नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानि एचएमपीवी भारत में भी दस्तक दे चुका है। जहां कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, बच्चों और बुजुर्गों में इस संक्रमण के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए जा रहे हैं, हालांकि अच्छी बात ये है कि संक्रमण के शिकार अधिकतर लोग आसानी से ठीक हो रहे हैं और गंभीर जटिलताएं नहीं देखी जा रही हैं।
एचएमपीवी अधिकतर मामलों में हल्के लक्षणों वाली बीमारी पैदा करता है, हालांकि जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या फिर जिन्हें पहले से सांस की कोई समस्या जैसे अस्थमा या ब्रोंकाइटिस की दिक्कत रही है, ऐसे लोगों में एचएमपीवी का संक्रमण इन बीमारियों को ट्रिगर करने वाला हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, ये संक्रमण लोगों को पहले भी होता रहा है, इतना ही नहीं पांच साल से कम उम्र के सभी बच्चे कभी न कभी इसकी चपेट में आते ही हैं।
हालिया अध्ययनों में एचएमपीवी वायरस में दो नए म्यूटेशनों के बारे में पता चला है जिसे इन दिनों फैल रहे संक्रमण की मुख्य वजह माना जा रहा है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के जारी जोखिमों के बीच एक राहत भरी खबर सामने आ रही है।
एचएमपीवी के मामलों में आ रही है कमी
दिसंबर के मध्य में चीन से एचएमपीवी के इस नई लहर की शुरुआत हुई थी, जो देखते ही देखते दुनिया के कई देशों में फैल गया है। अब चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने जानकारी दी है कि उत्तरी चीन में एचएमपीवी के मामलों में कमी आ रही है। ये क्षेत्र इस संक्रामक रोग से काफी प्रभावित देखा जा रहा था।
चीनी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र की शोधकर्ता वांग लिपिंग ने बताया कि वर्तमान में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामलों में उतार-चढ़ाव जारी है। उत्तरी प्रांतों में सकारात्मक मामलों की दर घट रही है। हाल के दिनों में संक्रमण को लेकर की गई टेस्टिंग में 14 वर्ष और उससे कम आयु के रोगियों में पॉजिटिव मामलों की दर में गिरावट देखी गई है, जो राहत भरी खबर है।
भारत में कैसी है स्थिति
चीन में संक्रमण के मामलों में कमी राहत देने वाली जरूर है पर भारत में अब भी संक्रमण बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। यहां एक सप्ताह के भीतर ही वायरस का संक्रमण 7-8 राज्यों में फैल गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया, ज्यादातर संक्रमित पांच साल से कम उम्र के बच्चे या फिर 65 साल से अधिक आयु के बुजुर्ग हैं। फिलहाल अच्छी बात ये रही है कि संक्रमितों को विशेष उपचार या आईसीयू आदि की जरूरत नहीं पड़ रही है और वे खुद से ठीक हो रहे हैं।
उपाय
एचएमपीवी को लेकर अब तक के अध्ययनों से पता चलता है कि कुछ स्थितियों में वायरस का संक्रमण किडनी से संबंधित समस्याओं का भी कारण बन सकता है।
विशेषज्ञ वायरस और अन्य सांस संबंधी रोगों से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह देते हैं, जिसमें नियमित रूप से हाथ धोना, यदि संभव हो तो भीड़ से बचना और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना शामिल है।