प्रत्येक मोटा व्यक्ति जीवन में कई बार ‘डाइटिंग’ का प्रयास करता है, जिसमें वह कभी सफल होता है और कभी असफल। कभी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण तो कभी सुंदर व आकर्षक देहयष्टि पाने हेतु डॉक्टर की सलाह पर या बिना सलाह के हम अपने भोजन पर नियंत्रण करने का प्रयास करते हैं। पहले इसे डाइटिंग कहा जाता था किंतु प्राय: लोग डाइटिंग का अर्थ कम खाना या न खाना समझने लगे थे जिससे बहुत से लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा, इसलिए अब डॉक्टर डाइटिंग करने को मना करते हैं लेकिन ‘डाइट कंट्रोल’ करने को कहते हैं।
यदि हम भोजन कंट्रोल के सिद्धान्तों को समझ लें और उसके अनुरूप अपनी भोजन शैली बना लें तो हम मोटापे की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं और आकर्षक देहयष्टि के स्वामी हो सकते हैं। आइए देखें, हमें भोजन कंट्रोल में क्या करना चाहिए।
फाइबर
भोजन में फाइबर या रेशा हमें फलों और सब्जियों से प्राप्त होता है। इनका सबसे पहला लाभ यह है कि इन्हें अधिक मात्र में खाया जा सकता है ताकि हम संतुष्टि अनुभव करें। यदि सब्जियों को तेल मिलाए बिना बनाया जा सके तो ये जरा भी मोटापा नहीं बढ़ाती। उनमें उपस्थित रेशा ऐसे कई पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल देता है जो शारीरिक चर्बी में बदल सकते हैं। इस प्रकार फलों व सब्जियों का अधिक सेवन न केवल हमारी भूख को संतुष्ट करता है बल्कि हमारे शरीर में चर्बी बनाने वाले पदार्थों को भी धकेल कर बाहर निकालता है।
दालें
प्राय: हर प्रकार की दालें शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन देती हैं जो हमारी मांसपेशियों, त्वचा, हड्डियों, नाखून, बालों और रक्त के निर्माण में सहायक होता है। वैसे मांस में भी प्रोटीन होता है किंतु इसमें मांस के साथ काफी वसा भी होती है जो रक्त में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ाती है। यदि आप मांसाहार के अत्यधिक शौकीन हैं तो चिकन या फिश ही खाएं। दालों को अंकुरित कर कच्चा खाने से उनका अधिक लाभ होता है।
वसा
वसा का सेवन हम कई रूपों में करते हैं। हमारे अधिकतर व्यंजन तेल में बनते हैं। इसके अतिरिक्त पूड़ी, पकौड़े, समोसे, परांठे, पिजा, बर्गर, कटलेट, आमलेट, बिस्कुट व मिठाइयां हमें इतनी अतिरिक्त वसा देती हैं जो हमारे शरीर में अतिरिक्त चर्बी के रूप में जमा होती रहती हैं। हमारे शरीर को वसा की बहुत थोड़ी मात्र की आवश्यकता होती है जो हमें अधिकतर खाद्य पदार्थों से मिल जाती है अत: यथासंभव वसा रहित भोजन ही करने का प्रयास करें। अतिरिक्त वसा वाले खाद्य पदार्थ जिनमें मक्खन, घी, रिफाइन्ड आॅयल, चीज आदि हों, उन्हें खाने के विषय में तो विचार ही न करें।
चीनी
फलों में विद्यमान शर्करा शरीर द्वारा आसानी से पचा ली जाती है किंतु मिठाइयों, केक, बिस्कुट व चॉकलेट आदि में विद्यमान चीनी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इनसे शरीर को कोई पोषण प्राप्त नहीं होता। यही तथ्य कोकाकोला व पेप्सी जैसे शीतल पेयों के लिए भी सच है। शरीर की आवश्यकता से अधिक चीनी लेने पर उसकी चर्बी बन जाती है। कुछ लोगों को मीठा लेने के कुछ समय बाद शक्ति का अनुभव होता है किंतु यह केवल क्षणिक ही होता है। कुछ समय के पश्चात् स्थिति और भी खराब हो जाती है।
नमक
नमक में अपने आप में चर्बी नहीं होती किंतु अधिक नमक खाने से रक्तचाप के रोगियों का रक्तचाप बढ़ सकता है। अधिक नमक से शरीर को अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है जिससे वजन बढ़ जाता है अत: नमक कम खाना ही बेहतर है।
शराब
इस दुनिया में शराब के प्रेमियों की संख्या बहुत अधिक है और बढ़ती ही जा रही है पर मोटे लोगों के लिए शराब का सेवन ठीक नहीं है। कहा जाता है कि पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए। वे इसके लिए किसी न किसी डॉक्टर से प्रमाणपत्र भी दिलवा सकते हैं कि पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है किंतु कुल मिलाकर यही देखा गया है कि शराब पीने से शरीर पर कुप्रभाव ही पड़ता है।
शराब के कड़वे स्वाद के कारण इसके साथ कई प्रकार के चर्बी वाले खाद्य पदार्थ खाए जाते हैं जो मोटापा बढ़ाने में सहायक होते हैं, अत: यदि आप शराब के बिना रह सकते हैं तो इससे दूर रहना ही बेहतर है। यदि आप शराब के शौकीन हैं तो इसके साथ मांसाहारी या नमकीन खाद्य पदार्थों के स्थान पर सलाद या फल का सेवन ही करें।
क्या खाएं
यह तो था न खाने के संबंध में। अब प्रश्न यह है कि हम क्या खाएं। हमारा भारतीय भोजन दाल, रोटी, चावल, सब्जी, दही व चटनी आदि अपने आप में स्वास्थ्यकारी भोजन है। शर्त यही है कि भोजन में वसा और चीनी कम होनी चाहिए। इस भोजन से हमें लगभग सभी पोषक पदार्थ मिल जाते हैं। यदि आप दूध पीने के शौकीन हों तो स्किल्ड मिल्क ही पियें जिसमें वसा की मात्र बहुत कम होती है। भोजन से लगभग आधा घंटा पूर्व पानी अवश्य पिएं।
और क्या करें
आकर्षक देहयष्टि पाने के लिए भोजन कंट्रोल तो आवश्यक है ही, इसके साथ ही नियमित हल्का व्यायाम भी आवश्यक है। नियमित रूप से हल्का व्यायाम करने से न केवल हमारे शरीर में चुस्ती व स्फूर्ति बनी रहती है बल्कि यह हमारी भूख को भी काबू में रखता है। जो लोग व्यायाम बिल्कुल नहीं करते, प्राय: उनकी भूख साधारण से अधिक होती है और उनका मोटापा बढ़ता ही जाता है, अत: नियमित हल्का व्यायाम भोजन कंट्रोल का ही एक भाग है।
अशोक गुप्त