Wednesday, July 9, 2025
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निकलिये कैसे निकलेंगे? हाल-ए-हापुड़ अड्डा

  • कुछ ही दिन चली ट्रैफिक पुलिस की कवायद
  • हापुड़ अड्डे पर फिर से लगा ई-रिक्शाओं और आटो का जमावड़ा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: ट्रैफिक पुलिस ने हापुड़ अड्डा चौराहे की सूरत एक महीने पहले कुछ इस तरह बदल दी थी कि लगता था कि अब यहां कभी जाम नहीं लग पायेगा, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की यह कवायद कुछ दिन ही चली कि ई-रिक्शाओं और आॅटो ने फिर से अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। आये दिन चौराहे पर ई-रिक्शाओं और आॅटो का बेतरबीब खड़े होना और जाम लगा देना। हर किसी के लिए फिर से मुसीबत बन गया। यही वजह है कि हापुड़ अड्डा फिर से जाम-ए-नासूर बनता चला जा रहा है।

शहर का सबसे अतिव्यस्त हापुड़ अड्डा चौराहा, इस चौराहे से वाहनों का निकालना तो दूर पैदल निकलना भी दुश्चारियों से भरा है। सड़क के दोनों ओर ठेले वालों का कब्जा ओर वहीं अॉटो व ई-रिक्शाओं द्वारा चौराहे पर किया गया अतिक्रमण हर किसी की आंखों के सामने जाम की स्थिति बयां करते नजर आ जायेगा। वर्तमान में हापुड़ अड्डे पर जाम की स्थिति फिर से बद से बदतर हो चली है। चंद दिनों पहले ही एसपी ट्रैफिक राघवेन्द्र मिश्रा ने हापुड़ अड्डा चौराहे को सौ मीटर दूरी तक ई-रिक्शा और आॅटो के लिए प्रतिबन्धित क्षेत्र घोषित कर दिया था।

उन्होंने जाम पर लगाम कसने की कवायद शुरु की थी। कुछ दिन तो सब कुछ ठीक चला। लेकिन फिर से ई-रिक्शाओं व आॅटों का बेतरबीब संचालन और बीच सड़कों पर खड़े रहकर सवारियों का भरना, आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। हापुड़ रोड से चौराहे की ओर आने वाले मार्ग पर लापरवाही से दौड़ते ई-रिक्शा और आॅटो ने तो हद कर दी। हजारों की तादाद में ये ई रिक्शा और आॅटो बीच चौराहे पर खड़े होकर सवारियों के इंतजार में जाम लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। यूं तो ट्रैफिक पुलिस ने वाहनों के आवागमन के लिए तीन लाइन डिवाइडर बनाकर एक अच्छा प्रयास किया,

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लेकिन बावजूद इसके ई-रिक्शा और आॅटो रॉग साइड आकर न केवल यातायात प्रभावित करते हैं। बल्कि जाम लगाने में देर नही करते। हापुड़ अड्ड चौराहा शहर का सबसे बड़ा भीड़भाड़ वाला चौराहा है। यहां गढ़ रोड व हापुड़ रोड मार्ग से बेगमपुल तथा बेगमपुल से गढ़ रोड व हापुड़ रोड की तरफ ट्रैफिक संचालित होता है। हापुड़ मार्ग से दाहिने मुड़ने वाले ट्रैफिक में टकराव की स्थिति के कारण यहां आवागमन प्रभावित होता है। यहां न तो ट्रैफिक सिग्नल की कोई व्यवस्था है। न ही पैदल पार करने के लिए राहगीरों के लिए कोई फु ट ओवर ब्रिज है।

ट्रैफिक पुलिस का प्लान हुआ धड़ाम

मुस्कान नर्सिंग होम के मालिक केके खान का कहना है कि पूर्व में अतिक्रमण का प्लान ई-रिक्शाओं व आॅटो को चौराहे से दूर खड़े रखना, सिर्फ कुछ दिन ही चला, लेकिन अब फिर से वही जाम की स्थिति बन जाती है। एंबुलेंस को निकलने में रास्ता तक नहीं मिल पाता। चारों ओर ई-रिक्शा और आॅटो खड़े रहते हैं।

जाम की समस्या हद से ज्यादा

शफीक अहमद का कहना है कि चौराहे पर इतना जाम रहता है कि वाहनों का निकलना मुश्किल हो जाता है। उनकी कांच के पुल के पास वर्कशॉप है। यदाकदा ही उनकी गाड़ियां आती हैं तो घंटों चौराहे पर फंसी रहती हैं। जाम की समस्या ज्यादा है।

मैं आज हापुड़ अड्डे पर ही हूं। थोड़ा इसका ओर विकल्प खोजा जा रहा है। थोड़ा चुनाव में सब व्यस्त हो गये थे। अब सभी को यातायात पालन के लिए कहा गया है। जल्दी ही ट्रैफिक दुरुस्त किया जायेगा। -राघवेन्द्र मिश्रा, एसपी ट्रैफिक

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