Saturday, July 27, 2024
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जैसा खाओंगे अन्न, वैसा ही होगा मन

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  • सात्विक और शुद्ध भोजन से मन एकाग्रचित होकर रमता है साधना में

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा 9 अप्रैल से नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं। ऐसे में लोग माता को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं। कहावत है कि जैसा खाओ अन्न वैसा हो जाए मन, त्योहारों में गरिष्ठ भोजन के उपरांत नवरात्र साधना और शारीरिक शोधन का पर्व है। सात्विक व शुद्ध भोजन से मन एकाग्रचित हो कर साधना में रमता है व शरीर स्वस्थ रहता है। इस दौरान कुछ व्रती एक समय फलाहार करते हैं

तो कुछ बिना फलाहार ही मात्र लौंग के जोड़े पर 9 दिन का उपवास रखते हैं। व्रत के दौरान नौ दिन के लिये अन्न का त्याग किया जाता हैं। ऐसे में व्रती घर के बने खाद्य सामग्री का ही प्रोयाग करते हैं। आज के समय में हर कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहा है। इसके लिए उपवास के दौरान अच्छी डाइट लेना बेहद जरूरी है।

कुछ लोग लॉन्ग के जोड़ पर व्रत रखते हैं यानि की वो दिन में मात्र चार लॉन्ग और जल का सेवन करते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिन में सिर्फ एक बार ही फलाहार लेते हैं। ऐसे में उपवासी को उपवास से दो दिन पहले ही कम आहार लेना शुरू कर देना चाहिये। इनको भोजन में दूध दही खजूर नारियल पानी के साथ ही मौसमी फलों का सेवन शुरू कर देना चाहिए इससे शरीर हाइड्रेटेड रहेगा और कैल्शियम और पोषक तत्व शरीर में बने रहेंगे।

राज मल्होत्रा बताते हैं कि वो चार-पांच साल की आयु से लॉन्ग के जोड़े पर व्रत रख रहे हैं। फील्ड वर्क होने के कारण उनको दिनभर गर्मी में बाहर रहना पड़ता है ये देवी मां की कृपा ही हैं, जो उनको उपवास करने की शक्ति प्रदान करती हैं। गर्मी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए नवरात्र के उपवास के दौरान शरीर का हाइड्रेटेड रखना जरुरी हो जाता है।

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इसके लिए समय-समय पर पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, ग्लूकोस, पानी वाले रसीले फल जैसे संतरा, अंगूर, खीरा, तरबूज का सेवन करना चाहिए। साथ ही सुबह फलो से बनने वाले चीकू, आम, स्ट्रॉबेरी व बनाना शेक आदि शेक व स्मूथी के रूप में ले सकते हैं। यह दिन भर न सिर्फ आपको हाइड्रेटेड रखेगा बल्कि आपकी कार्यक्षमता और एनर्जी को भी बनाए रखेगा।

लम्बे समय तक भूखा रहने से बचे

उपवास के दौरान जो लोग कामकाजी हैं और रोगी हैं उन्हें लंबे समय तक खाली पेट नही रहना चाहिए। ऐसे लोगों को कमजोरी, वात पित्त में वृद्धि की समस्या उत्पन्न हो सकती है। उनके लिए जरूरी है कि वह थोड़े-थोड़े अंतराल पर कुछ खाते रहे जैसे मखाना, मूंगफली, व्रत वाली नमकीन, साबूदाना नमकीन, फ्रूट चाट, फ्रूट क्रीम, ड्राई फ्रूट्स आदि।

व्रत में क्या खाएं

नवरात्रि के उपवास में चौलाई के लड्डू, समा के चावल, सिंघाड़ा और कूटू की गिरी। आलू के चिप्स कुट्टू के आटे की भूजियां मूंगफली, मखाना। दुग्ध पदार्थों से निर्मित मिठाइयां जैसे मावा बर्फी, लौकी की बर्फी, लड्डू, दूध और डेयरी उत्पाद जैसे दही, पनीर, दूध, क्रीम, का सेवन कर सकते हैं। साथी फलाहार में कुट्टू व सिंगाड़े के आटे की पूरी, पराठे, पकोड़ी , तथा सब्जियों में आलू, पेठा, अरबी, टमाटर, लौकी का सेवन कर सकते हैं।

व्रत में क्या ना खाएं

उपवास के दौरान तामसिक भोजन व मंदिरा का प्रयोग करना वर्जित माना गया है। साथ ही इन दिनों अधिक चिकनाई वाला भोजन करने से भी बचना चाहिये। इस मौसम में अधिक चिकनाई वाले भोजन करने से जी मिचलाना, उलटी आना, भारीपन लगना जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। मां शाकंभरी ट्रेडर्स के मालिक मयंक अग्रवाल बताते हैं कि रोजा और नवरात्र को देखते हुए रेट में बढ़ोतरी हुई है।

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