Saturday, July 27, 2024
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अपना रोजगार खड़ा करना है तो आइए जिला उद्योग केंद्र

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  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कामगारोें को बिना गारंटी मिलेगा एक लाख रुपये तक का ऋण
  • युवाओं को रोजगार के लिए दिया जा रहा केन्द्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना ऐसे कामगारों के लिए वरदान है, जो हुनर तो रखते हैं, लेकिन उनके पास अपना काम शुरू करने के लिए धन नहीं है। इस योजना के अंतर्गत कामगारों को प्रशिक्षण देकर 15 हजार रुपये टूल किटस के लिए मिलेंगे। प्रशिक्षण की अवधि में 500 रुपये प्रतिदिन मानदेश् मिलेगा, और काम शुरू करने के लिए बिना गारंटी एक लाख रुपये तक का लोन बिना गारंटी के उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री युवा स्व:रोजगार योजना समेत कई योजनाएं बेरोजगारों को अपने पैरों पर खड़ा करने के अवसर दे रही हैं।

उपायुक्त उद्योग दीपेन्द्र कुमार सिंह ने योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इन दिनों शासन-प्रशासन के स्तर से पीएम विश्वकर्मा योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार का अभियान चलाया गया है। इस योजना में केंद्र सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए ग्रामीण इलाकों में रह रहे कामगारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत वह व्यक्ति जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कार्यों को करके अपना गुजर-बसर करते हैं, उन्हें लाभान्वित किया जाएगा।

इस योजना के प्रथम चरण में कामगारों को 500 रुपये प्रतिदिन मानदेय के साथ प्रशिक्षण देकर 15 हजार रुपये किट्स के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत ऐसे कामगारों को बिना गारंटी के केवल पांच प्रतिशत ब्याज दर पर एक लाख रुपये तक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो कामगार हुनर तो रखते हैं, परन्तु उनके पास इस काम को शुरू करने के लिए पैसा नहीं है। ऐसे लोगों के लिए सरकार की यह पीएम विश्वकर्मा योजना वरदान साबित होगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) एक प्रमुख क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है

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जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पारंपरिक कारीगरों और बेरोजगार युवाओं की सहायता करना और गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से स्व-रोजगार के अवसर पैदा करना है। इस योजना में मेरठ जनपद में चालू वित्त वर्ष में अभी तक करीब 80 लाभार्थियों को 14 करोड़ रुपये के लोन दिए जाने की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है। इसमें 25 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है। पीएमईजीपी के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है, पात्रता मानदंड में शामिल है। पीएमईजीपी के तहत परियोजनाओं की स्थापना व उसकी सहायता के लिए कोई आय सीमा नहीं होगी।

विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख रुपये से अधिक और व्यवसाय/सेवा क्षेत्र में पांच लाख रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजना की स्थापना के लिए, लाभार्थियों के पास कम से कम आठवीं कक्षा पास शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए। इस योजना के अंतर्गत सहायता केवल पीएमईजीपी के अंतर्गत विशेष रूप से स्वीकृत नई परियोजनाओं के लिए उपलब्ध है। मौजूदा इकाइयां

(पीएमआरवाई, आरईजीपी या भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के तहत) और वे इकाइयां जो भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के तहत पहले से ही सरकारी सब्सिडी का लाभ उठा चुकी हैं, पात्र नहीं हैं। पीएमईजीपी सभी नए व्यवहार्य सूक्ष्म उद्यमों पर लागू होता है।

एमवाईएसवाई में 25 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता

राज्य की बेरोजगारी की समस्या को कम करने और प्रदेश के युवाओं को अपने पैरों पर खड़े करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मुख्यमंत्री युवा स्व:रोजगार योजना शुरू की है । इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए 25 लाख रुपये तक कम ब्याज दर में लोन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसमें उद्योग क्षेत्र के लिए 25 लाख और सेवा क्षेत्र के लिए 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

साथ ही सरकार द्वारा परियोजना लागत की कुल राशि की 25 प्रतिशत मार्जिन मनी सब्सिडी भी दी जाएगी। उद्योग क्षेत्र के लिए अधिकतम 6.25 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र के लिए 2.50 लाख रुपये की मार्जिन मनी उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष और शैक्षिक योग्यता कम हाई स्कूल पास होना चाहिए। इस योजना में केवल आॅनलाइन पोर्टल के माध्यम से भरे गए आवेदन पत्र ही मान्य होंगे। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेश के 21 प्रतिशत अनुसूचित जाति/ जनजाति के युवाओं को लाभ दिए जाने का प्रावधान रखा गया है।

पीएमईजीपी में मेरठ जनपद के लिए निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 90 प्रतिशत तक ऋण वितरण और सब्सिडी का कार्य पूर्ण हो चुका है। मुख्यमंत्री युवा स्व:रोजगार योजना के अंतर्गत चार करोड़ से अधिक के ऋण दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। एक जिला एक उत्पाद योजना में 16 करोड़ के लोन दिए गए हैं। इन सभी योजनाओं में कम ब्याज दर पर ऋण देने के साथ-साथ 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। लक्ष्य से अधिक आवेदन आने की स्थिति में योजना को विस्तार दिए जाने के लिए शासन स्तर पर निर्णय लिया जाता है। -दीपेन्द्र कुमार सिंह, उपायुक्त उद्योग, मेरठ

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