- सोमवार को दिन का तापमान 41 डिग्री के पार पहुंचा
- प्रचंड गर्मी ने किया लोगों का बुरा हाल
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: सोमवार को प्रचंड गर्मी में लोगों का हाल बेहाल हो गया। गर्मी के कारण लोग सुबह से ही घरों में कैद हो गए। दोपहर के समय बाजारों में सन्नाटा छा गया और हाइवे सुनसान हो गए। जिसके चलते लोगों में परेशानी देखने को मिली। राजकीय मौसम वैधशाला पर सोमवार को दिन का अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 25.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
सीजन का अब तक का सबसे गर्म दिन सोमवार रहा। अधिकतम आर्द्रता 38 एवं न्यूनतम आर्द्रता 30% दर्ज की गई। सरदार पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि अभी गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिलेगा। हालांकि मौसम में बदलाव के संकेत लग रहे हैं।
प्रदूषण में हुआ इजाफा
प्रदूषण का प्रकोप लगातार गर्मी के बढ़ने के कारण बढ़ रहा है। जिसके चलते लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। फिलहाल गर्मी के बढ़ते रुख को देखते हुए लोगों को बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
लू के प्रकोप से बचाव, प्रबंधन के लिए एडवाजरी जारी
गर्मी के बढ़ते प्रकोप के दृष्टिगत डीएम के निर्देशन में पंकज वर्मा, अपर जिलाधिकारी (वि.रा.) ने लू के प्रकोप से बचाव और प्रबंधन के लिए संबंधित विभागों एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मेरठ को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए हैं। जनपद में तैनात आपदा विशेषज्ञ, दीपक कुमार ने बताया कि जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण पूरे विश्व में गर्मी की तीव्रता लगातार बढ़ रही है। यह मनुष्य द्वारा ग्रीन हाउस गैसों के अधिक उत्सर्जन का भी प्रभाव है।
हाल के वर्षों में हीटवेव भारत में भी एक जलवायु संबंधी खतरे के रूप में उभरी है। प्रत्येक वर्ष माह मार्च से जून के दौरान प्रदेश के कई जनपद में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला जाता है। जिससे प्रदेश के अधिकांश भागों में लोग हीटवेव (लू) से मनुष्य एवं जंतु प्रभावित होते हैं। अत: हीटवेव (लू) से बचने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मेरठ की ओर से जनहित में कुछ एडवाजरी जारी की गई है।
क्या करें?
घर से बाहर निकलते समय गमछा, टोपी, चश्मा एवं छाते का प्रयोग करें। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहने तथा कड़ी धूप से बचें। पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ जैसे छाछ, लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू का पानी के का सेवन करें। प्यास की इच्छा न होने पर भी पानी बार-बार पिएं। निर्जलीकरण से बचने के लिए ओआरएस घोल का प्रयोग करें। यात्रा करते समय पानी हमेशा साथ में रखें। संतुलित हल्का व नियमित भोजन करें।
खाना बनाते समय की खिड़की, दरवाजे एवं रात को खिडकियां खुली रखें। जिन खिड़कियों और दरवाजों से गर्म हवा आती हैं, उन पर रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमिनियम पन्नी गत्ते या काले पर्दे लगाएं। वृद्धों, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें। अधिक परिश्रम के बीच में आराम भी करें। घर की छत पर सफेद रंग का पेंट करें, जहां तक सम्भव हो घर में ही रहें और सूर्य के सम्पर्क से बचें।
स्थानीय मौसम के पूवार्नुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें। लू लगने के लक्षणों को पहचानें, यदि कमजोरी लगे, सिर दर्द हो, उल्टी महसूस हो, मांसपेशियों में ऐंठन हो और चक्कर आये तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़ों से पोंछें अथवा नहलाएं, या शरीर के ऊपर पानी का स्प्रे करें, आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। जानवरों को छाया में बांधें और उन्हें पर्याप्त पानी पिलाएं।
क्या न करें?
चाय, काफी एवं शराब का सेवन न करें। तेज धूप में बाहर न निकलें, अधिक गर्मी में व्यायाम न करें। धूप में खड़े वाहनों में बच्चो एवं पालतू जानवरों को न छोड़ें। अधिक प्रोटीन वाले तथा बासी खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
गर्मी के साथ बढ़ने लगे डी-हाइड्रेशन के मरीज
जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है अस्पतालों में शरीर में पानी की कमी से होने वाले डी-हाइड्रेशन के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। धूप में काम के सिलसिले की वजह से बाहर निकलने वाले लोगों को शरीर में पानी की कमी से होने वाले डी-हाइड्रेशन का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को मेडिकल में भी डी-हाइड्रेशन की वजह से उल्टी-दस्त के शिकार लोग बड़ी संख्या में इलाज के लिए पहुंचे। वहीं इनमें बच्चों की संख्या कहीं ज्यादा नजर आ रही है।
विशेषज्ञों का कहना है इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है, ऐसे में घरों से तभी निकले जब ज्यादा जरूरी हो। साथ ही धूप से बचाव के लिए सिर पर कपड़ा रखे और शरीर में पानी की कमी न होने दें। उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर ओआरएस का घोल पीए और यदि वह उपलब्ध न हो तो एक ग्लास पानी में दो चम्मच चीनी व एक चुटकी नमक मिलाकर पीए।