें
जब तक चिकित्सा सहायता ना पहुंचे, CPR शुरू करें
पास में AED (डिफाइब्रिलेटर) हो तो उसका उपयोग करें