Wednesday, December 11, 2024
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भूसा मंडी में कैंट बोर्ड की मिलीभगत से हो रहे अवैध निर्माण

  • शिकायत के बाद हथौड़ा गैंग ने कुछ निर्माण तोड़ा लोगों ने किया जमकर हंगामा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: छावनी क्षेत्र में अगर किसी को अपना मकान बनाना है तो कड़े नियमों से होकर गुजरना पड़ता है। हो सकता है कि इन नियमों के चलते मकान ही न बना पाए, लेकिन अगर कैंट बोर्ड के अफसरों व कर्मचारियों से आपकी ठीकठाक सेटिंग है तो फिर कुछ भी बनाओ, कोई दिक्कत नहीं। आपसे कोई रोक टोक नहीं करेगा। आप कुछ भी करें। अब जिनकी कोई एप्रोच नहीं, उनके लिए मुसीबत है। ऐेसे लोगों को कैंट बोर्ड के लोग अक्सर परेशान करते हैं। दो र्इंट लगाने पर ही निर्माण सील कर देते हैं और सामान उठाकर ले जाते हैं। इसके चलते भूसा मंडी में कई बार हंगामा और मारपीट तक हो चुकी है।

कुछ वर्ष पहले भूसा मंडी बंगला नंबर-199 में छावनी परिषद की मिलीभगत से अवैध निर्माण हुए। यहां बिल्डरों ने सेटिंग करके तमाम फ्लेट बनाकर बेच दिये। यह स्थिति तो तब है, जब इसे आमी से जुड़ी भूमि बताया जाता है। कैंट में बिल्डरों के हौंसले बुलंद हैं। यहां भूसा मंडी के सामने ही मक्की गेस्ट हाउस व मंडप बनाया गया है। करीब 700 गज जगह को करोड़ों में खरीदा गया और कैंट बोर्ड अफसरों व कर्मचारियों से सेटिंग कर पर्दा डालकर यहां निर्माण शुरू हो गया। बिल्डर न यहां नीचे दुकान और ऊपर फ्लैट बना दिये।

कैंट के सीईओ से शिकायत हुई। इसके बाद भी कुछ कार्रवाई नहीं हुई। बुधवार को फिर क्षेत्र के लोग मामले को लेकर सीईओ से मिले तो उन्होंने हथौड़ा गैंग भेजकर मंडप के अंदर चल रहे काम को रुकवाया और खड़े पिलर तोड़ दिये। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि यह मंडप दिल्ली के रहने वाले मक्की पुत्र इरशाद का था। जिसको वह मेहताब के रहने वाले एक बिल्डर को रातों रात बेचकर चला गया। जबकि इसके ऊपर छावनी परिषद के लाखों रुपये बकाया है।

पहले हो चुका है काफी बवाल

कुछ वर्ष पहले भूसा मंडी के सामने बंगला नंबर-199 में आर्मी लैंड पर कब्जाकर लोग मकान बनाकर रहने लगे। कैंट बोर्ड की टीम अफसरों के आदेश पर कब्जा हटाने गयी तो विरोध हुआ। पैसे लेकर निर्माण कराने के आरोप लगे। इसके बाद हंगामा और जमकर पथराव हुआ था। कई गाड़ियों में आग लगा दी गयी थी। इसके बाद से छावनी परिषद के लोग यहां जाने की हिम्मत नहीं जुटाते। यही वजह है कि यहां जमीन पर कब्जा कर धड़ाधड़ निर्माण हो रहे हैं। सभी के पीछे कैंट बोर्ड के लोगों की मिलीभगत है।

पहले कराते हैं निर्माण, फिर आ जाते हैं तोड़ने

अवैध निर्माण को तोड़ने पहुंचे छावनी परिषद के कर्मचारियों पर वहीं के लोगों ने जमकर आरोप लगाये। कहा कि पहले निर्माण कराते हो और फि तोड़ने के लिए आ जाते हो। यहां काफी लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिसने खूब हंगामा किया। लोगों ने पैसे लेकर निर्माण कराने के आरोप लगाये।

कमेटी बोली, बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स नहीं बनेगा

मेरठ: रेलवे रोड स्थित श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर व धर्मशाला के जीर्णांद्धार को लेकर संस्था की कमेटी और दुकानदारों के बीच चल रहे विवाद में बुधवार को कमेटी ने भरोसा दिलाया कि जो जर्जर भवन है, उसका जीर्णोंद्धार किया जाएगा वहां बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स नहीं बनेगा। वहीं, दूसरी ओर इस बिल्डिंग के दुकानदारों ने कमेटी पर जीर्णांेद्धार के नाम पर दुकानें खाली का आरोप लगाया और किसी भी दबाव में दुकानें खाली न करने की बात कही।
रेलवे रोड स्थित श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर व धर्मशाला के जीर्णोंद्धार को लेकर संस्था की कमेटी और दुकानदारों के बीच विवाद चल रहा है।

बुधवार को कमेटी ने पत्रकार वार्ता में अपना पक्ष रखा। कमेटी के प्रधानमंत्री सुरेन्द्र जैन ने कहा कि उक्त भवन 100 वर्ष पुराना है, जिसमें 19 दुकानें हैं। दुकानों के ऊपर धर्मशाला के कमरे हैं, जो जर्जर हालत में हैं। उक्त भवन के गार्डर तक गल चुके हैं। छतों से पानी टपकता है। इसीलिए ऊपर के कमरों को बंद कर दिया गया। वहां की लाइट भी काट दी गई, ताकि कोई दुर्घटना न घटे। गत एक दिसंबर-2022 को दुकानदारों ने नगरायुक्त को ज्ञापन देकर उक्त भवन के पुनर्निर्माण देने की मांग उठाई थी। कमेटी ने अब इस भवन के जीर्णांेद्धार की अनुमति मेरठ विकास प्राधिकरण से ली है।

इस कार्य के दौरान कोई जान व माल की हानि न हो, इसलिए भवन के किरायेदार दुकानदारों से दुकानों को खाली करने का आग्रह किया गया, लेकिन कुछ दुकानदार दुष्प्रचार किया जा रहा है कि वहां पांच मंजिला कॉम्पलेक्स बनाया जा रहा है। इसके लिए मेडा से नक्शा पास कराना जरूरी है, लेकिन कमेटी ने नक्शे के लिए कोई आवेदन ही नहीं किया। उन्होंने कमेटी पर लगाए जा रहे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया। पत्रकार वार्ता में मंत्री प्रमोद कुमार जैन, अक्षय जैन, प्रवीन जैन आलू वाले, अनिल जैन, हंस जैन, प्रेम चंद जैन, विनोद जैन, विजय जैन आदि मौजूद रहे।

वहीं, दूसरी ओर उक्त भवन में दुकान चलाने वाले नमो जैन, निखिल स्वामी, अभिषेक, ताराचंद ने पत्रकार वार्ता में कमेटी पर आरोप लगाया कि उक्त भवन के जर्जर छज्जे की मरम्मत करने के बजाए वहां पांच मंजिला कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए दुकानें खाली कराने को नोटिस दिए गए। उन्होंने बताया कि दुकानदारों से कहा गया कि पहले एक साइड की चार दुकानें तोड़ेंगे और उन्हें बनाएंगे। इसके बाद दूसरी ओर की चार दुकानें तोड़कर बनाई जाएंगी। व्यापारियों ने जब धर्मशाला के अंदर दुकान का सामान रखने को जगह मांगी तो जगह देने को मना कर दिया।

दुकानदारों से दुकाने बनाने के लिए 500 रुपये वर्ग फीट की दर से धन की मांग की जा रही। दुकानादरों को कुछ भी लिखकर नहीं दिया जा रहा। जीर्णांद्धार के नाम पर दुकानों के पीछे के भवन को ढहा दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे में वे किसी भी कीमत पर दुकानें खाली नहीं करेंगे। इस मौके पर राम लाल, साहित, प्रभात आदि मौजूद रहे।

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