Saturday, July 27, 2024
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कन्याओं का भविष्य, आखिर कैसे होगा उज्जवल ?

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  • लावड़ में डिग्री कॉलेज की दरकरार, तमाम बार वायदे नतीजा सिफर

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: अंग्रेजी हुकूमत ने लगभग 115 वर्ष पूर्व लावड़ को टाउन घोषित किया था। कहने को यह कस्बा ऐतिहासिक कस्बा है, लेकिन यह सिर्फ अब नाम मात्र का ही ऐतिहासिक रह गया है। क्योंकि इस कस्बे की कन्याओं का भविष्य कब उज्जवल होगा। यह सवाल बेहद पेचीदा और गंभीर है। इस कस्बे की कन्याएं इंटरमीडिएट की शिक्षा ग्रहण करने के बाद आगे की शिक्षा ग्रहण नही कर पा रही है। इसका मुख्य कारण कन्याओं को महानगर में 25 किमी दूर जाना पड़ता है और अभिभावक बेटियों को दूरी अधिक होने के कारण आगे की शिक्षा ग्रहण नहीं करवा पा रहे हैं।

जिसके चलते इन कन्याओं का भविष्य अंधकार में लटका हुआ है। लावड़ की लगभग एक लाख की आबादी है। यह कस्बा बेहद नामचीन कस्बों में गिना जाता है। यह कस्बा खाने पीने की चीजों के अलावा विभिन्न उद्योगों के लिए यह कस्बा जाना जाता है। इस कस्बे की खासियत यह रही है कि यह कस्बा जब से स्थापित हुआ है तब से इस कस्बे में डिग्री कॉलेज की दरकरार के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है, लेकिन कस्बे में डिग्री कॉलेज आज तक स्थापित नहीं हुआ है। कस्बे में एक दर्जन से अधिक पब्लिक स्कूल है। तीन इंटर कॉलेज है,

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लेकिन डिग्री कॉलेज न होने के कारण कस्बे की कन्याएं आगे की शिक्षा ग्रहण करने में असक्षम हो रही है। कस्बा निवासी मोहन सैनी का कहना है कि कस्बे को डिग्री कॉलेज मिलना बेहद आवश्यक है। क्योंकि यहां की कन्याएं इंटर की शिक्षा के बाद महरूम हो रही है। नायाब रिजवी का कहना है कि कस्बे को डिग्री कॉलेज मिलना बेहद जरूरी है। हर बार कस्बेवासियों को सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। डा. इकबाल मलिक का कहना है कि हर बार जनप्रतिनिधियों ने भी डिग्री कॉलेज के लिए आश्वासन दिया, लेकिन कस्बेवासियों को सिर्फ मायूसी के अलावा कुछ नहीं मिला है।

परंपरागत रूप से मेला नौचंदी का उद्घाटन कल

मेरठ: मेला नौचंदी का परंपरागत रूप से रविवार शाम 4:00 बजे उद्घाटन किया जाएगा, हालांकि मेला कब से शुरू होगा इसकी घोषणा बाद में की जाएगी। दरअसल, मेला नौचंदी को लेकर लंबे समय से एक परंपरा यह चली आ रही है कि इसका परंपरागत रूप से उद्घाटन होली के दूसरे सप्ताह में आने वाले रविवार को होता है। इस बार भी आने वाले रविवार को मेले का उद्घाटन करने की तैयारी की जा रही है। इस क्रम में जिला पंचायत की ओर से फीता काटने गुब्बारे और कबूतर उड़ाने के साथ-साथ नवचंडी मंदिर में पूजा-अर्चना और बाले मियां मजार पर चादर चढ़ाने की रस्म अदायगी की जाएगी।

लोकसभा चुनाव 2024 के संबंध में आचार संहिता लगी होने के कारण मेला उद्घाटन के दौरान किसी जनप्रतिनिधि के पहुंचने की संभावनाएं कम है। अलबत्ता मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और प्रशासन के अधिकारी रविवार को नौचंदी मैदान पहुंचकर उद्घाटन की औपचारिकता पूरी कर सकते हैं। उद्घाटन की रस्म अदायगी के बाद विधिवत रूप से मेला कब शुरू होगा, इसको लेकर अभी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। जिला पंचायत के सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2022 में भी ऐसी स्थिति बनी थी, इसके संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग से अनुमति ली गई थी। इस बार भी मेला नौचंदी के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अनुमति मांगी गई है।

इसके बारे में एक-दो दिन में कोई निर्णय होने की संभावना है। निर्वाचन आयोग से मेले को शुरू करने की तिथि और अवधि की बाबत अनुमति मिलने के आधार पर मेला नौचंदी का विधिवत आगाज कराया जाएगा। गौरतलब है कि मेला नौचंदी का आयोजन एक वर्ष नगर निगम और एक वर्ष जिला पंचायत के माध्यम से कराने की व्यवस्था कोर्ट की ओर से की गई है। इस बीच मेला नौचंदी को राजकीय मेले का दर्जा भी मिल चुका है। जिसके बाद मेला आयोजन में प्रशासनिक अधिकारियों की भागीदारी भी बढ़ गई है।

इस दौरान शुक्रवार को सिद्ध पीठ प्राचीन श्री चंडी देवी मंदिर ट्रस्ट पर मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल, नगर निगम के अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी भारती धामा, डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव ने अधीनस्थ अधिकारियों की टीम के साथ मेला नौचंदी 2024 की तैयारी के संबंध में मेला ग्राउंड का निरीक्षण किया। साथ ही प्राचीन श्री चंडी देवी मंदिर ट्रस्ट पर जाकर माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर कमेटी की ओर से सरबजीत कपूर ने उन्हें माता रानी की चुनरी भेंट की। पीठाधीश्वर महंत श्री 108 आचार्य संजय शर्मा से भी विचार विमर्श किया गया।

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